हिंदुत्वनिष्ठों को गुमराह करने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी पर सरकार कार्रवाई करे !
14 जुलाई को शिवभक्तों के उग्र प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 15 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने का कार्य शुरू किया। अवैध निर्माण हटाने के संदर्भ में प्रशासन ने सरकार का अभिप्राय मांगा था। उच्च न्यायालय और अन्य न्यायालयों में जिन याचिकाकर्ताओं का स्थगन आदेश है, उन्हें छोड़कर अन्य अवैध निर्माण हटाए जा सकते हैं, ऐसा उल्लेख किया गया। इसी आधार पर अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। यदि याचिकाकर्ताओं के ही संबंध में स्थगन आदेश है, तो आज तक जिला प्रशासन ने यह अवैध निर्माण क्यों नहीं हटाया? इस मामले को न्यायाधीन बताकर हिंदुत्वनिष्ठों और दुर्ग प्रेमियों को हमेशा गुमराह किया गया। स्थानीय न्यायालय ने अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, फिर भी तत्कालीन जिलाधिकारी राहुल रेखावार ने इस अवैध निर्माण को हटाने में देरी की, जिससे याचिकाकर्ताओं को न्यायालय जाने का समय मिल गया। इसलिए हिंदुत्वनिष्ठों को गुमराह करने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी रेखावार पर सरकार कार्रवाई करे, ऐसी मांग ‘विशालगढ रक्षा और अतिक्रमण विरोधी कृति समिति’ की ओर से की जा रही है।
Vishalgad Defence and Anti-Encroachment Action Committee
Press Release : 17.07.2024
The government should take action against the then District Collectors who misled the Hindus
Encroachment removal on Vishalgad delayed due to pressure from the Guardian Minister – Vishalgad… pic.twitter.com/sKjz9JYSuB
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) July 17, 2024
इस संदर्भ में स्थानीय न्यायालय ने अवैध निर्माण हटाने का आदेश देने के बाद मानसून में अवैध निर्माण नहीं हटाया जा सकता, ऐसा तत्कालीन जिलाधिकारी रेखावार ने कहा था। यदि ऐसा है, तो अब मानसून में यह अवैध निर्माण कैसे हटाया जा रहा है? साथ ही ‘उच्च न्यायालय में गए याचिकाकर्ताओं के मामलों में स्थगन होने के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकती,’ ऐसा उत्तर भी उन्होंने हिंदुत्वनिष्ठों को दिया था; लेकिन यह स्थगन केवल 6 अवैध निर्माण के संबंध में था, यह अब स्पष्ट हो गया है। इसका मतलब तत्कालीन जिलाधिकारी रेखावार ने हिंदुत्वनिष्ठों से बार-बार झूठ बोला, यह सिद्ध होता है। जिले के पालकमंत्री से पूछे बिना प्रशासन कोई निर्णय नहीं लेता, इसलिए पालकमंत्री के दबाव के कारण ही यह अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, ऐसा कहना पड़ेगा। इसलिए कोल्हापुर के पालकमंत्री सभी समाज के हैं या केवल अल्पसंख्यकों के हैं, यह सवाल भी इस अवसर पर उठता है।
14 जुलाई को हुआ उग्र प्रदर्शन प्रशासन के पक्षपाती और अन्यायपूर्ण भूमिका के कारण ही हुआ है। इसलिए प्रदर्शनकारी हिंदुओं पर डकैती जैसे मामले लगाना, साथ ही कई निर्दोष हिंदुओं को गिरफ्तार करना, यह अत्यंत गलत है और इस मामले में सभी हिंदुओं पर लगे मामले तुरंत वापस लिए जाएं। साथ ही, वर्तमान में अवैध निर्माण हटाने की शुरू हुई मुहिम को विशालगढ के सभी अवैध निर्माण हटाकर ही पूरा किया जाए, और राज्य के जिन किलों पर अवैध निर्माण हुआ है, उन सभी अवैध निर्माण को सरकार तुरंत हटाए, ऐसी मांग भी समिति की ओर से की जा रही है।
मार्च 2021 में विशालगढ पर अवैध निर्माण के विषय को सबसे पहले ‘विशालगढ रक्षा और अतिक्रमण विरोधी कृति समिति’ ने उठाया। विशालगढ पर हुए अवैध निर्माण, मंदिरों और समाधियों की दुर्दशा की ओर पुरातत्व विभाग का अक्षम्य उपेक्षा प्रमाणों के साथ पत्रकारों के सामने रखा। साथ ही इस संबंध में आंदोलन, निवेदन देना, विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को लगातार उठाना, ऐसे प्रयास समिति लगातार कर रही है।