उपचारसभा में कैंसर जैसी बीमारियां ठीक करने का दावा
भरतपुर (राजस्थान) – यहां के एक गांव में आयोजित ईसाईयों की उपचारसभा में १०० से अधिक हिन्दुओं को धर्मांतरण के लिए बुलाया गया था । ‘ईसाई धर्म का स्वीकार करनेवालों को प्रतिमाह १० सहस्र रुपए देंगे तथा कैंसर जैसी बीमारी ठीक करेंगे’, ऐसा दावा ईसाई धर्मगुरु कर रहे थे । इस सभा में ईसाई धर्मप्रचारक हिन्दुओं के देवताओं के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे थे । देवताओं को यीशू के सामने दुर्बल माना जा रहा था । ये धर्मप्रचारक यीशू सबसे महान देवता होने का दावा कर रहे थे । इस सभा में ईसाई धर्मप्रचारकों ने धर्मांतरण हेतु लाए गए हिन्दुओं से उनकी देवताओं की मूर्तियां तोड देने के लिए कहा । इस धर्मांतरण की सभा के विषय में जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पहुंची तथा पुलिस ने इस प्रकरण में २८ लोगों को हिरासत में लिया तथा उसके उपरांत उन्हें जमानत पर छोडा गया ।
Bharatpur Hindu Conversion: Attempt to convert more than 100 Hindus at a Christian healing meeting in Bharatpur (Rajasthan)!
Claim of curing diseases like cancer in the healing meeting.
Such incidents once again highlight the need for strict anti-conversion laws!
Remember… pic.twitter.com/vHPZEcDgxb
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 8, 2024
१. मथुरा गेट पुलिस थाने के प्रमुख करणसिंह राठोड ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया गया है । इस घटना के मुख्य आरोपी रवींद्र कुमार (आयु ३९ वर्ष) तथा उसकी पत्नी रुबी (३२ वर्ष) ईसाई दंपति है । (ऐसे धर्मांतरित ईसाई अपने मूल हिन्दू नाम नहीं बदलते, इसे ध्यान में लें । हिन्दू समाज में घुल-मिलकर हिन्दुओं का धर्मांतरण करना सुलभ हो; इसके लिए वे अपने मूल हिन्दू नाम वैसे ही बनाए रखते हैं ! – संपादक)
२. ये पति-पत्नी शहर में ‘चर्च फाऊंडेशन’ चलाते हैं । वे लोगों को ‘वॉट्स एप’ समूह में जोडते थे तथा ‘हम कैंसर जैसी बीमारियां ठीक करेंगे’, ऐसा दावा कर लोगों को उपचार सभा में बुलाते थे ।
३. पुलिस ने जब रवींद्र कुमार के घर की तलाशी ली, तब वहां बाईबल तथा ईसाई धर्म की अन्य भी प्रचारसामग्री मिली । इस प्रकरण में पुलिस रवींद्र कुमार के बैंक खातों की जांच कर उसे मिलनेवाले धन के स्रोत खोज रही है ।
४. विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष लखन सिंह ने बताया कि विगत अनेक वर्षाें से यह रवींद्र कुमार भरतपुर में धर्म परिवर्तन केंद्र चला रहा है, जिसमें उसकी पत्नी की उसका साथ देती है । यह दंपति गांव-गांव तथा बस्तियों में जाकर लोगों को ईसाई धर्म के विषय में बताते थे ।
ईसाई धर्मप्रचारकों की ओर से हिन्दू धर्म सबसे हीन धर्म होने का दुष्प्रचार
पुलिस में पंजीकृत शिकायत में कहा गया है कि रवींद्र कुमार सभा में उपस्थित हिन्दुओं को देवताओं की मूर्तिपूजा छोडकर ईसाई धर्म का स्वीकार करने के लिए कहता था । उसका यह कहना था कि देवताओं ने कोई भी अवतार नहीं लिया । वह भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करता था । हिन्दू धर्म सबसे नीचले स्तर का धर्म होने की वह बात करता था । ‘यीशू सबसे बडा देवता है तथा आपने उसकी सेवा की, तो आपको स्वर्ग मिलेगा’, ऐसा भी वह बोलता था ।