ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या , कलियुग वर्ष ५११५
प. पू. विजयकुमार
आज गणेशोत्सव, नवरात्रोत्सव इत्यादिके समय युवावर्ग अश्लील गानोंपर नाचता है । इससे उस देवताका अनादर होता है । उसे रोकनेके लिए हमने वाद-विवाद स्पर्धांओंका आयोजन किया । इससे जागृति होती दिखाई दे रही है । आज तीर्थक्षेत्रोंका हो रहा बाजारीकरण, यह भी एक गंभीर चिंताका विषय है । यह सर्व रोककर हिंदू राष्ट्र स्थापना करने हेतु आज संगठनोंका संगठन अनिवार्य है !