घर-घर में वेद, उपनिषद एवं गीता का अध्ययन किया जाना चाहिए ! – महंत आचार्य पीठाधीश्वर डॉ. अनिकेतशास्त्री देशपांडे, अखिल भारतीय संत समिति, धर्म समाज, धर्म समाज, महाराष्ट्र प्रदेश प्रमुख
हिन्दू धर्म पर ‘लव जिहाद’, ‘लैंड जिहाद’ आदि के माध्यम से आक्रमण हो रहे हैं । मुसलमानों ने हम पर आक्रमण कर सहस्रों वर्षाें तक राज किया । उन्होंने हिन्दू संस्कृति नष्ट करने का प्रयास किया । ईसाई आक्रांताओं ने भी हिन्दू धर्म पर आक्रमण किया तथा आज भी कर रहे हैं । उन्होंने भारत के गरीब आदिवासी लोगों को अपना लक्ष्य बनाकर उनका धर्मांतरण किया । आज वे आदिवासी समुदाय के छोटे बच्चों को लक्ष्य बनाकर उनका धर्मांतरण करर हे हैं । यह एक प्रकार से वैचारिक आतंकवाद फैलाने का ही उनका प्रयास है । इस पर विजय प्राप्त करने हेतु हिन्दुओं के घर-घर में वेद, उपनिषद तथा गीता का अध्ययन किया जाना चाहिए ।
महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हिन्दू धर्म पर ही आक्रमण कर रही है । वे हिन्दू संतों को ही लक्ष्य बना रहे हैं । हिन्दू समाज जातियों में बंट गया है । हम सभी को हिन्दू के रूप में एकत्रित होना चाहिए । वर्तमान समय में युवकों में जागृति लाकर उनका उचित दिशादर्शन करने की आवश्यकता है ।
हिन्दू यदि जागृत नहीं होंगे, तो उन पर पश्चाताप की स्थिति आएगी ! – पू. संत भागीरथी महाराज, अध्यक्ष तथा संचालक, गुरुकृपा सेवा आश्रम, बेलतरोडी, नागपुर, महाराष्ट्र
वर्तमान समय में हिन्दुओं का जागृत होने का समय आया है । हिन्दुओं को किसी भी हिन्दुओं के कार्यक्रम तथा संगठन में सम्मिलित होकर एकत्रित होना चाहिए । हिन्दू यदि जागृत नहीं होते तथा उन्हें आश्रय भी नहीं मिलेगा तथा उन पर पश्चाताप की स्थिति आएगी ।
वर्तमान समय में धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर बडे स्तर पर आघात हो रहे हैं । मुसलमानों ने छोटे-छोटे व्यवसायों को अपने नियंत्रण में कर लिया है; इसलिए हिन्दुओं को ऐसे व्यावसायिकों का आर्थिक बहिष्कार करना आवश्यक है । यह कर्मवीर तथा छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है । हिन्दुओं केा यह संकल्प लेना चाहिए कि यहां ‘हलाल’ तथा‘दलाल’ नहीं चलेंगे । आज देश में विभिन्न बडे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन हैं । उन सभी को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु एकत्रित होकर कार्य करना चाहिए ।
वीर सावरकर की नीतियों को अपनाया, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – मंजिरी मराठे, कोषाध्यक्ष, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई
‘संख्याबळात शक्ति होती है’, ऐसा वीर सावरकरजी ने कहा था । हिन्दुओं ने उनका यह वाक्य नहीं सुना; परंतु मुसलमानों ने उसे अपनाया । इसलिए वे अपनी जनसंख्या बढाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं । इसके विपरीत हिन्दू १ अथवा ३ बच्चों को जन्म देने में ही संतोष मान रहे हैं । इसके कारण हिन्दू जनसंख्या का स्तर न्यून होकर मुसलमानों की संख्या बढ रही है । केवल इतना ही नहीं, ैअपितु भारत में प्रतिदिन सहस्रों बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं, जिससे भारत में अनेक छोटे-छोटे पाकिस्तान बन रहे हैं । ऐसी स्थिति में वीर सावरकर के द्वारा बताई नीतियां अपनानी चाहिएं, साथ ही समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकत्रित होकर कार्य करना चाहिए, तभी जाकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होकर हमारा देश बचेगा ।
अंग्रेजों ने ‘भारत में रहनेवाले वैदिक सनातनी ही सच्चे हिन्दू हैं, अन्य लोग हिन्दू नहीं हैं’, ऐसा घोषित किया । उसके कारण हिन्दू बंट गए थे । ऐसी स्थिति में सभी हिन्दुओं को एक सूत्र में बांधने हेतु वीर सावरकर ने ‘भारत में रहनेवाले सभी हिन्दू हैं’, इस प्रकार से हिन्दू शब्द की व्याख्या बनाई थी । वीर सावरकर ने कहा थी, ‘आप यदि मेरी मार्सेलिस की छलांग भूल गए, तब भी चलेगा; परंतु आप मेरा संगठन का कार्य न भूलें ।’ वर्तमान समय में हम इन दोनों भी बातों को भूल गए हैं । आज हम वीर सावरकर के बताए अनुसार संगठित हुए, तभी हिन्दू राष्ट्र बन सकता है ।
आगामी अधिवेशन तक १ हजार (सहस्र) गावों में हनुमानचालीसा का पठन आरंभ करेंगे ! – श्री. कमलेश कटारीया,अध्यक्ष, संकल्प हिन्दू राष्ट्र अभियान, छत्रपति संभाजीनगर, महाराष्ट्र
बजरंगबली हनुमान धर्मसंस्थापना को बल प्रदान करनेवाले देवता हैं । रावणवध के लिए हनुमानजी ने प्रभु श्रीरामजी की सहायता की । महाभारत में अर्जुन के रथ पर सूक्ष्मरूप से विराजमान होकर कौरवों का नाश करने हेतु हनुमानजी ने अर्जुन को बल दिया । उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए बजरंगबली हनुमानजी बल प्रदान करेंगे । इसके लिए प्रत्येक गांव में प्रत्येक शनिवार को हिन्दू युवक श्री हनुमान मंदिर में एकत्र होकर हनुमानचालीसा का पठन करें तथा हिन्दू राष्ट्र स्थापन करने का संकल्प करें । संकल्प हिन्दू राष्ट्र अभियान द्वारा अबतक ११७ शनिवार को १७८ गांवों में ८ हजार (सहस्र) से अधिक युवक हनुमान मंदिर में एकत्र होकर हनुमानचालीसा पठन कर रहे हैं । आगामी हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में १ हजार (सहस्र) गांवों में हम हनुमानचालीसा पठन का आरंभ करने का प्रयास करेंगे ।