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लोकसभा में ‘फिलीस्तीन’ की विजय का नारा देनेवाले असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करें !

  • वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के तीसरे दिन प्रस्ताव किया गया पारित !

  • हर हर महादेव’ के जयघोष में सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया समर्थन !

रामनाथी (गोवा) : भारतीय संविधान के अनुच्छेद १०२ ‘ड’के अनुसार संसद के किसी भी सदस्य का अन्य किसी भी देश को समर्थन देना गैरकानूनी है । ऐसा करने पर सांसद की सदस्यता रद्द होती है । भारतीय संसद में शपथ लेते समय अन्य देशों के साथ निष्ठा रखना देशद्रोह है, साथ ही यह भारत का अपमान है । अतः वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में असदुद्दीन ओवैसी की कडी निंदा कर लोकसभा के अध्यक्ष तथा केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री से असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग करने का प्रस्ताव पारित किया गया । ‘एम्.आई.एम्’ के भाग्यनगर के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में ‘लोकसभा की सदस्यता’की शपथ लेते समय ‘जय भीम, जय मीम’, ‘अल्लाहू अकबर’ इन नारों के साथ ही ‘जय फिलीस्तीन ( पैलेस्टाइन), यह भी नारा लगाया । इस पृष्ठभूमि पर यह प्रस्ताव पारित किया गया ।

‘जय फिलीस्तीन’ का नारा लगानेवाले कल ‘जय पाकिस्तान’ का नारा लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे !

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में इस प्रस्ताव के विषय में बोलते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा, ‘‘आज ‘जय फिलीस्तीन’ बोलनेवाले कल ‘जय हमास’ तथा उससे भी आगे जाकर ‘जय पाकिस्तान’ बोलने से भी पीछे नहीं हटेंगे; इसलिए ओवैसी पर चुनाव लडने पर स्थाईरूप से प्रतिबंध लगाया जाए ।’’ ‘हर हर महादेव’ के जयघोष में सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने इसका समर्थन किया ।

संसद में सत्ताधारी दल के सांसद श्री. छत्रपाल के द्वारा ‘जय हिन्दू राष्ट्र’का नारा लगाया जाना सकारात्मक कदम ! – श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ते, सनातन संस्था

संसद में उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित सांसद श्री. छत्रपाल ने शपथ लेते समय ‘जय हिन्दू राष्ट्र’, ऐसा जयघोष किया । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में इस पर चर्चा भी हुई । ‘प्रसारमाध्यमों में उठाए जा रहे राष्ट्रीय सूत्र तथा हिन्दू राष्ट्र’, इस विषय पर इस परिचर्चा में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष २०१२ से २०२४ तक प्रतिवर्ष आयोजित किए जानेवाले हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनों में हिन्दू राष्ट्र की जो जयजयकार हो रही है, उसीकी फलश्रुति संसद में ‘जय हिन्दू राष्ट्र’ का जयघोष होना है । यह बहुत साहसिक है । इसे संसद की परिभाषा में संसदीय शब्द के रूप में प्रविष्ट किया जाना चाहिए ।

१७ वीं लोकसभा में ४ बार ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द का प्रयोग किया गया; परंतु उसे विरोधी दलों ने किया; परंतु इस लोकसभा में सत्ताधारी दल के किसी सांसद ने पहली बार ही यह जयघोष किया । यह एक सकारात्मक कदम है ।’’

हिन्दू राष्ट्र शब्द संविधानविरोधी नहीं है !

श्री. राजहंस ने आगे कहा कि सनातन परंपरा में पहले से ही हिन्दू राष्ट्र शब्द है । हिन्दू राष्ट्र कोई संविधानविरोधी शब्द नहीं है । यह राष्ट्र हिन्दुओं का ही था । प्रसारमाध्यमों ने उसे विवाद का विषय बनाया, उसका हमें प्रतिवाद करना चाहिए । हिन्दूविरोधी शक्तियां प्रसारमाध्यमों को चला रही हैं ।  हिन्दू राष्ट्र के विरोध में जानबूझकर दुष्प्रचार किया जा रहा है; इसलिए उसका विरोध करने का दायित्व हम सभी का है ।

संविधान के अनुसार ही ओवैसी पर राष्ट्रदोह का अपराध पंजीकृत किया जाना चाहिए ! – रमेश शिंदे

इस चर्चासत्र में ‘प्रसारमाध्यमों में उठाए जा रहे राष्ट्रीय सूत्र तथा हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर बोलते हुए श्री. रमेश शिंदे ने कहा, ‘‘अब सभी लोग ‘संविधान बदला जाएगा’, ऐसा बार-बार बोल रहे हैं; तो क्या संविधान के अनुसार ‘जय फिलीस्तीन’ का जयघोष किया जा सकता है ?’, यह मुख्य प्रश्न है । संविधान के अनुच्छेद ‘१०२ (ड) में लिखा गया है कि भारत का कोई भी सांसद यदि अपनी निष्ठा छोडकर अन्य किसी राष्ट्र के प्रति निष्ठा दिखाता हो, तो उसकी संसद सदस्यता चली जाएगी । भारतविरोधी कार्य, साथ ही संविधान के प्रति स्वनिष्ठा न रखकर भारत छोडकर अन्य किसी भी देश के प्रति निष्ठा दिखाना संविधान के अनुसार ही प्रतिबंधित है; इसलिए संविधान के अनुसार ही एम्.आई.एम्. के सांसद ओवैसी की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए ! ‘इंडी’ गठबंधन को यदि संविधान बदले जाने का डर है, तो अब वे संविधान में जो लिखा है, उसे अपनाना चाहिए । हम ‘भारतमाता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’ नहीं बोल सकते । ‘वन्दे मातरम्’ गाते समय कुछ लोग खडे नहीं होते, तो फिलीस्तीन इनकी माता कैसे बनी ? जिस देश का कोई अस्तित्व ही नहीं है, उसके लिए ये लोग ‘जय फिलीस्तीन’ बोल रहे हैं । आपको ‘जय फिलीस्तीन’ बोलना है, तो आप वहां जाकार बोलिए । यहां रहकर आप ऐसा नहीं बोल सकते, यह जब तक हम उन्हें नहीं बताएंगे, तब तक कुछ होनेवाला नहीं है । हिन्दू कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई में पाकिस्तान का ध्वज जलाए जाने पर जब यह प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा, उस समय न्यायाधीश ने पूछा, ‘‘भारतीय दंडसंहिता के अनुसार पाकिस्तान का ध्वज जलाना अपराध है, ऐसा कहां लिखा है ?’’ क्या ये लोग भारत का ध्वज थोडा ही जला रहे थे ? जो लोक हम पर आक्रमण कर रहे हैं, तो हम उनका ध्वज नहीं जलाएंगे, तो क्या करेंगे ? केवल ओवैसी की संसद सदस्यता ही रद्द होना पर्याप्त नहीं है, अपितु उन पर राष्ट्रद्रोह का अपराध पंजीकृत होना चाहिए । इसके साथ ही लोकसभा में लोकसभा सदस्यता की शपथ लेते समय भाजपा सांसद श्री. छत्रपाल गंगवार ने ‘जय हिन्दू राष्ट्र, जय भारत’ ऐसा जयघोष किया, इस सकारात्मक कृति का हम स्वागत करते हैं ।’’

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