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ऑस्ट्रेलिया : कट्टरपंथी लडके ने चाकुओं से किया हमला, पुलिस ने तुरंत कर दिया एनकाउंटर

ऑस्ट्रेलिया में कॉकेशियाई मूल के १६ साल के इस्लामिक कट्टरपंथी किशोर को पुलिस ने मार गिराया है। वो बड़ा चाकू हाथ में लेकर लोगों पर हमले कर रहा था। उसने पुलिस पर भी हमला किया, जिसके बाद २ पुलिस वालों ने उसे चेतावनी देकर रोकने की कोशिश की, लेकिन वो तीसरे पुलिस वाले की तरफ चाकू लेकर हमला करने के लिए बढ़ा ही था, कि उसने उसे तुरंत ही गोली मार दी और कट्टरपंथी किशोर को जहन्नुम का रास्ता दिखा दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में १६ साल के इस्लामी कट्टरपंथी ने ही खुद पुलिस को फोन पर सूचना दी थी कि वो हमले करने जा रहा है। इसके बाद वो एक पार्किंग स्थल पर पहुंचा और लोगों पर चाकू से हमले करने लगा। एक व्यक्ति का फेफड़ा भी इस हमले में क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान आम लोगों ने भी उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन कई लोग घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने भी उसे समझाने की कोशिश की और चाकू फेंकने की अपील की, लेकिन वो पुलिस वालों पर ही हमलावर हो गया।

बताया जा रहा है कि दो पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की और डंडे से डराया। क्योंकि पुलिस कर्मी उसे डराकर उसकी जिंदगी बचाना चाहते थे, लेकिन तभी वो तीसरे पुलिसकर्मी पर चाकू लेकर झपटा और यही उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई, क्योंकि तीसरे पुलिसकर्मी ने उसे सीधे माथे पर गोली मार दी और वो तुरंत ढेर हो गया। पुलिस ने ही उसे अस्पताल पहुँचाया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया।

एबीसी न्यूज ने कमिश्नर ब्लैंच के हवाले से बताया है कि १६ साल का ये किशोर ऑनलाइन संपर्कों के चलते ‘रेडिकल’ हो गया था। अभी इस हमले को आतंकी हमला नहीं कह सकते, क्योंकि उसने इस हमले को अकेले ही अंजाम दिया है। कमिश्नर ने स्थानीय मुस्लिम समुदाय को सहयोग के लिए शुक्रिया भी कहा है, जिन्होंने हमलावर किशोर को रोकने की कोशिश की। वहीं, परिवार भी जाँच में सहयोग कर रहा है। हालाँकि पुलिस ने कहा है कि जाँच के बाद ही ये साबित हो पाएगा कि ये आतंकी हमला है या नहीं।

कमिश्नर ब्लैंच ने कहा कि किशोर को पुलिस जानती थी और वह कट्टरपंथी होने के जोखिम वाले व्यक्तियों की मदद करने के लिए बनाए गए एक कार्यक्रम का हिस्सा था। प्रधान मंत्री एंथोनी अल्बानीज़ ने स्थिति पर काबू पाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया। इसके बाद उन्होंने कहा, “हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं और ऑस्ट्रेलिया में हिंसक चरमपंथ के लिए कोई जगह नहीं है।”

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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