वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव सप्तम दिवस (३० जून) : हिंदुत्‍व की रक्षा

आक्रमण करना, यही सुरक्षा का अच्छा उपाय है ! – सुरेश चव्‍हाणके, मुख्य संपादक, ‘सुदर्शन न्‍यूज’

सुरेश चव्‍हाणके, मुख्य संपादक, ‘सुदर्शन न्‍यूज’

वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित करने के उपरांत हिन्दुओं पर हुए आक्रमणों में वृद्धि हुई है । जितनी गोहत्या इन ५ वर्षों में नहीं हुईं, उससे भी अधिक गोहत्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शपथविधी से लेकर आजतक हुई हैं । हिन्दुओं पर आक्रमणों की गति थमेगी नहीं, अपितु वह अधिक बढती ही जाएगी । इसलिए हिन्दुओं को उनकी शक्ति दिखानी पडेगी । हिन्दुओं पर आक्रमण रोकने के लिए हिन्दुओं को ‘क्रिया पर प्रतिक्रिया देनी ही चाहिए’, अन्यथा आनेवाले काल में वे टिक नहीं पाएंगे । इसलिए ‘आक्रमण करना, यही सुरक्षा का अच्छा उपाय’ है’, ऐसा प्रतिपादन ‘सुदर्शन न्‍यूज’के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्‍हाणके ने ‘विश्व हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’के समापन के दिन किया । वे ‘हिन्दू संगठन के समक्ष आवाहन और उन पर उपाय’ इस विषय पर बोल रहे थे ।

श्री. सुरेश चव्‍हाणके ने कहा, ‘‘किसी धर्मांध को तनिक धक्का भी यदि लग जाए, तो उसके भाई-बंधु एकत्र आ जाते हैं । इसके विपरीत हिन्दू पर संकट आता है, तो उसके क्षेत्र के १०० हिन्दू भी एकत्र नहीं आते । इसके लिए प्रत्येक को अपने क्षेत्र में बाहुबली होना होगा । हम हिन्दू मंदिर सुशोभित करने पर बल देते हैं । इसके स्थान पर संकटकाल में मंदिर के ध्वनिक्षेपक (लाउडस्पीकर) से एक आवाज दी, तो सहस्रों हिन्दू कैसे एकत्र हो जाएं, ऐसी स्थिति निर्माण करने की आवश्यकता है । वर्तमान में हिन्दुओं की लोकसंख्या न्यून (कम) होती जा रही है । जबकि मुसलमानों की लोकसंख्या में भारी मात्रा में वृद्धि हो रही है । उसके लिए ‘लोकसंख्या नियंत्रण कानून’ लागू करने की मांग की जा सकती है । इस कानून का नाम बदलकर ‘मुसलमान लोकसंख्‍या नियंत्रण कानून’ कर देने का समय आ गया है । यह कानून बनाकर, यदि उस पर कार्यवाही नहीं हुई तो वर्ष २०२९ में लोकसभा चुनावों का परिणाम इससे भी बुरा होगा । लव जिहाद, धर्मांतर, गोहत्या के विरोध में कानून राज्यस्तरों पर लागू न करते हुए देशस्तर पर लागू करने की मांग सभी हिन्दुत्वनिष्ठ करें । जिसप्रकार ‘जी.एस्.टी.’ जैसी बातें लोगों ने स्वीकार ली हैं, उसीप्रकार ऐसा कानून भी लोग स्वीकार लेंगे ।’’

सुरेश चव्‍हाणके भाषण के कुछ विचार

१. गोवा में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आरंभ हुए १२ वर्ष हो गए । इन अधिवेशनों से सहस्रों हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता पूर्णकालिक बने हैं । इन अधिवेशनों से प्रेरणा लेकर लाखों हिन्दुओं को धर्मांतरित होने से बचाया, लाखों हिन्दू युवतियों में जागृति की । इसलिए उनकी ‘लव जिहाद’से रक्षा हुई । लाखों गायों की हत्या होने से रक्षा हुई । ‘भूमि जिहाद’ से सहस्रों एकड भूमि बचा ली गई ।

२. मुझ पर ‘हेट स्पीच’प्रकरण में (द्वेषयुक्त भाषण करने के प्रकरण में) १ सहस्र ८२८ अपराध प्रविष्ट हैं ।

३. हिन्दुओं के मतदान करने से भाजपा के २४० सांसद चुनकर आए हैं । इसलिए उन्हें हिन्दुओं के प्रश्नों की ओर ध्यान देना आवश्यक हो गया है ।

क्षणिका :

इस अवसर पर श्री. सुरेश चव्‍हाणके ने कहा, ‘जिसप्रकार हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक श्री. राजा सिंह इस हिन्दू महोत्सव में अपने पुत्र को लेकर आए । उसीप्रकार यहां उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ भी अगले वर्ष अपने बच्चों को इस महोत्सव में लेकर आएं ।

भगवान श्रीकृष्‍ण जी की सीख आचरण में आने से ही हिन्दू समाज की रक्षा संभव आणल्‍यास हिंदु समाजाचे रक्षण शक्‍य !  – गिरिधर मामिडी, अखिल भारतीय टोली सदस्‍य, प्रज्ञा प्रवाह, तेलंगाणा

गिरिधर मामिडी, अखिल भारतीय टोली सदस्‍य, प्रज्ञा प्रवाह, तेलंगाणा

ब्रिटिशों ने हिन्दुओं को नि:शस्‍त्र किया ।  हिन्दुओं के पास से शास्त्र हटवा दिए । ‘शस्‍त्र के उपयोग करने का अधिकार केवल सरकार का है, लोगों का नहीं’ यह विचार हिन्दुओं पर थोपा गया है । इस कारण कालांतर से हिन्दू समाज पूर्ण रूप से नि:शस्‍त्र हो गया; परंतु मुसलमानों के लिए यह नियम लागू नहीं था । इस कारण वर्ष १९४७ में काश्‍मीर के राजौरी में पाकिस्‍तानी आक्रमकों ने २० से ३० सहस्र हिन्दुओं की  हत्‍या की । केरल के मोपला में  हिंदूओ का नरसंहार हुआ । हिन्दुओं के ऐसे अनेक हत्‍याकांड मुसलमानों ने किया । भगवान श्रीकृष्‍ण जी की सीख का हमें विस्मरण हो गया । भगवान श्रीकृष्‍ण जी द्वारा बताई गई सीख, आचरण में लाने से हम हिन्दू समाज की  रक्षा कर सकते है, ऐसे वक्तव्य तेलंगाणा के अखिल भारतीय टोली सदस्‍य तथा प्रज्ञा प्रवाह के श्री. गिरिधर मामिडी ने किया । ‘भारतवर्ष को क्षात्रतेज की आवश्‍यकता’ इस विषय पर वे बोल रहे थे ।

श्री. गिरिधर मामिडी ने आगे कहा, भाग्‍यनगर (हैदराबाद) में प्रतिवर्ष गणेशविसर्जन के समय मुसलमान दंगा करवाते थे । एक वर्ष हिन्दुओं ने निर्धार कर उनपर प्रतिप्रहार किया । तबसे वहां के दंगे बंद हो गए । यदि हिन्दुओं ने  प्रतिप्रहार करना चालू किया तभी हिन्दू समाज की रक्षा हो सकती है।

यदि अल्‍पसंख्‍यकों के लिए योजनाएं बंद करें, तो ही धर्मांतरण रोक सकते हैं  ! – अधिवक्‍ता श्री. अश्‍विनी उपाध्‍याय, सर्वोच्‍च न्‍यायालय

अधिवक्‍ता श्री. अश्‍विनी उपाध्‍याय, सर्वोच्‍च न्‍यायालय

धर्मांतरण को प्रोत्‍साहन देनेवाली केंद्र सरकार की २०० योजनाएं हैं । प्रत्येक राज्य की योजनाएं मिलाकर भारत में अल्‍पसंख्‍यकों के लिए ५०० योजनाएं हैं । इसके अतिरिक्त अल्‍पसंख्‍यकों के लिए अन्‍य भी योजनाएं हैं । हिन्दुओं के कर (राजस्व) के माध्यम से अल्‍पसंख्‍यकों के लिए योजनाएं चल रही हैं । ये सभी  योजनाएं धर्मांतरण को प्रोत्‍साहित करती हैं । ‘अल्‍पसंख्‍यकों के लिए योजना’ अर्थात धनवान हिन्दुओं के धन से निर्धन हिन्दुओं का धर्मांतरण ! यदि अल्‍पसंख्‍यकों के लिए सभी योजनाएं बंद करें, तो ही धर्मांतरण रोक सकते हैं, ऐसा वक्‍तव्‍य सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अधिवक्‍ता श्री. अश्‍विनी उपाध्‍याय ने किया । वे ‘रामराज्‍य एवं भारतीय संविधान’ विषय पर बोल रहे थे ।

अधिवक्‍ता श्री. अश्‍विनी उपाध्‍याय के भाषण के उद्बोधक विचार

हम कांग्रेस की निंदा करते हैं; परंतु उसने बनाए राष्ट्रघाती कानून अभी तक अस्‍तित्‍व में हैं !

श्रीकृष्‍ण, श्रीराम, श्री हनुमान आदि हिन्दुओं के देवताओं ने जिस भूमि में जन्‍म लिया, वह पवित्र भूमि बम विस्फोट, कट्टरतावाद, लव जिहाद, गोहत्‍या जैसी समस्‍याओं से पीडित क्यों है ? इन मानवनिर्मित समस्‍याओं का समाधान भी है । देश में अनेक हिन्दुत्‍वनिष्‍ठों की हत्‍याएं हुईं; परंतु किसी को भी कठोर दंड नहीं मिला । देश में लव  जिहाद, धर्मांतरण जारी है । इसका कारण अपराधियों को कानून का भय नहीं रहा ।  कानून का भय निर्माण करने का कार्य सरकार एवं प्रशासन का है । धर्मांतरण के विरोध में मैंने न्‍यायालय में याचिका डाली है; परंतु मेरी याचिका रहित करने हेतु  १० लोगों ने याचिकाएं डाली हैं । याचिका पर सुनवाई हेतु दिनांक के उपर दिनांक दी जा रही है । इसे रोकने हेतु संबंधित कानून संसद में एक दिन में हो सकता है ।  राज्‍यकर्ता एवं प्रशासन को इन समस्‍याओं का समाधान देना, यह उनका प्रथम कर्तव्‍य है । इन समस्याओं के समाधान हेतु अच्छे कानून निर्माण करना आवश्‍यक है । आपातकाल भूल था, तो उस काल में संविधान में किए गए परिवर्तन भी गैरकानूनी थे । मुगल एवं अंग्रेज सत्ता हेतु नहीं, अपितु धर्म का प्रचार करने हेतु भारत में आए थे । उनके कानून आज भी भारत में लागू हैं । हम कांग्रेस की निंदा करते हैं; परंतु  कांग्रेस द्वारा बनाए गए राष्ट्रघाती कानून आज भी भारत में हैं ।

कानून बनाकर देश में स्थित दास्यता के सभी चिन्‍ह नष्‍ट करने चाहिए  !

देहली में हुमायूं, बाबर, गजनी इन आक्रामकों के नाम पर सडकें हैं; परंतु महाभारत में जिन्होंने पराक्रम दिखाया, उन अर्जुन, भीम, युधिष्‍ठिर के नाम से सडकें नहीं हैं । कानून बनाकर संपूर्ण भारत के दास्यता के चिन्‍ह नष्‍ट करने चाहिए । हम कांग्रेस का देशद्रोह विशद करते हैं; परंतु उनके द्वारा बनाए गए राष्‍ट्रविरोधी कानून आज भी रहित नहीं किए गए । ‘प्‍लेसेस ऑफ वर्शिप अ‍ॅक्‍ट’, ‘वक्‍फ कानून’ रहित करना आवश्‍यक है ।

भारतीय नागरिता स्‍पष्‍ट करनेवाला कानून होना चाहिए  !

संविधान कहता है, भारत में सभी नागरिक एक समान हैं, तो फिर धर्म के आधार पर भेदभाव क्यों ? संविधान में विद्यमान भ्रम दूर करना चाहिए । धर्म एवं रिलीजन की स्‍पष्‍ट परिभाषाएं संविधान में होनी चाहिए । भारत में जिहादियों को मिली नागरिकता रहित करने हेतु हमारे यहां कानून नहीं है । भारतीय नागरिक कौन हैं ? यह स्‍पष्‍ट करनेवाला कानून प्रथम बनाने की आवश्‍यकता है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं का पुरुषार्थ देखकर धन्‍य हो गया !

हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य बहुत ही प्रशंसनीय है । यहां आकर एवं समिति के कार्यकर्ताओं का पुरुषार्थ देखकर हम धन्‍य हो गए । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यदि कभी भी बुलाया जाए, तो अन्य कार्य से समय निकालकर उपस्‍थित रहूंगा, ऐसा अधिवक्‍ता अश्‍विनी उपाध्‍याय ने कहा है ।

‘हिन्दू इकोसिस्‍टम’ दृढ़ करने हेतु संगठित होकर आवाज बुलंद करनी आवश्‍यक ! – डॉ. वैदेही ताम्‍हण, प्रमुख संपादिका, आफ्‍टरनून वॉइस, मुंबई

डॉ. वैदेही ताम्‍हण, प्रमुख संपादिका, आफ्‍टरनून वॉइस, मुंबई

हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दुओं को संगठित करने का महान कार्य कर रही है । इस कारण इस संगठन के मूल पर आघात करने का प्रयास हुआ । इस संगठन के कार्यकर्ताओं पर अन्‍याय किया गया । इस अन्‍याय के विरोध में ‘आफ्‍टरनून वॉइस’ नामक नियतकालिक के माध्‍यम द्वारा आवाज उठाने का प्रयास हमने किया । छोटे उपक्रमों द्वारा हिन्दुओं को एकत्रित लाने का प्रयास किया जाना चाहिए । ‘हिन्दू इकोसिस्‍टम’ (हिन्दू यंत्रणाओं के लिए) दृढ़ बनाने हेतु संगठित होकर आवाज बुलंद करनी आवश्‍यक है, ऐसे उद़्‍गार मुंबई की ‘आफ्‍टरनून वॉइस’ की प्रमुख संपादिका डॉ. वैदेही ताम्‍हण ने यहां बोलते हुए व्यक्त किए । ‘समाज के प्रतिष्‍ठित वर्ग की इकोसिस्‍टम बनाने की दृष्‍टि से करनेयोग्य प्रयास’ इस विषय पर वे बोल रही थीं ।

वैदेही ताम्‍हण ने आगे कहा, ‘जो कोई हिन्दू धर्म का पालन कर रहा है, चाहे वो मुसलमान ही हो, हमें उसका आदर करना चाहिए । यह भी एक हिन्दू इकोसिस्‍टम का भाग है । हमें एकनिष्‍ठ रहकर धर्म का कार्य करना चाहिए । हिन्दू धर्म से भटक गए लोगों को पुनः समीप लाना चाहिए । संस्‍कार घर से आरंभ करने चाहिए एवं धीरे धीरे उनको समाज में स्थापित करना चाहिए । संत, धर्म, मूलभूत अधिकार की रक्षा हेतु हमें आगे आना चाहिए । हिन्दुओं को संगठित होकर  हिन्दू धर्म का संवर्धन करने का संकल्‍प करना चाहिए ।

हिन्दू अपनी, परिवार, राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए तैयार हों ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

‘वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव’के अंतिम दिन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने ‘भावी भीषणकाल की तैयारी’ इस विषय पर उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पॉप्‍युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ को (‘पी.एफ्.आइ’को) १ जनवरी २०५० में भारत को इस्लामी राष्‍ट्र घोषित करना है । आज ‘जमीयत उलेमा ए हिंद’ नामक संगठन मुसलमान युवकों को खुले आम सैनिकी प्रशिक्षण दे रहा है और आनेवाले १० वर्षों में उन्हें सवा करोड युवकों को प्रशिक्षित करना है । इसके लिए उनकी तैयारियां शुरू है । शत्रुु सदैव युद्ध की तैयारी में रहता है । उसे प्रत्येक बार बुद्धि से समझा नहीं सकते । ऐसे समय पर हिन्दुओं को भी अपनी रक्षा के लिए तैयार होना आवश्यक है । भारत की सेना और पुलिस की संख्या की तुलना में धर्मांधों की संख्या २० करोड है । हमें किसी पर अन्याय नहीं करना है, अपितु धर्म और राष्ट्र की रक्षा करनी है । इसलिए हिन्दुओं को पुलिस पर निर्भर न रहते हुए, अपने साथ, अपने परिवार, राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए तैयार होना होगा । हमारे साथ श्रीकृष्ण होंगे, तो हमारी पराजय हो ही नहीं सकती । हमें अनीति और अधर्म से नहीं, अपितु नीति और धर्म की सहायता से तैयारी करनी होगी ।

शोभायात्रा के समय उसमें सम्मिलित महिलाएं और बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से उपाययोजना होनी चाहिए !

श्री. शिंद ने आगे कहा, ‘‘भारत में अनेक हिन्दुत्‍वनिष्‍ठ संगठन हैं । उनमें मतभेद हो सकता है; परंतु उसका लाभ शत्रु न उठा पाए, इस ओर ध्यान देना चाहिए । सभी हिन्दू राष्‍ट्र की स्थापना चाहते हैं । इसलिए सभी को संगठित होना आवश्‍यक है । हिन्दुओं के प्रत्‍येक देवता के हाथ में शस्त्र हैं । सिक्खों की कमर पर शस्त्र होता है । पुलिस और सेना के पास भी शस्त्र होते हैं; परंतु अंग्रेजों ने ‘भारतीय शस्त्र अधिनियम १८७८’ लागू कर हिन्दुओं को नि:शस्त्र कर दिया था । तब से हिन्दुओं की स्थिति दयनीय हो गई है । विविध दंगों में धर्मांध हिन्दुओं पर आधुनिक शस्त्रों सहित आक्रमण करते हैं । तब अनेक हिन्दुओं को अपने प्राण गंवाने पड जाते हैं । ऐसा होते हुए भी त्योहार और उत्सवों पर शोभायात्रा तो निकालते हैं, परंतु हिन्दू महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी उपाययोजना नहीं होती । इसका भी विचार करना आवश्यक है ।’’

श्री. शिंदे के भाषण के महत्त्वपूर्ण सूत्र

१. वीर सावरकर इंग्लैंड में गए और वहां से पुस्तकों के माध्यम से भारत में बंदूकें भेजीं । इसके साथ ही बम बनाने की पद्धति क्रांतिकारियों को भेजी । वे केवल पुस्तक लिखने तक ही सीमित रहते, तो देश को स्वतंत्रता नहीं मिली होती ।

२. ‘पी.एफ्.आइ’ (पॉप्‍युलर फ्रंट ऑफ इंडिया) भारतांतर्गत युद्ध की तैयारी कर रही है । ‘पी.एफ्.आइ’ने एक नीति बनाई है । उसमें कहा है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जमाती और ‘ओबीसी’ समाज को साथ लेकर चुनाव लडने हैं । साथ ही उनके मन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विषय में गलतधारणा बनानी है ।

श्रीराममंदिर बनाया, अब रामराज्य हेतु प्रयास करेंगे ! – सद़्गुरु निलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद़्गुरु निलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू राष्ट्र एक शिवधनुष्य है । जैसे रामायण में शिवधनुष्य उठाना महाबली योद्धाओं को संभव नहीं हुआ, उस शिवधनुष्य को श्रीराम ने किसी खिलौने के भांति उठाकर तोड दिया । महाभारत का युद्ध जो १८ वर्ष चलनेवाला था, उस युद्ध को श्रीकृष्ण ने केवल १८ दिनों में समाप्त किया । साथ ही उचित क्षण आते ही इस कलियुग में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने में ईश्वर को समय नहीं लगेगा, इस के प्रति दृढ श्रद्धा रखकर हिन्दू राष्ट्र हेतु हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना पडेगा । कुछ दिन पूर्व ही अयोध्या में श्री रामलला विराजमान होने के उपरांत अब देश को आध्यात्मिक अधिष्ठान प्राप्त हुआ है । अब देश को रामराज्य की आवश्यकता है । उसके लिए पहले जनता को व्यक्तिगत जीवन में रामराज्य लाने हेतु साधना करनी पडेगी, साथ ही नैतिक एवं सदाचारी जीवन जीने का संकल्प लेना पडेगा । सात्त्विक समाज की प्रधानता से ही अध्यात्म पर आधारित राष्ट्ररचना अर्थात ही रामराज्य संभव है; इसलिए हम व्यक्तिगत तथा सामाजिक जीवन में रामराज्य लाने का संकल्प लेंगे, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक  सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव : दिशादर्शन एवं संवाद’, इस विषय पर बोलते हुए किया ।

सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने कहा,

१. हिन्दू संगठनों के एकत्रीकरण से हम हिन्दू ‘इकोसिस्टम’ (हिन्दू व्यवस्था), हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार से बातचीत करनेवाला संवाद समूह तथा हिन्दुओं की समस्याओं का संज्ञान लेने हेतु बाध्य बनाने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ के नाम से ‘दबावसमूह’ तैयार करने की संकल्पना का पिछले वर्ष से कार्यान्वयन के प्रयास में हैं ।

२. मंदिर महासंघ के माध्यम से किए गए प्रयासों से प्रेरणा लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में मंदिरों से संपर्क बढाना, विभिन्न माध्यमों से मंदिरों में धर्मशिक्षा कैसे दी जा सकेगी; इसके लिए प्रयास करना तथा मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने हेतु प्रयास करना समय की मांग है ।

३. हिन्दुत्वनिष्ठों को लक्ष्य बनाकर उन्हें कानून के चंगुल में फंसाने के योजनाबद्ध प्रयास चल रहे हैं । आनेवाले समय में कानून के चंगुल में फंसाकर हिन्दुत्व के आंदोलन को दुर्बल बनाने का प्रयास करनेवालों को उत्तर देने हेतु हमें हिन्दुत्वनिष्ठों का समूह बनाना पडेगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए ‘शत्रुबोध’ और ‘इतिहास का अभिमान ‘ अपरिहार्य!  – मीनाक्षी शरण, संस्थापक, अयोध्या फाउंडेशन, मुंबई, महाराष्ट्र

मीनाक्षी शरण, संस्थापक, अयोध्या फाउंडेशन, मुंबई, महाराष्ट्र

सनातन संस्था के संस्थापक डॉ. सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ आठवले दूरदृष्टि से सोचते हैं । उनका उद्देश्य भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर, पूरे विश्व को एक कल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र की ओर ले जाना है।  इसके लिये ‘शत्रूबोध’ और ‘इतिहास का अभिमान’ होना जरुरी है ऐसा वक्तव्य मुंबई की अयोध्या फाउंडेशन की संस्थापिका मीनाक्षी शरण ने दिया ।  वह ‘1947 जैसी स्थिति होने पर महिलाओं और हिन्दूओं का दायित्व !’ इस विषय पर बोल रही थी।

उन्होंने कहा, ”भारत में  ‘लव जिहाद’ और ‘गोहत्या’ पर हिन्दू प्रतिक्रिया नहीं देते है। भारत में हर साल 3 करोड़ गोवंश का वध किया जाता है;  लेकिन हिन्दू इस पर सामूहिक रूप से आवाज नहीं उठाते। बहुसंख्य युवाओं का इससे कोई लेना-देना नहीं है । इसका कारण यह है कि उनमें धर्म और शत्रु का कोई ज्ञान नहीं है।  हिन्दू समाज भी धर्मविहीन हो गया है।  हिंदुओं को अपने प्राचीन इतिहास पर गर्व नहीं है।  अपने संतों के अपमान होने पर भी वे हिन्दू चुप है।  हिन्दू केवल अर्थ और काम के बीच फँसे हुए हैं।  भारत के कुछ हिस्सों में हिन्दू जनसंख्या तेजी से घट रही है।  विभाजन के बाद पाकिस्तान में 50 लाख हिंदू मारे गए।  वहां के हिंदुओं को 1 हजार (सहस्त्र) 400 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़नी पड़ी। दूसरी ओर, पाकिस्तान निर्माण होने के बाद भारत में 13-14 और पाकिस्तान निर्माण हो रहे हैं।  भारत एक बार फिर विभाजन के कगार पर है ।  हिन्दूओं में अपनी संस्कृति के प्रति आस्था बढ़ाने के लिए हमने मंदिरों में दीपक जलाने की योजना शुरू की है।  हम उपेक्षित मंदिरों में देवताओं की पूजा करते हैं और दीपक जलाते हैं।  हमने इस योजना की शुरुआत हिमाचल प्रदेश राज्य से की है।

फैशन शो और कॉस्मेटिक्स के माध्यम से हिन्दू नारियों से होने वाली छल कपट के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त किया  ! -साध्वी आत्मनिष्ठा, जबलपुर, मध्य प्रदेश

साध्वी आत्मनिष्ठा, जबलपुर, मध्य प्रदेश

वर्तमान समय में कई स्थानों पर जो ‘फैशन शो’ का आयोजन मुसलमानों द्वारा होता है ! किंतु  ‘रैंप’ पर चलने वाली लड़कियां हिन्दू होती हैं।  इन ‘फैशन शो’ का ‘वीडियो’ इस्लामिक देशों को भेजा जाता है। इसके माध्यम से ‘रैकेट’ चलाकर बड़े स्तर पर हिन्दू नारियों का शोषण किया जाता है। ऐसे संगठित ‘माफिया’ बड़े स्तर पर कार्यरत हैं। भारत में कई सौंदर्य प्रसाधनों का स्वामित्व विदेशी प्रतिष्ठानों के पास है। सौंदर्य प्रसाधनों के माध्यम से भी हिन्दू स्त्रियों को ठगने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है। यह ज्ञात होने के पश्चात हमने जिहादियों द्वारा ‘फैशन शो’ एवं ब्यूटी पार्लरों के माध्यम से हिन्दू स्त्रियों को ठगने से रोकने के लिए मुखर स्वरों में विरोध किया। हमने कम से कम ५०० ऐसे कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया जहां हिन्दू स्त्रियों से छल  दिया जा रहा था।

हमने हिन्दू नारियों को भारतीय संस्कृति की ओर मोडने के लिए, उनके एकीकरण के लिए हल्दी-कुंकु जैसे कार्यक्रम शुरू किए। इसके माध्यम से हमने उन्हें नौकरी की दक्षता के साथ-साथ अन्य उपाय भी सीखाए।’ हम इन युवतियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। हम लाठी काठी और तलवार चलाना भी सिखाते हैं।

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​