ज्येष्ठ शुक्ल ६, कलियुग वर्ष ५११५
नई देहली – भाजपाके ज्येष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणीको पक्षके पदोंका त्यागपत्र वापस लेनेकी सलाह देना भाजपाके कारोबारमें हस्तक्षेप करना नहीं होता, ऐसा स्पष्टीकरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघके प्रवक्ता राम माधवने दिया है । भाजपाकी छोटी-छोटी बातोंमें संघ कभी भी हस्तक्षेप नहीं करता, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया । (भाजपा संघका अपत्य है, किंतु संघ द्वारा भाजपापर नियंत्रण न रखनेसे भाजपाका अधःपतन हो गया है । अपने कार्यकर्ताओंको संस्कार देनेवाला संघ भाजपाके कार्यकर्ताओं तथा उनके नेताओंको संस्कार नहीं दे सका । संघकी ऐसी भूमिकाके कारण हिंदू संघसे दूर जा रहे हैं, यह उसकी ध्यानमें आएगा वह सुदिन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) राम माधवने आगे कहा, केवल सरसंघचालक भागवत ही नहीं, अपितु दूसरे ज्येष्ठ नेताओंने भी आडवाणीको त्यागपत्रपर पुनर्विचार करनेकी सलाह दी थी । तो क्या सलाह देनेवाले सबने भाजपाके आंतरिक कारोबारमें हस्तक्षेप किया, ऐसा आप कहना चाहेंगे ? उन्होंने ऐसा प्रश्न उपस्थित किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात