कोयंबटूर (तमिलनाडु) – बांग्लादेश तथा अमेरिका के पश्चात अब भारतीय नागरिक भी बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । इसी उद्देश्य से १० अगस्त की सायं गांधी पार्क में धरना दिया गया । विरोध प्रदर्शन का आयोजन हिंदू समर्थक संगठन हिंदू मक्कल कत्छी ने किया था। दर्शकों को संबोधित करते हुए, संगठन के संस्थापक अध्यक्ष, अर्जुन संपत ने कहा, “भारत सरकार, संयुक्त राष्ट्रों एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की दुर्दशा के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। बांग्लादेश में एक नया ‘हिन्दू बंगाल’ बनाया जाए एवं वहाँ पर हिन्दुओं को बसाने की व्यवस्था की जाए। वहां हिंदुओं की सुरक्षा का वचन देना चाहिए।”
अर्जुन संपत द्वारा प्रस्तुत महत्वपूर्ण बिंदु
1. जिन हिंदुओं को बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा तथा वे भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं, उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अंतर्गत फास्ट-ट्रैक नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए।
2. बांग्लादेश में दंगे रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना भेजी जानी चाहिए।
3. बांग्लादेश पाकिस्तान की तरह एक मुस्लिम कट्टरपंथी देश है; किंतु भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। हिंदुओं के लिए कोई राष्ट्र नहीं है। इसलिए, हिंदुओं की रक्षा करना भारत का दायित्व है।
4. फ़िलिस्तीनी मुसलमानों के लिए INDI गठबंधन, DMK तथा कांग्रेस का विरोध; लेकिन वे बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए कुछ नहीं करते। मणिपुर की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाने वाली तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके पार्टी ने बांग्लादेश के हालात पर अब तक मौखिक तौर पर भी विरोध नहीं जताया है।
5. भारत में मुस्लिम संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध जारी हिंसा पर विरोध का एक भी शब्द नहीं कहा है ।भारत में हिंदुओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए ।