कोल्हापुर – भारत सहित अन्य देशों में आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के प्रकरण में भारत सरकार को ‘वांटेड’ एवं आतंकवादियों का आदर्श डॉ. जाकिर नाईक ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले वक्तव्य किए हैं । मुहम्मद जीशान नामक मुसलमान युवक द्वारा भेजे गए प्रश्नों के उत्तर देते समय जाकिर नाईक ने कहा है कि मंदिर के काम में सम्मिलित होना, यह ‘शिर्क’ अर्थात इस्लामनुसार महापाप है । मंदिर अथवा चर्च में जाने की अपेक्षा सहस्रों को मारनेवाले शस्त्र बनानेवाले कारखाने में जाना अच्छा, किसी भी मंदिर अथवा चर्च बनानेवाले आस्थापन में काम करना, यह इस्लामनुसार ‘हराम’ है । भीषण महापाप है इत्यादि । जाकिर नाईक का यह वीडियो ‘हुडा टी.वी.’ नामक यू ट्यूब चैनल पर प्रसारित किया गया है । हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले विधान करनेवाले जाकिर नाईक पर कठोर कार्रवाई की जाए, इस मांग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री के नाम से निवेदन हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जिला प्रशासन को दिया गया । यह निवेदन निवासी उपजिलाधिकारी संजय तेली ने स्वीकारा है ।
इस प्रसंग में शिवसेना के उपजिलाप्रमुख श्री. किशोर घाटगे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के श्री. सुनिल सामंत, ‘महाराज प्रतिष्ठान’के श्री. निरंजन शिंदे, उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गुट के करवीर तालुकाप्रमुख श्री. राजू यादव, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शिवानंद स्वामी एवं गौतमेश तोरस्कर, अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष श्री. संदीप सासणे, भ्रष्टाचार निर्मूलन जनजागृति समिति के प्रांत उपाध्यक्ष श्री. आनंदराव पवळ, हिन्दुत्वनिष्ठ सर्वश्री अभिजीत पाटील, सतीश कोरवी, सचिन पवार, राहुल जानवेकर, सागर रांगोळी, रामभाऊ मेथे उपस्थित थे । जाकीर नाईक ‘इस्लामी धर्मोपदेशक’ होने से उसके भाषणों से जगभर के धर्मांध मुसलमान प्रेरणा लेते हैं ।
इस प्रसंग में की गई मांगें
१. जाकिर नाईक इसप्रकार के वक्तव्य कर मुसलमानों को हिन्दू और ईसाईयों के विरोध में उकसाकर जानबूझकर धार्मिक तनाव, घृणा, द्वेष, मत्सर और शत्रुता निर्माण कर रहा है । इसलिए जाकिर नाईक को भारत के स्वाधीन करें, अथवा मलेशिया में उसपर कठोर कार्रवाई हो, इसलिए केंद्र सरकार मलेशिया की सरकार पर दबाव डाले ।
२. ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’में जाकिर नाईक को आंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने हेतु मांग की जाए ।
३.‘जाकिर नाईक’ और ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ की फेसबुक, एक्स, इन्स्टाग्राम आदि सर्व सामाजिक माध्यमों पर सर्व अकाऊंट त्वरित बंद किए जाएं ।
४. इन सामाजिक माध्यमों पर उपरोक्त खाते इतने वर्षों तक क्यों बंद नहीं किए गए ? इसके लिए कौन उत्तरदायी है ? उन व्यक्तियों और ‘फेसबुक’ जैसे प्रतिष्ठानों पर भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए ।