ज्येष्ठ शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
गोहत्या करनेवालोंको तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान करनेवालोंको गायका महत्त्व ध्यानमें आएगा वह सुदिन !
वाशिंगटन – अमेरिकाका एक नियतकालिक `सेल’, द्वारा दिए वृत्तानुसार, मानवके असाध्य रोगोंपर मात कर सकें, ऐसे प्रतिपिंड ( ऐंटीबॉडीज ) गायमें पाए गए हैं । अत: बहुत शीघ्र ही ऐसी व्याधियोंपर मात किया जा सकेगा, ऐसा विश्वास वैज्ञानिकोंको हो रहा है ।
स्क्रिप्स रिसर्च इन्स्टीट्यूट (एस.आर.आइ) के ‘सेल ऐंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी’ के सहायक प्राध्यापक तथा संशोधनमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले वॉगन वी. स्माइडरने कहा, गायके शरीरमें पाए गए प्रतिपिंडोंकी रचना एवं उनकी विविधता असाधारण हैं । इस प्रकारके प्रतिपिंड इससे पहले किसी भी प्राणीमें नहीं पाए गए ।
प्रतिपिंड क्या हैं ?
प्रतिपिंड, अर्थात मानवकी रोगप्रतिकारक शक्तिका एक हिस्सा, वे विषाणु नष्ट करते हैं । प्रतिपिंडोंमें विद्यमान प्रोटीन ( कॉम्पलीमेंटरी डिटरमाइनिंग रीजन्स : सीडीआर ) विषाणु नष्ट करनेका काम करते हैं । मानवमें प्रतिपिंडोंका सबसे अधिक नियंत्रण ‘सीडीआर-एच् ३’ करता है । गायमें ‘सीडीआर-एच् ३’, प्रतिपिंड पाए गए हैं । वैज्ञानिकोंने इन प्रतिपिंडोंका विश्लेषण किया है तथा उसे प्रयोगशालामें कैसे बनाया जाए, इसपर अभी शोध चल रहा है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात