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गोरक्षा करते समय अपराध प्रविष्ट होना, इसे अपना गौरव समझें ! – श्री. शैलेश होळ्ळा, कामधेनु ट्रस्ट

ज्येष्ठ कृष्ण १४, कलियुग वर्ष ५११५ 

श्री. शैलेश होळ्ळा, कामधेनु ट्रस्टश्री. शैलेश होळ्ळा, कामधेनु ट्रस्ट

रामनाथी, गोवा : कामधेनु ट्रस्टके न्यासी श्री. शैलेश होळ्ळाने अधिवेशनमें अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा, गोरक्षा करते समय मुझपर अनेक अपराध प्रविष्ट हुए हैं; परंतु मुझे उसका खेद नहीं है । गोरक्षा करते समय आपपर अपराध प्रविष्ट हो जाए, तो उसे अपना गौरव समझें !

गोरक्षाके कार्यमें बाधा उत्पन्न करनेवाली पुलिसके संदर्भमें अनुभव इस विषयपर श्री. शैलेश होळ्ळाजी ने कहा,

१. छ: वर्षपूर्व एक पाठशाला जानेवाले विद्यार्थीसे पूछा था दूध कहांसे आता है ?, तो उसने उत्तर दिया कि साइकलसे एक व्यक्ति दूधकी थैलियां लेकर आता है । इससे ध्यानमें आया कि हमारी भावी पीढी गोमाताके विषयमें पूर्णरूपसे अज्ञानी है । 

२. इसलिए पाठशालाके स्तरपर गोमाताका महत्त्व बतानेका उपक्रम हाथमें लिया । इसके लिए पुस्तकें प्रकाशित कीं; उनमेंसे एक पुस्तकपर सरकारने प्रतिबंध भी लगा दिया ।

३. गोरक्षाके उपक्रमोंके अंतर्गत गोमाता विषयपर प्रश्‍नमंजूषाएं भी ली जाती हैं । आजतक इन उपक्रमोंके माध्यमसे कर्नाटकमें आजतक १२ लाख विद्यार्थियोंतक यह विषय पहुंचाया है ।

कर्नाटकमें गोमांस खानेवाले मंत्री और गोद्रोही राज्यपाल !

उन्होंने आगे कहा, कर्नाटकमें भाजपा सरकार थी । तब हमने दो बार गोहत्या बंदी विधेयक राज्यपाल हंसराज भारद्वाजको भेजा था; परंतु उनके हस्ताक्षर न करनेसे वह संमत नहीं हो सका । अब तो कांग्रेसके मंत्रीमंडलमें अनेक मंत्री गोमांस भक्षण करते हैं । गृहमंत्री भी ईसाई हैं और गोमांस भक्षक हैं । ऐसे राज्यमें गोरक्षाका कार्य करना अत्यंत कठिन है ।

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