प्रेमिका के भाई का मिला था शव
मुंबई उच्च न्यायालय ने प्रेमिका के चचेरे भाई का सर काटकर मौत के घाट उतारने वाले निजाम असगर हाशमी की उम्रकैद की सजा पर रोक लगा दी है, साथ ही उसे जमानत भी दे दी है कि वो कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र होगा। मुंबई उच्च न्यायालय ने हत्या में प्रयुक्त बाँके पर मिले खून के निशान वाली रिपोर्ट को भी नहीं माना और कहा कि निजाम असगर हाशमी करीब साढ़े ५ से ज्यादा समय जेल में बिताया है, इसलिए उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस श्याम सी चांडक की खंडपीठ ने की और ८ अप्रैल २०२४ को फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि हत्या में प्रयोग किए गए बाँके पर इंसानी खून मिला। कोर्ट ने कहा, “अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार एक खाई में मिला, जिसमें घुटने तक पानी भरा हुआ था। इसके बावजूद फॉरेंसिक रिपोर्ट में उस हथियार पर इंसानी खून मिलने की बात कही गई है, जिसे हम खारिज करते हैं, क्योंकि PW2 की उपस्थिति में ऐसा होना संभव नहीं।” कोर्ट ने इस बात का भी लाभ असगर हाशमी को दिया कि वो CCTV फुटेज में भले ही उमेश के साथ दिखा था, लेकिन उमेश का शव तीन दिन बाद मिला था।
पुलिस ने जाँच के दौरान निजाम असगर हाशमी की निशानदेही पर एक नहर के पास बनी खाई से हत्या का हथियार सत्तूर यानी बाँका, मृतक का पैन कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किया था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने ३० सितंबर २०२३ को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इस मामले में हाशमी के वकीलों ने सजा पर रोक लगाने और हाशमी को जमानत पर रिहा करने की माँग करते हुए याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने उसकी सजा पर रोक लगा दी। इस मामले में उच्च न्यायालय ने फॉरेंसिक रिपोर्ट खारिज कर दी और कहा कि उमेश और हाशमी एक साथ जब दिखे, उसके तीन दिन बाद शव मिला। इसकी जाँच की जरूरत है। वहीं. चूँकि हाशमी २१ जून २०१८ में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है, इसलिए उसकी सजा इस केस की सुनवाई जारी रहने तक निलंबित की जाती है और ५० हजार के पर्सनल बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश देती है।
कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामला चलता रहेगा, तब तक हाशमी को जमानत प्राप्त रहेगी, लेकिन वो शर्तों का उल्लंघन करता है, तो जमानत निरस्त भी की जा सकती है। कोर्ट ने हाशमी को शुरू के एक साथ तक हर माह के पहले सोमवार को पुणे के कोंढावा पुलिस स्टेशन में हाजिरी देने के लिए कहा है, इसके बाद वो हर तीन माह पर पहले सोमवार को अपनी हाजिरी देगा। अगर २ बार वो लगातार हाजिरी नहीं देता है, तो उसकी जमानत खारिज कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि १९ जून २०२८ को पुणे के कोंढावा में एक शव बरामद हुआ था। इस शव का सिर गायब था और शरीर पर सिर्फ अंडरवियर था। डीएनए जाँच के बाद ये पता चला कि शव उमेश इंगले का था। उमेश इंगले की चचेरी बहन के साथ असगर हाशमी का संबंध था। उमेश पुणे के बिबावेवाड़ी में बालाजी फिटनेस क्लब अक्सर जाया गया था, लेकिन १६ जून २०१८ को जिम से घर निकलने के बाद उमेश गायब हो गया था। एक व्यक्ति ने शाम के समय उमेश को हाशमी के साथ देखा था। सीसीटीवी फुटेज में भी दोनों करीब ७.५० बजे शाम को दिखे थे, इसके तीन दिन बाद उमेश का सिर कटा शव मिला था।
स्त्रोत : ऑप इंडिया