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सनातनके कारण श्री. नवलकिशोर शर्मा जैसे अच्छे मित्रको जीवित देख सका ! – श्री. मनीष मंजुल

समर्थसंगठनके महासचिव श्री. मनीष मंजुल

विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ मंदिर, गोवा – समर्थसंगठनके महासचिव श्री. मनीष मंजुलजीने कहा, भोजशालाके संदर्भमें संपूर्ण आंदोलनमें हिंदू जनजागृति समिति तथा विशेषतः सनातन संस्थाका बहुत आधार मिला । मध्यप्रदेशकी भाजपा सरकारने श्री सरस्वतीदेवीके मंदिरमें बसंतपंचमीको केवल मुसलमानोंको ही नमाजपठनकी अनुमति देनेका प्रयास करने हेतु श्री. नवलकिशोर शर्मा सहित भोजशाला मुक्ति आंदोलनके कार्यकर्ताओकी धरपकड करनेका निश्‍चय किया था । जिस दिन श्री. शर्माजीका मुंबई आनेका नियोजन हुआ उसके अनुसार वे रेलगाडीमें बैठे; परंतु अचानक उनसे संपर्क टूट गया । कुछ घंटे उनकी जानकारी मिलना बंद होनेपर हमने श्री. शर्माजीकी सुरक्षा हेतु सभीको लघुसंदेश भेजा कि, पुलिसने मुठभेडमें श्री. शर्माजीकी हत्या कर दी है ।

उसी प्रकार हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताआने नई देहलीमें भाजपाके राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंहजीके आवासके सामने निदर्शन करना प्रारंभ कर दिया । कुछ समय पश्‍चात समाचारप्रणालोंमें श्री. शर्माजीको बंदी बनाए जानेका समाचार प्रसारित होने लगा ।  यह समाचार सुनकर संतोष हुआ कि श्री. नवलकिशोर शर्माजी जीवित हैं । केवल सनातन संस्थाके कारण मैं अपने अच्छे मित्र श्री. नवलकिशोर शर्माजीको जीवित देख सका । इस घटनासे यह सीखनेको मिला कि ऐसी बिकट परिस्थितिमें भावनावश होकर निर्णय नहीं लेना चाहिए । इस संपूर्ण कालखंडमें हम सर्व संपर्क, संवाद एवं समन्वय इस त्रिसूत्रानुसार संगठित रूपसे कार्य कर रहे थे । इसी प्रकार यदि हम हिंदू राष्ट्रकी स्थापनातक नियोजनबद्ध तथा संगठित रूपसे कार्य करें तो अधिक परिणाम होगा ।

क्षणिका –

* श्री. मनीष मंजुलजीके अनुभवकथनके पश्‍चात उपस्थित कुछ हिंदुत्वनिष्ठ खडे होकर बोले,  अगले वर्षकी बसंतपंचमीको आप देशभरके हम सब हिंदुत्वनिष्ठोंको बुलाइए । अगले वर्षका आंदोलन हम अधिक तीव्रतासे करेंगे ।

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