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भाजपाके आशिष शेलारद्वारा जेरूसलेम यात्राके लिए ईसाईयोंको अर्थसहायता देनेकी मांग

ज्येष्ठ शुक्ल १ , कलियुग वर्ष ५११५

अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी करने हेतु आगे बढनेवाला भाजपा नहीं, दूसरा कांग्रेस !

इस प्रकारसे हिंदुओंकी यात्राके लिए क्या कभी भाजपाद्वारा मांग की गई है ? हज यात्राके लिए सर्वाधिक राशि प्रदान करनेवाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयीजीकी भाजपाको लोकसभामें हिंदू चुनकर क्यों दें ?

Ashish Shelar of BJP

मुंबई – भाजपाके विधान परिषद विधायक आशिष शेलारद्वारा बताया गया कि ‘हज यात्राके समान ईसाईयोंकी जेरूसलेम यात्राके लिए भी अर्थसहायता देनेका प्रबंध करना चाहिए । आंध्रप्रदेश तथा तामिळनाडुमें ईसाईयोंको इस प्रकारकी अर्थसहायता प्रदान की जाती है । इस मांगको स्वीकृति दिलाने हेतु आगामी अधिवेशनमें विधान परिषदके सामने मैं आंदोलन करूंगा ।’ (भाजपाके आशिष शेलारद्वारा क्या कभी हिंदुओंके लिए इस प्रकारका आंदोलन किया गया है ? मतोंके लिए लाचार बने भाजपवालोंकी ओरसे निरंतर हिंदुओंको फंसाए जानेका ही अनुभव  है । यदि इस प्रकारका व्यवहार करनेवाली भाजपाको चुनावद्वारा हिंदू सत्तासे हटाएं, तो उसमें आश्चर्र्यकी बात ही क्या होगी ?- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

हाल ही में प्रकाशित  भाजपाके ‘मनोगत’ नामक मुखपत्रमें यह जानकारी प्रकाशित की गई । इसलिए हिंदूनिष्ठ संगठनोंकी ओरसे तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त हो रही है । (इस प्रकारकी जानकारी मुखपत्रद्वारा प्रकाशित की जाती है, इससे यह स्पष्ट होता है कि इस मांगको लिए सहयोग देनेके लिए भाजपा सिद्ध है ही ! किंतु सत्ता प्राप्त न होनेके कारण भाजपा अस्तव्यस्त हुई है,  इससे यही बात सिद्ध होती है ! -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

शेलारकी यह मांग थी कि राज्यमें १८ लक्ष ईसाई हैं तथा उनके लिए १ करोड रुपयोंका अर्थसंकल्पीय प्रबंध होना चाहिए । किंतु इस प्रकारका प्रबंध न होनेके कारण शेलारद्वारा अर्थमंत्रीसे भेंट कर उनके पास इस संदर्भमें नाराजगी व्यक्त की गई । शेलारद्वारा वांद्रा क्षेत्रमें चुनाव लडा गया किंतु वे चुनावमें पराजित हुए । तदनंतर उन्हें विधान परिषदमें सम्मिलित किया गया । वांद्रा क्षेत्रमें ईसाईयोंकी संख्या अधिक होनेके कारण ही शेलारको ईसाईयोंके प्रति प्रेम उमड आया है ।

इस प्रकारका अनुदान अर्थात धर्मपरिवर्तनके लिए अप्रत्यक्ष सहायता ही ! – विहिंप

इस विषयमें विहिंपके केंद्रीय सहमंत्री प्रा.व्यंकटेश आबदेवद्वारा बताया गया कि इस प्रकारका अनुदान प्रदान करना, अर्थात धर्मपरिवर्तनके लिए खुले आम सहायता करनेका प्रकार है । जिन्हें ईसाईयोंके प्रति इस प्रकार प्रेम उमड आया है, उन्होंने हिंदुओंके लिए कितनी बार इस प्रकार अनुदानकी मांग की है ?(विहिंपके समान बलशाली हिंदूनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारियोंद्वारा केवल प्रतिक्रिया देनेकी अपेक्षा भाजपाको यह मांग वापस लेनेके लिए विवश कर हिंदूहितका विचार करनेके लिए प्रवृत्त करना चाहिए ! -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

(संदर्भ : दैनिक लोकसत्ता)

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