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६५ सालों में भारत में ७.८२ प्रतिशत घट गए हिंदू, ४३ फीसदी बढ़ी मुसलमानों की आबादी

  • मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली।
  • म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी ७८.५३ फीसद से घटकर ७०.८० फीसद रह गई।
  • पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में भी आई गिरावट – पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने देश में हिंदू और मुसलमानों की आबादी को लेकर रिपोर्ट पेश किया।

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है वहीं हिंदू ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है।

भारत में १९५० से २०१५ के बीच हिंदुओं की आबादी ७.८२ फीसद घट गई। वहीं इसी बीच मुसलमानों की आबादी में ४३.१५ फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई। हिंदुओं की आबादी घटने का सिलसिला पड़ोसी हिंदू बहुल नेपाल में देखने को मिला है। साथ ही म्यांमार में भी बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में गिरावट आई है।

अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई

इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है, वहीं हिंदू, ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है।

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के १६७ देशों में १९५० से २०१५ के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव का अध्ययन किया है। परिषद ने इसी महीने यह रिपोर्ट जारी की है। इन देशों में बहुसंख्यक उन्हें माना गया है, जिनकी आबादी ७५ फीसद से अधिक है।

मुस्लिम बहुल ३८ देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में ६५ सालों में बहुसंख्यकों की आबादी में २२ फीसद की कमी आई है। लेकिन यह सिलसिला मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पर लागू नहीं होता है। मुस्लिम बहुल ३८ देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है। रिपोर्ट का उद्देश्य किसी देश की जनसांख्यिकी परिवर्तन का वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर पड़ने वाले असर का आकलन है।

बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट

दक्षिण एशियाई देशों में ६५ साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी ७८.५३ फीसद से घटकर ७०.८० फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में ६४.२८ से बढ़कर ६७.६५ फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह ७१.४४ फीसद से बढ़कर ८४.०७ फीसद पहुंच गई।

जबकि भारत में हिंदू आबादी में कमी का सिलसिला नेपाल में भी देखा गया और वहां हिंदुओं की संख्या ८४.३० फीसद से घटकर ८१.२६ फीसद तक पहुंच गई। भारत में मुसलमानों के साथ ही ईसाई और सिख अल्पसंख्यक की आबादी में क्रमश: ५.३८ फीसद और ६.५८ फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में भी आई गिरावट

वहीं पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में कमी दर्ज की गई। पड़ोसी पाकिस्तान में १९५० में ७७.४५ फीसद मुस्लिम आबादी थी, जो २०१५ में बढ़कर ८०.३६ फीसद पहुंच गई। मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली, दो ६५ सालों में ७४.२४ से बढ़कर ८८.०२ फीसद तक पहुंच गई।

अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी ८८.७५ फीसद से बढ़कर ८९.०१ फीसद पहुंच गई। दक्षिण एशिया में अकेले मालदीव में मुस्लिम आबादी में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, जो ९९.८३ फीसद से घटकर ९८.३६ फीसद पर आ गई है।

स्त्रोत : जागरण

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