भिन्न देश, भिन्न राज्य, भिन्न भाषा तथा भिन्न वेशभूषा, इन विविधताओं में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के एक विचार से हिन्दुत्वनिष्ठों को संगठित करनेवाले ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का हिन्दू राष्ट्र का जयघोष करते हुए समापन हुआ । पिछले ७ दिन से हिन्दू राष्ट्र के विचार से प्रेरित होकर एकत्रित हिन्दुत्वनिष्ठों ने महोत्सव के समापन समारोह में हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु समर्पित होने का दृढसंकल्प लेते हुए एक-दूसरे से विदा ली । इस अधिवेशन में ६ देशों तथा भारत के २६ राज्यों में से १ सहस्र से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । देश-विदेशों के अनेक संतों की उपस्थिति में यह महोत्सव संपन्न हुआ ।
इस महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर जिलास्तर तक के विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों में कार्य करनेवाले अधिवक्ता, उद्यमी, पत्रकार, लेखक, मंदिरों के न्यासी, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता तथा धर्मप्रेमी सम्मिलित थे । हिन्दू धर्म पर हो रहे विभिन्न आघात, मंदिर संस्कृति की रक्षा के उपाय, वैश्विक स्तर पर हिन्दुत्व की रक्षा, गढ-किलों की रक्षासहित हिन्दू राष्ट्र की नींव रखने हेतु आवश्यक विषयों पर इस महोत्सव में विचारमंथन हुआ, साथ ही प्रत्यक्ष समान कार्यान्वयन कार्यक्रम भी सुनिश्चित किया गया । मार्गदर्शन, समूहचर्चा, विचारगोष्ठी के द्वारा मान्यवरों ने इस महोत्सव में उद्बोधन किया । महोत्सव के अंतिम दिन कुछ हिन्दुत्वनिष्ठों ने अपना मनोगत व्यक्त किया । श्रीमती क्षिप्रा प्रशांत जुवेकर, श्री. कार्तिक साळुंखे तथा श्री. चैतन्य तागडे ने इस महोत्सव में सूत्रसंचालन किया । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के आयोजक श्री. संदीप शिंदे ने आभार प्रदर्शन किया । राष्ट्र एवं धर्म के विषय में प्रस्तावों का वाचन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हर्षद खानविलकर ने किया । संपूर्ण ‘वन्दे मातरम्’ गाकर महोत्सव का समापन हुआ । महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की श्रीमती भक्ति विश्वनाथ कुलकर्णी तथा श्रीमती सायली सिद्धेश करंदीकर ने ‘वन्दे मातरम्’ गाया ।
हम कृतज्ञ हैं ! – हिन्दू जनजागृति समिति
ईश्वर की , संतों के आशीर्वाद एवं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन के कारण यह महोत्सव निर्विघ्नरूप से संपन्न हुआ । हिन्दुत्वनिष्ठों के सहयोग के कारण महोत्सव संपन्न होने का उल्लेख करते हुए, साथ ही महोत्सव में कोई त्रुटियां रह गई हों, तो उसके प्रति क्षमायाचना व्यक्त कर श्री. संदीप शिंदे ने सभी का आभार व्यक्त किया । ईश्वर एवं संतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की ।
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का शंखनाद ! – संदीप शिंदे
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ईश्वर का नियाेजन है । हमारे माध्यम से ईश्वर यह कार्य पूर्ण करनेवाले हैं । ‘जहां धर्म है, वहां विजय निश्चित है’, भगवान श्रीकृष्ण के इस वचन को ध्यान में रखते हुए निराशा एवं भय का त्याग कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्यरत रहेंगे । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का शंखनाद है, ऐसा कहते हुए श्री. संदीप शिंदे ने धर्मकार्य करने हेतु सभी को शुभकामनाएं दीं ।
१२ वें अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में अर्थात् ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’में पारित प्रस्ताव !
१. संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ इन शब्दों को हटाकर वहां ‘आध्यात्मिक’ शब्द जोडकर भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए !
२. ‘नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए’, इस मांग का संपूर्ण समर्थन किया गया ।
३. ‘प्लेसेस ऑफ वर्शीप एक्ट १९९१’ तत्काल रद्द किया जाए, साथ ही काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला इत्यादि मुघल आक्रांताओं के द्वारा हडप लिए गए मंदिरों तथा भूमि को पुनः हिन्दुओं को सौंपे जाएं ।
४. संपूर्ण देश में सरकार के नियंत्रण में स्थित सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर उन्हें श्रद्धालुओं को सौंपा जाए ।
५. मंदिरों का परिसर ‘मदिरा-मांस’ मुक्त किया जाए ।
६. संपूर्ण देश में ‘गोहत्या बंदी’ एवं ‘धर्मांतरण बंदी’ कानून लागू किए जाएं ।
७. धार्मिकता पर आधारित ‘हलाल प्रमाणपत्र’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
८. वक्फ बोर्ड कानून तत्काल रद्द किया जाए तथा इस बोर्ड के द्वारा अतिक्रमित संपूर्ण भूमि वक्फमुक्त की जाए ।
९. ‘गजवा-ए-हिन्द’ (भारत का इस्लामीकरण) का फतवा निकालनेवाले ‘दारुल उलूम देवबंद’, इस संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
१०. ‘इन्क्विजिशन’के नाम पर २५० वर्षाें से गोमंतकवासियों पर किए गए अमानवीय तथा क्रूर अत्याचारों के प्रति ईसाई धर्मगुरु पोप गोवा की जनता से क्षमा मांगें ।
११. कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ के नाम से केंद्रशासित प्रदेश बनाकर विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का वहां पुनर्वास किया जाए ।
१२. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन तथा भारत सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका में हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों की जांच कर वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को संरक्षण दें ।
१३. भारत में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस भेजने हेतु सरकार कठोर कानून बनाए । नागरिकता सुधार कानून की तुरंत कार्यवाही की जाए ।
१४. देश में ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ तत्काल लागू किया जाए ।
१५. कर्नाटक की श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक पर लगाई गई गोवा राज्य प्रवेशबंदी हटाई जाए ।
१६. ‘ओटीटी’ तथा ‘वेब सीरीज’ को कानून की कार्यकक्षा में लेकर फिल्म परिनिरक्षण विभाग में हिन्दुओं तथा आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों का समावेश किया जाए ।
१७. ऑनलाइन माध्यमों से ‘रमी सर्कल’ तथा ‘जुए के विज्ञापनों’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।