ज्येष्ठ शुक्ल २, कलियुग वर्ष ५११५
विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ देवस्थान, गोवा : हिंदू मानवाधिकार मंचके श्री सत्यप्रकाश मिश्रजीने ‘मीरज दंगे : सत्यशोधन अभ्यास’ इस विषयपर बोलते हुए प्रतिपादित किया कि, भोला भक्तिभाव रखनेवाला तथा चींटीके प्रति भी सहानुभूति रखनेवाला हिंदू कभी दंगे नहीं करता । वह सहिष्णु है । धर्मांध दंगे करते रहते हैं । उनकी विचारप्रक्रियामें इसका मूल है । जबतक धर्मांध रहेंगे, तबतक धार्मिक दंगे होते ही रहेंगे ।
श्री. मिश्रजीने आगे कहा, वर्ष २००९ में गणेशोत्सवके समय अफझलखानके वधका फलक लगानेके कारण मीरजमें धर्मांधोंने दंगे किए । इस दंगेके पश्चात वहांके सत्यका शोध लेनेके लिए हिंदू मानवाधिकार मंचकी ओरसे चार व्यक्तियोंकी समिति मीरज पहुंची । वहां हम हिंदू एवं धर्मांधोंसे मिले तथा राजनीतिक नेताओं तथा पुलिस अधिकारियोंके मतोंकी जानकारी प्राप्त की । तत्पश्चात हम इस निष्कर्षपर पहुंचे कि, ये दंगे धर्मांधोंने किए हैं । उस समय सनातन संस्थाके साधकोंने हमें अच्छा सहयोग किया । उत्तम समन्वय तथा संपर्कके माध्यमसे हिंदुत्वनिष्ठ संगठन एक दूसरेकी सहायतासे उत्तम कार्य कर सकते हैं, यह अनुभव हमने सनातन संस्थाके संपर्कमें रहकर प्राप्त किया ।