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श्री. तपन घोष, संस्थापक, हिंदू संहती
विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ मंदिर, गोवा – पश्चिम बंगालमें हिंदुओंपर प्रतिदिन १०० से अधिक आक्रमण होते थे । वहांके हिंदुओंको प्रतिदिन अपनी महिलाओंपर अत्याचार होना, घरोंको जला देना, मंदिरोंको तोडना, मूर्तियां तोडना, हत्या होना, इस प्रकारके अनुभव बारंबार होते थे । कारण, वहांका शासन और पुलिस दंगाई मुसलमानोंको बढावा देती है । इस परिस्थितिके कारण पं. बंगालके ५६ प्रतिशत हिंदुओंमें लडनेकी मनोवृत्ति निर्माण हुई है । इसीलिए, एम्आयएम् दलके नेता अकबरुद्दीन ओवैसीकी इस चुनौतीको कि यदि पुलिसको १५ मिनिटके लिए हटा लिया जाए, तो मुसलमान देशभरके हिंदुओको समाप्त कर देंगे, पश्चिम बंगालके हिंदू स्वीकार करते हैं, यह गर्जना, हिंदू संहती संस्थाके संस्थापक श्री. तपन घोषने इस अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनमें की ।
श्री. तपन घोषने कहा,
१. ओवैसीके भाषणसे मुझे एक बात सीखनेके लिए मिली है; उसने मुसलमानोंसे कहा था, इसके पश्चात, मुझे ऐसा दूरभाष नहीं करना कि अकबर भाई, अमुक बात हो गई है, क्या करूं । अब दूरभाषपर यह कहना कि अकबर भाई, मैंने अमुक काम कर दिया है, अब आगेका आप संभाल लीजिए । मैंने भी अपने कार्यकर्ताओको यही आदेश दिया है ।
२. पश्चिम बंगालकी सीमासे प्रतिदिन सैकडों गोवंश बांग्लादेश भेजे जाते हैं । इससे शासनको बहुत पैसा मिलता है । सीमापर खडे सीमा सुरक्षा बलोंको, इन कसाइयोंपर गोली नहीं चलानेका आदेश है । इस कारण वे भी पैसा लेकर गोवंश सीमापार जाने देते हैं ।
३. अतः, सीमा भागमें गोरक्षा करना हिंदुत्ववादियोंके लिए लगभग असंभव है । किंतु, जब गोवंशको गावोंमेंसे ले जाया जाता है, उस समय हिंदू उनका विरोध करते हैं । इस कारण, ४ से ५ गावोंमें गोहत्या और गोवंशकी परिवहन पूर्णतः रुक गया है ।
४. प. बंगालमें पुलिस अधीक्षक और मंत्री ही बकरी ईदके दिन गोहत्या करनेकी अनुमति देते हैं । इसलिए, उस दिन हिंदुओको गोहत्या रोकनेमें उतनी सफलता नहीं मिलती ।
५. यदि दंगे पूर्णरूपसे रोकने हों, तो अपने गांवका नेतृत्त्व कभी वयस्क भद्रपुरुष (सफेदपोष) के हाथोंमें न दें; साहसी, बुद्धिमान, नि:स्वार्थी और निर्धन युवकके ही हाथोंमें दें । हमारे देश भारतकी सेना सिंहोंकी है, जिसका नायक हिरन है । इसी कारण, हमारी यह दुर्दशा है । इसलिए, अब आगामी चुनावमें कांग्रेसको सत्तासे हटाना चाहिए ।
६. पश्चिम बंगालके सर्व हिंदू अब क्षत्रिय बन गए हैं ।