ज्येष्ठ शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
केरलके न्यायालयद्वारा सनातन-रचित शिवाजी महाराजके छायाचित्रवाली सनातन बहीके विरोधमें प्रविष्ट अभियोग ठुकराया गया
मुसलमान तकरारकर्ताओंका दिखावा उजागर !
हिंदुओ, न्यायालयके इस परिणामके विषयमें भगवान श्रीकृष्णके चरणोमें कृतज्ञता व्यक्त करें
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मंजेश्वर (केरल) – छत्रपति शिवाजी महाराजका छायाचित्र एवं लेखनवाली सनातन बहीके वितरणसे समाजमें जातीय दुश्मनी उत्पन्न होनेकी संभावना है, इस प्रकारके परिवादको लेकर चलाया जानेवाला अभियोग केरलके कासारगौडके न्यायालयद्वारा निरस्त किया गया । इस अवसरपर न्यायालयने कहा कि यह परिवाद केवल राजनीति हेतु प्रेरित होकर किया गया है । इसमें कोई सार नहीं है । ( सनातन बहीका वितरण पिछले कुछ वर्षोंसे देशभरमें हो रहा है । इसलिए कहीं भी जातीय दुश्मनी उत्पन्न होकर सामाजिक शांति भंग होनेकी घटना नहीं हुई है । इसके उपरांत भी धर्मांध मुसलमान जानबूझकर हिंदुओंके राष्ट्रपुरुषोंका विरोध करने हेतु ऐसी कार्यवाहियां करते हैं । हिंदुओंको वैधानिक मार्गसे ऐसे व्यक्तियोंका से विरोध करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. कोड्ल मोगरु श्री वाणी विजय विद्यालयके छात्रोंको श्री. बी.वी. सुरेश मजीरपळ्ळाने अपनी माताजीके स्मरणार्थ २००६ में सनातन बहियोंका निशुल्क वितरण किया था ।
२. बहियोंके वितरणसे जातीय दुश्मनी उत्पन्न कर सामाजिक शांति भंग करनेका षडयंत्र है, ऐसा आरोप लगाते हुए धर्मनगर निवासी सिद्दीकने मंजेश्वर पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया था ।
( सनातन बहियोंका वितरण पिछले कुछ वर्षोंसे देशभरमें हो रहा है । इसके कारण कहीं भी जातीय दुश्मनी उत्पन्न होकर सामाजिक शांति भंग होनेकी कोई घटना नहीं हुई है । इसके पश्चात भी धर्मांध मुसलमान जानबूझकर हिंदुओंके राष्ट्रपुरुषोंका विरोध करनेके लिए ऐसी कार्यवाहियां करते हैं । हिंदुओंको वैधानिक मार्गसे ऐसे व्यक्तियोंका से विरोध करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. इसलिए पुलिसने श्री. सुरेशको बंदी बनाया । ( धर्मांध मुसलमानोंद्वारा हिंदुओंके विरोधमें परिवाद करनेके उपरांत तत्काल कृत्य करनेवाली पुलिस हिंदुओंद्वारा धर्मांधोंके विरोधमें कृत्य नहीं करती ! हिंदुओ, ऐसे पुलिसकर्मियोंके नाम सनातन प्रभातको सूचित करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. उन्हें न्यायालयद्वारा १० दिनोंकी न्यायालयीन कोठरीमें रखनेका आदेश दिया गया था । ( श्री. सुरेशजीको इस दंडके कारण मनस्ताप हुआ । उसकी भरपाई कौन देगा ? इसलिए हिंदुओंको एकत्रित आकर प्रयास करने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. निरंतर ७ वर्ष इस अभियोगपर सुनवाई होकर अंतमें न्यायालयद्वारा यह अभियोग निरस्त किया गया । ( `हिंदू राष्ट्र’ में ऐसी कूर्मगतिसे चलनेवाला नहीं, अपितु गतिशील न्यायतंत्र होगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
यह हिंदुत्वकी विजय है ! – श्री. सुरेश मजीरपळ्ळा
परिणामके घोषित होनेके उपरांत श्री. बी.वी. सुरेश मजीरपळ्ळाने प्रसारमाध्यमोंसे अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस परिणामसे यह सिद्ध होता है कि केरल राज्यने छत्रपति शिवाजी महाराजको स्वीकार किया है । यह हिंदुत्वकी सफलता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात