‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ एवं ‘हिन्दू जनजागृति समिति’की ओर से रत्नागिरी जिलाधिकारी से निवेदन द्वारा मांग
रत्नागिरी (महाराष्ट्र) – तीर्थक्षेत्र, मंदिर, धार्मिक स्थल आदि की पवित्रता संजोने के लिए उनके परिसर मद्य एवं मांस मुक्त किए जाएं । श्रीक्षेत्र गणपतिपुळे देवस्थान परिसर से ‘महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के (एम्.टी.डी.सी.के) मद्य एवं मांस बिक्री करनेवाले ‘रेस्टोरंट’ हटाएं’, ऐसी मांग करनेवाला निवेदन ३१ मई को महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जिलाधिकारी, रत्नागिरी को सौंपा गया ।
इस निवेदन में कहा है कि,
भारतीय संविधान की धारा २५ सर्व नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देती है । उस अनुसार हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर मद्य और मांस बिक्री करने की अनुमति देना, यह हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों पर बंधन लाने के साथ-साथ हिन्दुओं की भावनाओं को आहत भी करता है । मंदिर परिसर में कानून और सुव्यवस्था रखने के लिए मंदिर परिसर मद्य-मांस मुक्त होना आवश्यक है ।
वहां के स्थानीय श्रद्धालुओं से पता चला है कि रत्नागिरी जिले में श्रीक्षेत्र गणपतिपुळे मंदिर परिसर में महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के ‘रेस्टॉरंट’में मद्य-मांस बिक्री शुरू रहती है । इससे मंदिर परिसर की पवित्रता भंग होती है और श्रीगणेशभक्ताें की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं । इसलिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल एम्.टी.डी.सी. के बार रेस्टोरंट त्वरित हटाए ।