सुराज्य अभियान ने उचित कार्यवाही के लिए की मांग
मुंबई – ‘शोर्मा’ एवं ‘मोमोज’ ये मांसाहारी पदार्थ महाराष्ट्र के अनेक बडे शहरों में खुले आम धडल्ले से बेंचे जा रहे हैंं । अवैधरूप से बिक्री और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हुए भी स्थानीय प्रशासन द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं होती । इस विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान द्वारा स्वास्थ्यमंत्री, साथ ही अन्न एवं औषधि प्रशासनमंत्री से परिवाद की गई है । इस प्रकार खुले में खाद्यपदार्थों की बिक्री करनेवालों पर स्थानीय स्वराज्य संस्थान को कार्रवाई करनी चाहिए और उसका ब्योरा स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाए । इसमें दोषियों पर कार्रवाही की जाए, ऐसी मांग सुराज्य अभियान के समन्वयक श्री. अभिषेक मुरुकटे ने परिवाद में की है।
श्री. अभिषेक मुरुकटे ने लिखा है कि…
१. २४ घंटों के पश्चात ‘शोर्मा’ में मानवी प्रकृति के लिए हानिकारक द्रव्य निर्माण होते हैं । उसमें जो मांस है वह कब तक टिकाऊ है, इसकी कालमर्यांदा नहीं दी जाती । कालबाह्य मांस खाने से उससे विषबाधा होने की संभावना होती है ।
२. शोर्मा खाते समय उसपर ‘मेयोनीज’ नामक सफेद रंग के ‘सॉस’ का उपयोग होता है । अंडे की जर्दी (पीला भाग) उपयाेग में लाई जाती है । उसे उचित ढंग से संग्रह किया जाता है अथवा नहीं, इसकी निश्चती नहीं होती ।
३. कुछ दिनों पूर्व चिकन मोमोज में कुत्ते का मांस उपयोग में लाए जाने का समाचार प्रकाशित हुआ था । यह मांसाहारी पदार्थ रास्ते के किनारे खुले में वाष्प पर गरम करके दिया जाता है । मोमोज में उपयोग में लाया जानेवाला ‘आजोडिकार्बोनामाईड’ एवं ‘बेजॉईल पॅरॉक्साईड’, शरीर के लिए हानिकारक हैं । इससे मधुमेह जैसे विकार बढते हैं ।
शोर्मा से विषबाधा होने से मुंबई सहित विविध राज्यों में मृत्यु !
मुंबई के मानखुर्द में, मई २०२४ में चिकन शोर्मा से हुई विषबाधा से प्रथमेश घोक्षे नामक युवक की मृत्यु हो गई । इस प्रकरण में पुलिस ने आनंद कांबळे और मुहम्मद अहमद रेजा शेख को बंदी बनाया है । उन पर परिवाद भी प्रविष्ट किया । कुछ दिनों पूर्व गोरेगांव में भी शोर्मा से १२ लोगों को विषबाधा हो गई । केरल और तमिलनाडु राज्यों में भी शोर्मा से विषबाधा और उससे मृत्यु होने का समाचार अभिषेक मुरुकटे ने इस परिवाद से सरकार के निदर्शन में लाकर दिया ।