विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ देवस्थान, गोवा : महाराष्ट्रमें गोरक्षकोंपर ही डाका डालनेका अपराध प्रविष्ट किया जाता है । वस्तुतः, गोहत्यारोंपर हत्याका अपराध प्रविष्ट होनेकी आवश्यकता है, यह विचार, हिंदू स्वाभिमान प्रतिष्ठानके अध्यक्ष अधिवक्ता देवीदासजी शिंदेने, गोरक्षा इस विषयपर व्यक्त किया ।
अधिवक्ता देवीदासजी शिंदे कहा,
१. बहुराष्ट्रीय प्रतिष्ठानोंके दबावमें आकर भारतमें पशुवधगृह (कसाईघर) खोले जा रहे हैं । इसके विपरीत, चीनमें पशुवधगृह बंद हैं । अमरिका, ब्रिटन समान देश भारतसे गोमांस आयात करते हैं । वहां वे, गोमांससे विशाल स्तरपर वस्तुएं निर्मित करते हैं । वर्ष २०१२ से भारत, विश्व स्तरपर गोमांस निर्यात करनेवाले देशोंमें प्रथम स्थानपर है ।
२. मंदिर, गोमाता, संस्कृति ये हमारी अस्मिताएं हैं । इन्हें नष्ट किया जा रहा है; इस कृत्यका हमें प्रतिकार करना चाहिए ।
३. गैट समझौता जिन छोटे देशोंने लागू किया है, उस देशका व्यापार बंद पड जानेसे वहांकी महिलाएं वेश्या व्यवसाय करने लगी हैं । ऐसी स्थिति अब भारतमें भी बनने लगी है । इस स्थितिमें भी, भारतीय शासक इस समझौतेसे चिपके हुए हैं ।
४. हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए हिंदुओंको, गो-प्रेमियोंको मत देनेके लिए प्रेरित करना चाहिए । राजनीतिक दलोंको चुनाव घोषणा-पत्रमें गोहत्या बंदीका अधिनियम बनानेका अभिवचन समाविष्ट करनेके लिए बाध्य करना चाहिए ।
५. हमारे देशमें हिंदुओंके मंदिर और संस्कृति तो है; किंतु, हिंदू राज्य नहीं है । अब हमें आगामी चुनावमें हिंदू राज्य लानेके लिए प्रयत्न करना चाहिए । हिंदू राज्य आनेपर ही गोहत्या बंद होगी ।