ज्येष्ठ शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
पाकिस्तानमें जाकर जिन्नाकी कब्रपर सिर रखकर उनके संदर्भमें प्यारभरे विधान करनेवाले लालकृष्ण आडवाणीद्वारा नरेंद्र मोदीजीसे द्वेष किया गया, तो इसमें आश्चर्यकी क्या बात !
भाजपा विभाजन होनेके मार्गपर !
नई देहली, १० जून – भारतीय जनता दलके ज्येष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणीद्वारा १० जूनको दलके सर्व पदोंका त्यागपत्र दिया गया । ९ जून २०१४ में होनेवाले लोकसभा चुनावके लिए भाजपाकी प्रचार समितिके मुख्यपदपर गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीको चुने जानेकी घोषणा किए जानेके पश्चात अप्रसन्न एवं रुष्ट आडवाणीद्वारा यह कदम उठाए जानेकी चर्चा हो रही है । इस घटनाके कारण भाजपाके मतभेद स्पष्ट हो गए हैं । इस संदर्भमें भाजपाके अधिकांश सदस्योंद्वारा मौनका पालन किया जा रहा है । त्यागपत्र देनेके पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह आडवाणीके निवासस्थानपर गए तथा उनके साथ चालीस मिनट चर्चा की । साथ ही सुषमा स्वराजने भी उनका मन परिवर्तन करनेका प्रयास किया । स्वयं श्री. नरेंद्र मोदीने भी आडवाणीको दूरभाष किया, तो आडवाणी दूरभाषपर बात करनेके लिए उपस्थित ही नहीं हुए । यह समाचार प्राप्त हुआ है कि रा.स्व.संघके गुरुमूर्ति आडवाणीजीका मन परिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले हैं ।
इस विषयपर भाजपप्रणीत राष्ट्रीय मोर्चाके घटक दलोंद्वारा मिश्र प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है । शिवसेनाद्वारा यह प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है कि भाजपा आडवाणीजीका मन परिवर्तन करे; वहीं अकाली दलद्वारा यह बताया गया कि यह भाजपका आंतरिक प्रश्न है । साथ ही जनता दल (सं)के अध्यक्ष शरद यादवद्वारा भी आडवाणीजीका मन परिवर्तन करनेके लिए बताया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात