नेपाल के जनकपुर में मुस्लिम समुदाय द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने की साजिश के बाद दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। मुस्लिम पक्ष द्वारा पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी की गई, जिसमें हिन्दू पक्ष के कई लोग घायल हो गए। घायलों में स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।
मुस्लिम पक्ष के दबाव में एक योग शिविर का भी काम रोक दिया गया है। हालात को देखते हुए इलाके में फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। घटना सोमवार (10 जून 2024) की है। ऑप इंडिया से बात करते हुए हिन्दू संगठन के सदस्यों ने इसे लैंड जिहाद बताया और वामपंथी पार्टियों द्वारा मुस्लिम पक्ष को समर्थन देने का आरोप लगाया है।
मांगी थी नमाज़ पढ़ने के लिए थोड़ी सी जगह
ऑप इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, शिवपुर में एक सरकारी स्कूल है। भवन के आसपास काफी जमीन है, जो कि स्कूल की ही है। इस जमीन पर लगभग 16 साल पहले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने नमाज पढ़नी शुरू कर दी थी। तब इस इलाके में मुस्लिम आबादी न के बराबर थी। 2-4 परिवार ही इस इलाके में हुआ करते थे। उन्होंने इबादत के लिए पहले स्कूल की बिल्डिंग चुनी।
लगभग 10 साल पहले स्कूल कम्पाउंड में किसी बात को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष में विवाद हो गया था। तब से कुछ समय के लिए स्कूल के अंदर नमाज़ पढ़नी बंद हो गई थी। इस बीच जनकपुर में मुस्लिमों की तादाद लगातार बढ़ती रही। 10 साल पहले का विवाद शांत होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने स्कूल के भवन के बजाय उसकी खाली पड़ी जमीन पर नमाज़ पढ़नी शुरू कर दी।
इसमें नमाज़ियों की तादाद बढ़ती चली गई। अब जनकपुर के शिवपुर इलाके में लगभग 70 से 80 घर मुस्लिमों के हो चुके हैं। इन्होंने अपनी खुद की मस्जिद भी बनवा डाली है। इसके बावजूद मुस्लिम पक्ष ने स्कूल की सरकारी जमीन पर नमाज़ पढ़ना बंद नहीं किया। कुछ साल पहले से मुस्लिमों ने इस सरकारी जगह को अपनी इबादतगाह वाली जगह बताना शुरू कर दिया है।
स्रोत : ऑप इंडिया