ज्येष्ठ शुक्ल २, कलियुग वर्ष ५११५
श्री. ए.जी. शंकरकृष्णन् अनंत रामन्, कामधेनु ट्रस्ट, तमिलनाडू
विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ देवस्थान, गोवा : मुगलकालमें गायोंकी हत्या होती थी । तत्पश्चात ब्रिटिश साम्राज्यमें केवल गोहत्या ही नहीं, अपितु गायकी चमडीसे विविध वस्तुएं बनने लगीं । इसलिए बडी मात्रामें गायोंकी संख्या घट गई । भारतकी स्वतंत्रताके पश्चात गोरक्षामें आनेवाली बाधाएं बढती ही गईं । गोरक्षाके लिए सरकार कोई प्रयास नहीं करती । इसलिए अब हमें सरकारसे गायोंकी हत्या तथा गोमांसका निर्यात रोकनेकी मांग करनी चाहिए ।