मुस्लिम वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने संशोधन बिल का किया स्वागत, बोले- 99% जमीन पर है गुंडे-बदमाशों का कब्जा
लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर संग्राम चल रहा है। विपक्षी दल जहां इस बिल के खिलाफ हैं तो वहीं सरकार की तरफ से यह बताया गया कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल की जरूरत क्यों है। उन्होंने लोकसभा सदस्यों की विभिन्न आपत्तियों पर जवाब देते हुए प्रस्ताव किया कि इसे संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजा जाए।
इससे पहले लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल में किसी भी धार्मिक संस्था की आजादी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है और न ही संविधान के किसी आर्टिकल का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वक्फ एक्ट 1995 अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाया, इसीलिए यह संशोधन लाया जा रहा है ताकि वह हासिल किया जा सके जो आप नहीं कर पाए।
I moved for leave to introduce The Mussalman Wakf (Repeal) Bill, 2024 to repeal the Mussalman Wakf Act, 1923 in Lok Sabha today.
Also introduced the Bill in the house.#Parliament pic.twitter.com/fih2Ta64ul— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 8, 2024
उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मसले पर राजनीतिक करने की कोशिश कर रहा है और मुस्लिमों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है जबकि कई सांसदों ने उन्हें बताया कि वक्फ बोर्ड माफियाओं के कब्जे में हैं लेकिन अब बिल का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता, लेकिन 1995 के वक्फ कानून में ऐसे प्रावधान हैं।
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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर बोलते हुए अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने कई मामलों के बारे में भी बताया। उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के एक गांव की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यहां एक 1500 साल पुराना मंदिर है। वहां के गांव में रहने वाला एक व्यक्ति जब अपना जमीन बेचने के लिए गया तो उसे बताया गया कि उसके गांव की जमीन वक्फ की संपत्ति है।
कर्नाटक में 2012 में माइनॉरिटी कमिशन की रिपोर्ट में कहा गया कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने 29000 एकड़ जमीन को कमर्शियल उद्देश्य में बदल दिया गया जबकि वक्फ की जमीन का उपयोग सिर्फ धार्मिक और चैरिटेबल मकसद के लिए ही किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि सूरत नगर निगम के पूरे हेड क्वार्टर को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया।
स्रोत : जनसत्ता