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हमें एक भी मुसलमान के मत की आवश्यकता नहीं – विधायक टी. राजासिंह

भाग्यनगर (तेलंगाना) के भाजपा विधायक टी. राजासिंह का वक्तव्य

भाजपा विधायक टी. राजासिंह

भाग्यनगर (तेलंगाना) – मुझे मेरे विधानसभा मतदाता संघ में रहनेवाले एक भी मुसलमान का मत नहीं चाहिए । हमारी लडाई केवल उन्हीं से है । तेलंगाना में हम गोहत्या और लव जिहाद के विरुद्ध लडते हैं । इसलिए मुसलमान मुझे मत नहीं देते । मुझे उनके मत मिलनेवाले नहीं है । इसलिए मुझे उनसे कोई अपेक्षा नहीं है । मैं गाय की हत्या करनेवाले का मत नहीं चाहता । आज भी नहीं और भविष्य में भी नहीं, ऐसा वक्तव्य यहां के गोशामहल मतदाता संघ के भाजपा विधायक टी. राजासिंह ने एक समाचापत्र को दिए साक्षात्कार में दिया । ‘जो ऊर्जा आप मुसलमानों पर व्यय करते हो, वह हिन्दुओं पर व्यय की तो अधिक लाभ होगा, यह बात भाजपा के नेता समझ लें’, ऐसा भी वक्तव्य राजासिंह ने इस समय दिया । भाग्यनगर के लोकसभा मतदाता संघ के प्रसार का दायित्व टी. राजासिंह के पास है । यहां ६० प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं । वर्तमान में यहां पर एम्.आई.एम्. के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सांसद हैं और वे फिर से एक बार यहां से चुनाव लड रहे हैं ।

टी. राजासिंह ने साक्षात्कार में प्रस्तुत किए कुछ सूत्र

१. मुसलमानों से अब काशी, मथुरा और तेजोमहाल लेना शेष है । हमारा विष्णुस्तंभ अभी तक टिका हुआ है । ये लोग भोजशाला का सरस्वतीमाता मंदिर तोडकर वहां नमाजपठन करते हैं । यह सब वापस लेना अभी शेष है ।

२. मैं जहां जाता हूं, वहां धर्म के बारे में बोलता हूं । जिन्होंने मेरा धर्म नष्ट करने की योजना बनाई, लव जिहाद को प्रोत्साहित किया, लोगों का धर्मांतरण किया, मेरे मठ और मंदिर ध्वस्त किए, उनका इतिहास मैं निश्चित ही बताऊंगा ।

३. आज का हिन्दू मार खानेवाला नहीं है । पहले सरकार हिन्दुओं के पक्ष में न रहने से लोग मार खाकर घर में बैठते थे । लोगों को भय था कि उन्होंने कुछ भी बताया और किया, तो उनके विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया जाएगा ।

४. चुनाव प्रचार के लिए मैं प्रत्येक राज्य में जाता हूं । भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना मेरा ध्येय है । इसी संकल्प से मैं निषेधयात्राओं और सभाओं का आयोजन करता हूं । आज तक मेरी सभा के पहले अथवा उपरांत एक भी दंगा नहीं हुआ है ।

५. हमारे हिन्दू राष्ट्र में देशभक्त मुसलमानों को स्थान होगा । जो लोग देश में रहते हैं और देश तोडने का विचार करते हैं, जो देश में रहकर आतंकवादियों का साथ देते हैं, जिनकी मनोवृत्ति आतंकवादी है, ऐसे लोगों को हिन्दू राष्ट्र में स्थान नहीं हो सकता ।

६. कर्नाटक हो, केरल हो अथवा तेलंगाना, जहां कांग्रेस की सत्ता है, वहां हिन्दुओं पर अत्याचार हुए हैं ।

७. असदुद्दीन ओवैसी और उनका भाई अकबरुद्दीन शांति के लिए सबसे बडा संकट हैं । जहां से वे भाषण कर लौटे हैं, वहां के मुसलमानों ने कामधंधा छोडकर आतंकवादियों का विचार करना आरंभ किया । कानून से ओवैसी की सनातन धर्मविरोधी सभाओं पर प्रतिबंध लाना चाहिए ।

स्त्रोत : सनातन प्रभात हिंदी

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