ज्येष्ठ शुक्ल ३, कलियुग वर्ष ५११५
श्री. दासकमल अग्रवाल, मुख्य संपादक, भारतकी सच्चाई, आंध्रप्रदेश
विद्याधिराज सभागृह, श्री रामनाथ देवस्थान, गोवा : भारत हिंदू राष्ट्र है ही, हमें उसका केवल पुनर्निमाण करना है । हमें संगठित विचारोंके माध्यमसे क्रांतिका बिगुल बजाना है । ऐश्वर्यसंपन्न और शक्तिशाली हिंदू राष्ट्रके लिए हम सभीको प्रयत्न करने होंगे । इसके लिए शासन कुछ करेगा, इस मानसिकताको हमें छोड देना होगा । अभीके राज्यकर्ता आतंकवादियोंका सम्मान करते हैं । उन्हें मतोंकी लालसा है । इस कारण हमारे सैनिकोंका आत्मबल कम हो रहा है । सोनिया गांधी और शीला दीक्षितकी विफल नीतियोंके कारण महिलाओंका मानसिक बल भी अल्प हो रहा है । स्वार्थी राज्यकर्ता मगरमच्छकी भांति मुंह खोलकर बैठे हैं । राष्ट्रकी रक्षा होने हेतु धर्म और राष्ट्रकी अभेद्य गठबंधन आवश्यक है । हिंदू राष्ट्रकी स्थापना होने हेतु हमें सर्व प्रकारका त्याग करना पडेगा ।