कहा – ‘अब नहीं होगा कोई निर्माण’
तमिल नाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में विश्व प्रसिद्ध अरुणाचलेश्वर मंदिर (अन्नामलाईयार मंदिर) स्थित है, जो कई शताब्दियों प्राचीन है। इसे यूनेस्को ने संरक्षित इमारतों की सूची में भी रखा है। इस मंदिर का गोपुरम ६६ मीटर ऊंचा है और ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के सबसे बड़े गोपुरम के सामने तमिलनाडु सरकार का हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) विभाग १५० दुकानों का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनवा रहा रहा था और इसपर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। हालांकि इस पर तमाम तरह की रोक थी, इसके बावजूद निर्माण कार्य शुरू होने के बाद मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई और अब इसपर निर्माण कार्य रुक गया है।
ये याचिका मंदिर कार्यकर्ता और इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट के अध्यक्ष टी आर रमेश ने दाखिल की। टी आर रमेश ने ३० अप्रैल २०२४ को एक्स पर बताया कि अब तमिल नाडु सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। तमिल नाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआरसीई) विभाग ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि वह अरुणाचलेश्वर के परिसर में १५० दुकानों के अनधिकृत निर्माण को आगे नहीं बढ़ाएगा।”
टीआर रमेश ने एक्स पर लिखा, “इस मामले में उच्च न्यायालय की बेंच के सामने जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, वैसे ही HR&CE विभाग के वकील ने कोर्ट को बताया कि तिरुवन्नामलाई के प्रसिद्ध अरुणाचलेश्वर मंदिर के राजगोपुरम के सामने जो निर्माण कार्य होना था, उसकी योजना रद्द कर गई है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा ये कदम वापस लेने पर खुशी जताई और उम्मीद भी जताई कि ऐसा वाकई में तुरंत हो जाना चाहिए।”
On 10.11.2023 I had brought the issue of illegal constructions of 150 shops in temple land right in front of the Rajagopuram of Sri Arunachaleswarar temple, Tiruvannamalai- an ancient and architecturally important temple – before the Hon’ble Special Bench that was hearing temple… pic.twitter.com/XHHfVBydrb
— trramesh (@trramesh) April 30, 2024
टी आर रमेश ने उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि राज्य सरकार सिर्फ केयरटेकर की भूमिका में है, वो ऐतिहासिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं कर सकती। वो मंदिर में आने वाले भक्तों के अधिकारों का हनन करके मंदिर के बाहर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स नहीं बनवा सकती। जिसके बाद सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस एस वी गंगापुरवाला और जस्टिस जी चंद्रसेखरन जे ने कहा कि हमें इस मामले में अब कोई आदेश पास करने की जरूरत नहीं है। हमें खुशी है कि सरकार ने सही कदम उठाया।
जानकारी के मुताबिक, ये मंदिर १० एकड़ से ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें कई गोपुरम है। मुख्य गोपुरम राजगोपुरम है। इसी गोपुरम के सामने ६ करोड़ से ज्यादा की लागत से इन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना बनाई थी और इस पर काम भी शुरू हो गया था। इसके लिए पैसे भी मंदिर के खाते से ही निकाले गए थे और सरकार ने ये पैसा विधानसभा में पास किया था, लेकिन अब सरकार इस पैसे को वापस मंदिर के खाते में डाल देगी।
अरुणाचलेश्वर मंदिर के बारे में जानिए
इस मशहूर मंदिर का निर्माण कई राजवंशों ने मिलकर कराया, जो पूरा हुआ चोल राजाओं के समय में। ९ वीं शताब्दी में बनकर तैयार हुए इस मंदिर में महादेव की पूजा होती है। अरुणाचलेश्वर मंदिर (जिसे अन्नामलाईयार मंदिर भी कहा जाता है) अरुणाचला पहाड़ी की तली में स्थित है। अरुणाचल पहाड़ी को ‘शिवलिंग’ की मान्यता है। माना जाता है कि इसी जगह पर महादेव ने अर्धनारीश्वर अवतार धारण किया था। इस मंदिर में कार्तिकेय दीपम त्यौहार के समय ३० लाख से ज्यादा लोग एकत्रित होते हैं। इस मंदिर में अग्नि तीर्थम नाम का कुंड है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। अरुणाचलेश्वर मंदिर शैव मत के अनुयायियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
स्त्रोत : ऑप इंडिया