उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में हिन्दू देवी-देवताओं के नामवाली मुसलमान मालिकों की कई दुकानें और ढाबे

मुस्लिम व्यापारियों का ‘नाम जिहाद’!

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – कावड यात्रा के अवसर पर मुसलमानों द्वारा अपनी दुकानों का नाम हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर रखने से कई विवाद पैदा हो सकते हैं तथा कई लोग इस पर आपत्ति कर सकते हैं। हमें आपके मनचाहे नाम होने पर कोई आपत्ति नहीं है; लेकिन उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कुछ दिन पूर्व लोगों से एक बैठक में देवी-देवताओं के नाम का उपयोग नहीं करने का अनुरोध किया थी। इस संदर्भ में जी न्यूज चैनल ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया और ऐसी दुकानों और ढाबों की सूचना सामने आई, जो हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर तो हैं, लेकिन उनके मालिक मुस्लिम हैं !

१. उत्तराखंड में इस समाचार चैनल के पत्रकारों द्वारा ‘वैष्णो देवी’ नाम की कई दुकानें और ढाबे पाए गए; यद्यपि, इनमें से ज्यादातर दुकानें और ढाबे मुसलमानों के हैं।

२. ढाबों के नाम के कारण कावड़ तीर्थयात्री वहां अल्पहार या भोजन के लिए जाते हैं। यद्यपि कावड़ तीर्थयात्रियों के लिए एक अलग व्यवस्था है, किंतु भोजन बनाने वाले कर्मचारी मुस्लिम हैं; यद्यपि, यह कावड़ तीर्थयात्रियों को ज्ञात नहीं है।

३. जब ज़ी न्यूज़ की टीम बिजनौर में देहरादून-नैनीताल राजमार्ग पर पहुंची, तो उन्हें हिंदू देवताओं के नाम पर २० से अधिक ढाबे मिले; किंतु उन्हें मुसलमान चला रहे हैं। इनमें ‘श्री खाटू श्याम ढाबा’, ‘नीलकंठ फैमिली रेस्टोरेंट’, ‘हिमालय ढाबा’ और ‘शिव ढाबा’ के रूप में संचालित ढाबे सम्मलित हैं।

४. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इसी तरह के कई ढाबे हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर चलते पाए गए। उनमें से एक ‘जनता वैष्णो ढाबा’ था जिसका इसका संचालक एक मुस्लिम था। समाचार चैनल के संवाददाताओं ने ढाबे के मालिक मोहम्मद अनस सिद्दीकी से बात की तो उन्होंने दावा किया, “मुझे पिछले १५ सालों में इस नाम से कोई समस्या नहीं हुई। इस ढाबे स्थल पर कावड़ यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

५. यह बात सामने आई है कि उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मुस्लिम व्यापारी एक हिन्दू देवता के नाम पर दुकान चला रहा है। हिन्दू धर्म के लोगों को अपनी दुकानों से मिठाई खरीदने में सक्षम होना चाहिए; इसलिए दुकान का नाम ‘चौधरी स्वीट्स’ रखा गया है। सिर्फ चौधरी ही नहीं, बल्कि बरेली में कई दुकानें हैं, जो हिन्दूओं के नाम पर चल रही हैं। कहा गया कि ये ढाबे और दुकानें कई सालों से हिन्दूओं के नाम पर चल रही हैं और नाम कुछ भी हो, इनका एकमात्र उद्देश्य व्यवसाय बढ़ाना है।

स्रोत : हिन्दी सनातन प्रभात

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