ज्येष्ठ शुक्ल ६, कलियुग वर्ष ५११५
सुवा (फिजी) – फिजी सेवाश्रम संघके निमंत्रणानुसार संस्कृत पंडित श्री. गजेंद्र पांडा, फिजीके लोगोंको भारतकी अभिजात भाषा संस्कृत पढाने हेतु फिजी बुलाए गए हैं । संस्कृतके पाठ्यक्रमको उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ है, ऐसा वृत्त फिजी टाइम्सने प्रसिद्ध किया है ।
फिजीकी राजधानी सुवा नगरमें संस्कृतकी कक्षाएं आयोजित की गई । इन कक्षाओंमें लोगोंकी अच्छी उपस्थिति पाई गई । माकुआटा प्रांतस्थित लबासामें वर्तमानमें संस्कृतकी कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, फिजी सेवाश्रम संघके स्वामी संयुक्त नंदाजीने ऐसी जानकारी दी ।
स्वामी नंदाजीने कहा, संस्कृतका पाठ्यक्रम समझनेमें बहुत आसान है । अत: फिजीके सैकडों लोगोंमें इस भाषाके प्रति रुचि उत्पन्न हो गई है । फिजीकी कुल ८ लाख ७० सहस्र जनसंख्यामें ३७ प्रतिशत हिंदू हैं । ये सभी जन १८७९ से १९१६की इस कालावधिमें फिजीमें गन्नेके खेतमें काम करनेके करारनामानुसार उस देश्में लाए गए कर्मचारियोंके वंशज हैं । ( क्या फिजीके हिंदुओंसे भारतके हिंदू कुछ सीख लेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात