हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा जिलाधिकारी को निवेदन
कोल्हापुर – कोल्हापुर पुलिस ने हाल ही में २ बांगलादेशी घुसपैठी महिलाओं को बंदी बनाया है । इन दोनों के पास बनावट आधारकार्ड, रेशनकार्ड और पैनकार्ड भी मिले हैं । कोल्हापुर में बांगलादेशी महिला मिलना, यह कोई पहली घटना नहीं । इससे पूर्व भी उंचगाव-गांधीनगर में ऐसी घटनाएं हुई हैं । इससे पूर्व पुणे, सिंधुदुर्ग, नई मुंबई में भी ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं । यह देश की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत घातक है । तब भी कोल्हापुर जिले में संशयित स्थान पर ‘कोंबिंग ऑपरेशन’ कर बांगलादेशी घुसपैठियों को ढूंढकर, उन्हें उनके देश भेजें, ऐसी मांग २४ मई को निवेदन द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जिलाधिकारी अमोल येडगे से की गई है ।
इन नागरिकों को बांगलादेश से यहां लाने तक के लिए सूत्रधार कौन ? इन्हें पारपत्र कौन बनाकर देता है ? इनका स्थानीय सहायक कौन है ? इसकी छानबीन हो और उनपर कठोर कार्रवाई की जाए । इसके साथ ही ऐसे लोग विविध झूठे नाम धारण करके रहते हैं । इसलिए प्रशासन द्वारा सूचना दी जाए कि प्रत्येक घरमालिक किराए पर कमरा देते समय पूछताछ करके ही कमरा दे और यदि कुछ संशयास्पद लगे तो तुरंत ही पुलिस को सूचित करें, ऐसी सूचना दी जानी चाहिए, ऐसी प्रमुख मांग निवेदन में की गई है ।
इस प्रसंग में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शिवानंद स्वामी, हिन्दू एकता आंदोलन के जिलाध्यक्ष श्री. दीपक देसाई, शिवसेना उपजिलाप्रमुख श्री. उदय भोसले, श्री. अर्जुन आंबी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के श्री. सुनील सामंत, ‘महाराज प्रतिष्ठान’के श्री. निरंजन शिंदे, उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गुट के करवीरतालुकाप्रमुख श्री. राजू यादव और उपशहरप्रमुख श्री. शशी बीडकर, हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. अभिजीत पाटील एवं श्री. रामभाऊ मेथे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. अनिरुद्ध कोल्हापुरे, शिवसेना उपजिल्हाप्रमुख श्री. किशोर घाटगे, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के कोल्हापुर जिला कार्यवाह श्री. सुरेश यादव, ‘राष्ट्रहित प्रतिष्ठान’के श्री. शरद माळी, हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष श्री. मनोहर सोरप और श्री. नंदकुमार घोरपडे उपस्थित थे ।
पंचगंगा नदी प्रदूषित करनेवाले घटकों पर समयमर्यादा रखकर कार्रवाई की जाए !
कोल्हापुर – ऐसा देखा जा रहा है कि वर्तमान में पंचगंगा नदी भारी मात्रा में प्रदूषित हो रही है । हाल ही में विविध सामाजिक संगठन, महापालिका प्रशासन और प्रदूषण मंडल के संयुक्त सर्वेक्षण में ४२ दशलक्ष (42 million) लीटर गंदा पानी पंचगंगा में मिला देने की धक्कादायक जानकारी सामने आई है । इसमें अत्यंत गंभीर बात यह है कि इनमें अनेक नालों का गंदा पानी मैलामिश्रित था । इचलकरंजी में भी यही स्थिति सामने आई है । प्रदूषित पानी के कारण नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी संकट उत्पन्न हो सकता है । अत: जिन कारणों से नदी प्रदूषित होती है, उन पर समयमर्यादा रखकर कार्रवाई हो और वर्षभर जिन प्रमुख कारणों से पंचगंगा नदी प्रदूषित होती है, उस पर प्रथम कार्रवाई करें, इस मांग का निवेदन भी इस अवसर पर दिया गया ।
इस अवसर पर जिलाधिकारी अमोल येडगे ने कहा कि ‘पंचगंगा नदी प्रदूषण पर वर्तमान में काम चल रहा है शहर और ग्रामीण भाग का गंदा पानी बिना प्रक्रिया के उसमें मिले नहीं इसके लिए शुद्धीकरण प्रकल्प खडे किए गए हैं । यह काम दो-ढाई वर्ष तक चलेगा ।’
वर्तमान में नदीपात्र में भारी मात्रा में अनेक स्थानों पर जलकुंभी बढे हुए पाए जा रहे हैं । उसपर तुरंत ही उपाययोजना की जानी चाहिए । नदी प्रदूषण का प्रमुख कारण नदी में मिलनेवाला गंदा पानी, साथ ही अन्य विविध घटक ही होने से इस वर्ष से पंचगंगा नदी पर ‘बैरिकेटस्’ लगाकर श्रद्धालुओं को मूर्तिविसर्जन करने पर प्रतिबंध न लगाते हुए जिन श्रद्धालुओं को पंचगंगा नदी में विसर्जन करना है, उन्हें विसर्जन करने दिया जाए, ऐसी मांग भी निवेदन द्वारा की गई है ।