‘मनुस्मृति’ जलाई गई, तो इसे आचारसंहिता के उल्लंघन मानकर उनके विरुद्ध अपराध पंजीकृत करें – हिन्दू जनजागृति समिति

इशरत जहां के समर्थक जितेंद्र आव्हाड क्या स्वयं को वंदनीय डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मानते हैं ?

महाराष्ट्र राज्य सरकार के नए शैक्षणिक पाठ्यक्रम के प्रारूप के अनुसार क्रमिक पुस्तक में छात्रों को नैतिक मूल्य एवं चरित्र की शिक्षा देनेवाले पाठ में मनुस्मृति में समाहित ‘अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम ।’ (अर्थ : वरिष्ठ नागरिकों, अभिभावकों एवं शिक्षकों का सम्मान करनेवाले तथा उनकी सेवा करने से आयु, यश, विद्या एवं बल बढता है ।), इस आशय का श्लोक लिया गया है । इस श्लोक के माध्यम से बडों के प्रति सम्मान एवं उनकी सेवा करने की शिक्षा देने का उद्देश्य होते हुए भी केवल वह श्लोक मनुस्मृति में समाहित श्लोक होने के कारण तथाकथित आधुनिकतावादियों के द्वारा, उसमें भी सनातन धर्म के विरुद्ध निरंतर भूमिका लेनेवाले जितेंद्र आव्हाड ने बिना किसी कारण सामाजिक सौहार्द बिगाडना आरंभ किया है । कल ही उन्होंने सोशली मीडिया से 29 मई 2024 को दोपहर 12 बजे महाड में हिन्दुओं का धर्मग्रंथ ‘मनुस्मृति’ को जलाने का सार्वजनिकरूप से आवाहन किया है । राज्य में चुनावी आचारसंहिता लागू होते हुए भी इस प्रकार से हिन्दू समाज में बहुजन एवं अभिजन, इस प्रकार से भेदभाव उत्पन्न करने का उनका प्रयास सरकार को तोड डालना चाहिए, साथ ही उनके इस सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करनेवाले वक्तव्य के विरुद्ध अपराध पंजीकृत करना चाहिए, यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से रायगढ के जिलाधिकारी श्री. किशन जावळे को ज्ञापन प्रस्तुत कर की गई । इस अवसर पर अधिवक्ता उमेश आठवले, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नितिन गावंड, सर्वश्री अविनाश पाटील, अतिश शिंदे एवं स्वप्नील गायकर उपस्थित थे ।

बाएं से श्रीमान स्वप्निल गायकर, श्री. आतिश शिंदे, श्री. अविनाश पाटील, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नितिन गावंड एवं रायगढ़ कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए ॲड् उमेश आठवले

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जितेंद्र आव्हाड की लोकप्रियता हेतु तथा मुंब्रा के मुसलमानों के मतों के लिए किसी भी स्तर तक जाने की प्रवृत्ति महाराष्ट्र की जनता को भलीभांति ज्ञात है । इससे पूर्व भी उन्होंने मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए ‘सेव गाजा’ लिखे टी-शर्ट पहनकर फोटोसेशन किया था । गुजरात में एनकाऊंटर में मारी गई मुंब्रा की आतंकी इशरत जहां के नाम से आरंभ की गई एंब्युलंस सेवा को लोग भूले नहीं है । साथ ही वर्ष 2020 में मंत्री पद पर होते समय सत्ता का लाभ उठाकर पुलिसकर्मियों के द्वारा अपहरण कर हिन्दू कार्यकर्ता श्री. अनंत करमुसे के साथ की गई अमानवीय मारपीट के छायाचित्र आज भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं । वर्ष 2019 में चुनाव आयोग को प्रस्तुत किए गए शपथपत्र में उन्होंने स्वयं ही उनके विरुद्ध 25 अपराध पंजीकृत होने की बात कही है । वे अन्य समय पर भी सनातन धर्म एवं प्रमु श्रीराम के संदर्भ में निरंतर विवादित वक्तव्य देते रहते हैं ।

मनुस्मृति में समाज के तथा स्त्रियों के विरुद्ध के श्लोकों के संदर्भ में यदि वे मनुस्मृति जलाने का आवाहन कर रहे हों, तो उसी न्याय से क्या वे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के ‘थॉटस् ऑन पाकिस्तान’, इस ग्रंथ में मुसलमानों के संदर्भ में किए गए लेखन का विचार करेंगे ? केवल अन्य धर्म (हिन्दू, जैन, बौद्ध, सीक्ख, ईसाई आदि) उनके प्रेषितों को नहीं मानते; इसलिए उनके निर्दाेष अनुयायियों को काफीर प्रमाणित कर उनकी हत्या करने के आदेश, इन काफिरों की स्त्रियों के साथ बलात्कार कर उन्हें गुलाम बनाने के आदेश, साथ ही उनकी संपत्ति हडपकर उन पर ‘जिजिया’ कर लगाने के आदेश तथा उनके धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने के आदेश क्या जितेंद्र आव्हाड को स्वीकार हैं ? अथवा क्या वे मनुस्मृति जलाने का नियम समानरूप से इन ग्रंथों को भी लगाने का साहस दिखाएंगे ? कुल मिलाकर राज्य में विधानसभा के चुनाव निकट होने से पुनः मुसलमानों के मतों को ध्यान में रखकर वे हिन्दूविरोधी षड्यंत्र तो नहीं रच रहे ?, यह संदेह समिति ने व्यक्त किया है ।

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