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सेवा, सत्संग एवं संकीर्तनसे ही क्रांति होगी ! – श्रीमती सीमा तिवारी,आनंद वाहिनी

ज्येष्ठ शुक्ल १, कलियुग वर्ष ५११५ 

श्रीमती सीमा तिवारी, राष्ट्रीय महामंत्री, आनंद वाहिनी

विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ देवस्थान, गोवा : साधनाकाके बलसे युक्त होकर ही राष्ट्रको बलशाली बनाया जा सकता है, अन्यथा नहीं । अतः, हिंदुत्वनिष्ठोंके लिए प्रतिदिन १ घंटा साधना, अर्थात संकीर्तन करना आवश्यक है । इस अधिवेशनमें सम्मिलित युवाशक्तिको देखकर हिंदूराष्ट्रके लिए आशादायी वातावरण बना है ।  संतोंके वचन आचरणमें लाने चाहिए । सेवा, सत्संग और संकीर्तन से ही क्रांति होगी, यह विचार गोवर्धन पीठ, आनंद वाहिनीकी राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती सीमा तिवारीने व्यक्त किए ।
श्रीमती तिवारी बोलीं, ढाई सहस्र वर्षों पूर्व बौद्ध संस्कृतिके आक्रमणके कारण नष्ट हुए हिंदू धर्मकी शंकराचार्यजीने पुनर्स्थापना करते हुए पाक, नेपाल, श्रीलंका एवं बांग्लादेश, ऐसा अखंड भारत निर्माण किया था । आनंदवाहिनी भी गोवर्धन पीठके जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्‍चिलानंद सरस्वतीजीके आशीर्वादसे अखंड भारतके लिए कार्यरत है । शंकराचार्य हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके उद्देश्यसे कार्य कर रहे हैं । इसलिए प्रत्येक हिंदूको प्रतिदिन धर्म एवं राष्ट्रके लिए १ रुपया अर्पण करना चाहिए तथा १ घंटा राष्ट्र और धर्मकी सेवा करनी चाहिए ।

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