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भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने कांग्रेस सरकार के विरोध की उपेक्षा कर निकाली शोभायात्रा

रावणरूपी कांग्रेस को प्रभु श्रीराम में कोई रुचि नहीं है, यह बात सभी को ज्ञात है; इसीलिए कांग्रेस सरकार ने रामनवमी की शोभायात्रा को अनुमति नहीं दी । जिन हिन्दुओं ने कांग्रेस को सत्ता में लाया है, क्या उन्हें यह बात स्वीकार है ? – संपादक

भाग्यनगर (तेलंगाना) में पुलिस ने रामनवमी की शोभायात्रा को नहीं दी थी अनुमति !

भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह

भाग्यनगर (तेलंगाना) – यहां के भाजपा के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह को रामनवमी निमित्त आयोजित शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी गई थी । तब भी टी. राजा सिंह ने सरकार के विरोध की उपेक्षा कर शोभायात्रा निकाली । इस शोभायात्रा में सहस्रो हिन्दू प्रतिवर्ष की भांति सम्मिलित हुए ।

१. विधायक टी. राजा सिंह ने बताया कि १६ अप्रैल को रात ८.३० बजे पुलिस ने एक पत्र भेजकर बताया कि इस वर्ष रामनवमी की शोभायात्रा की अनुमति निरस्त की गई है । यह समस्या सुलझाने के लिए बहुत ही कम समय शेष था । अनेक वर्षाें से निकाली जा रही रामनवमी की शोभायात्रा, भक्ति का प्रतीक है । इस शोभायात्रा में पूरे देश से लाखो रामभक्त आते हैं । हिन्दुओं की स्वतंत्रता पर बिना किसी कारण प्रतिबंध लाने का यह प्रयत्न है । इसके पहले सत्ता में रहे के. चंद्रशेखर राव सरकार के कदमों पर चलनेवाली कांग्रेस सरकार से हमें अनुमति नकारने के निर्णय की ही अपेक्षा थी ।

२. यह शोभायात्रा आकाशपुरी हनुमान मंदिर से रामकोटी की हनुमान व्यायामशाला तक निकाली गई । इसके लिए सवेरे १० से रात १० तक का समय मांगा गया था; परंतु तेलंगाना पुलिस ने इसे अस्वीकार किया था ।

जयपुर (राजस्थान) में कांग्रेस द्वारा प्रविष्ट परिवाद के कारण भगवे झंडे हटाए गए !

दूसरी ओर राजस्थान की राजधानी जयपुर में हिन्दू संगठन सडक पर उतर आए हैं । वहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार होते हुए भी लोकसभा चुनावों के कारण प्रशासन चुनाव आयोग के आदेशानुसार कार्यरत होने से कांग्रेस के परिवाद के कारण जयपुर में सर्वत्र लगाए भगवे झंडे हटाए गए हैं । विश्‍व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का पुतला जलाकर इस कार्यवाही का निषेध किया है । हिन्दू संगठनों ने बताया कि कांग्रेस का चुनाव तथा रामनाम से कोई संबंध नहीं है ।

जयपुर शहर लोकसभा मतदाता संघ के कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह खाचरियावास ने अधिवक्ता मंगल सिंह के माध्यम से जिला दंडाधिकारी के पास लिखित परिवाद प्रविष्ट (दाखिल) किया है । इसमें कहा है कि, ‘वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में एक विशिष्ट पार्टी को लाभ हो, इसलिए परकोटा के बजार में भगवे झंडे लगाए गए हैं । यह आदर्श आचारसंहिता का उल्लंघन है ।’

इसके उपरांत रात ही में महापालिका ने झंडे उतार दिए । हवामहल के विधायक बालमुकुंदाचार्य ने जिलाधिकारी से परिवाद कर झंडे फिर से लगाने की मांग की है ।

स्त्रोत : सनातन प्रभात हिंदी

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