जयपुर में अब मांस का विक्रय करनेवाले दुकानों में मांस ‘हलाल है अथवा झटका ?’, यह लिखना पडेगा

जयपूर महानगरनिगम का निर्णय

महापौर डॉ. सौम्‍या गुर्जर

जयपूर (राजस्‍थान) – यहां मांस विक्रय करनेवाले दुकानों का मांस ‘हलाल है अथवा झटका ?’, वह दुकानों पर लिखना होगा । जयपुर महानगरनिगम द्वारा मांस विक्रय करनेवाले सभी दुकानदारों को इस विषय में आदेश दिए गए है तथा शीघ्र ही उसका प्रवर्तन होगा, ऐसी जानकारी जयपुर की महापौर (मेयर) डॉ. सौम्‍या गुर्जर ने दी है । नगर में मांस विक्रय का दुकान यदि आरंभ करना हो, तो महानगरनिगम द्वारा अनुमति पत्र (लाइसेंस) लेना पडेगा तथा ऐसे दुकानदारों को व्‍यावसायिक पृष्ठभूमि पर ही मांस की दुकानें चालू करने की अनुमति दी जाएगी ।

महापौर डॉ. गुर्जर ने आगे कहा, ‘जनता की भावनाएं ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है । जयपुर में १५० प्रभाग है । वहां के लोगों ने मेरे पास अनेक बार इस विषय में परिवाद किए हैं । मांस की दुकानों के निकट कुडा-कचरा फेंका जाता है । इस कारण नागरिकों को बडी मात्रा में कष्ट होने के परिवाद मुझे प्राप्‍त हुए है । इस संदर्भ में कुछ दिन पूर्व ही हमारी कार्यकारिणी बैठक संपन्न हुई है । उसमें ‘मांसविक्रय की दुकानें निवासी क्षेत्र के बाहर होने चाहिए’, ऐसा निश्चित किया गया है । मैं स्वयं शाकाहारी हूं, दुर्गंध सहन नहीं कर सकती । मेरे समान समस्याएं अन्य अनेक नागरिकों की हो सकती है ।’

हलाल एवं झटका मांस में भेद

हलाल मांस अर्थात जानवर का मुंह मक्‍का की दिशा में कर उसके गले की नस काटकर उसे तडपाकर मरने दिया जाता है । उसमें जानवर का रक्त बडी मात्रा में बह जाता है । इसके विपरित हिन्दू अथवा सिक्ख धर्म में ‘झटका’ पद्धति से जानवर की हत्‍या की जाती है । उसमें जानवर की गरदन एक ही वार में काट दी जाती है । इस कारण जानवरों को अल्‍प मात्रा में कष्ट होता है ।

स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात

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