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गोवामें सत्तापर आई भाजपाने गोरक्षकोंकी ओर पीठ फेर ली है ! – श्री. हनुमंत परब

ज्येष्ठ शुक्ल १ , कलियुग वर्ष ५११५

श्री. हनुमंत परब, <br/>अध्यक्ष, गोवंश रक्षा अभियान
श्री. हनुमंत परब,अध्यक्ष, गोवंश रक्षा अभियान

विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ मंदिर, गोवा – गोवाके गोवंश रक्षा अभियानके अध्यक्ष श्री. हनुमंत परबने सर्वदलीय राज्यकर्ताओंके कारण गोवाके गोरक्षा आंदोलानमें हुए कटु अनुभव इस विषयपर प्रकाश डालते हुए कहा कि, गोवामें सार्वजनिक रूपसे होनेवाली गोहत्या बंद होनेके लिए पिछले छः वर्ष हम तत्कालीन कांग्रेस सरकारसे पत्रव्यवहार किया; परंतु मुख्यमंत्रीने एक बार भी हमें समय नहीं दिया । उस समय विरोधी दल भाजपाके नेता मनोहर पर्रीकरने हमें इसके संदर्भमें अनेक आश्‍वासन दिए थे; परंतु अब जब भाजपाको सत्ता प्राप्त हो गई है, तो वे भी सत्ताके मोहवश हमसे मुंह मोडने लगे हैं । गोवाकी भाजपा भी हिंदुत्वकी उपेक्षा कर रही है ।

श्री. हनुमंत परब बोले,

१. गोरक्षकोंने संघर्ष कर गोवंशका परिवहन करनेवाले ट्रक पकडे हैं; परंतु उनका दायित्व लेनेके लिए सरकार सिद्ध नहीं है । उच्च न्यायालयका आदेश होते हुए भी पशु-चाराके लिए पैसे नहीं दिए जाते हैं । इसलिए गोरक्षक स्वयं ही ये गोवंश पालते हैं ।
२. वर्ष २००६ में भाजपाने राष्ट्रीय स्तरपर गोरक्षाके विषयपर बैठक आयोजित की थी । वहां संतोंको बोलने नहीं दिया गया । किंतु, भाजपाके नेताआेंने ही अपने भाषण देनेकी इच्छापूर्ति की । इसप्रकार भाजपाने सभीके सामने संतोंका अवमान किया था ।
३. रालोआ सरकारके कालमें गोहत्या बंदी विधेयक लाया गया था; परंतु ममता बैनर्जीद्वारा इसका विरोध करनेसे उसे एक ओर रख दिया गया ।
४. आज गोवामें भाजपाकी सरकार होते हुए भी गोरक्षा करते हुए सरकार तथा पुलिस गोरक्षकोंका दमन कर रही है ।
५. गोवामें ४ गोरक्षकोंने अपने प्राण संकटमें डालकर गोवंशका परिवहन करनेवाला ट्रक पकड लिया एवं संबंधितोंपर अपराध प्रविष्ट करवाया । तब ४०० मुसलमान पुलिस थानेके सामने एकत्र हो गए । कांग्रेसके एक विधायकने पुलिस थानेमें दूरभाष कर मुसलमानोंपर कार्यवाही न करनेके लिए दबाव डाला ।
६. इसलिए अब यदि गोरक्षाका कार्य करना हो, तो आनेवाले चुनावोंमें गोप्रेमी प्रत्याशीको चुनकर लानेकी नीति निर्धारित करनी चाहिए ।

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