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(कहते हैं) देशकी स्थापनामें ईसाई समाजका बहुत बडा तथा महत्वपूर्ण योगदान !

ज्येष्ठ शुक्ल ८ , कलियुग वर्ष ५११५

मुनाफ हकीमद्वारा डेढसौ वर्ष भारतपर राज कर भारतको लूटनेवाले ईसाईयोंकी प्रशंसा !

देशकी स्थापनामें संत, राष्ट्रपुरुष तथा क्रांतिकारियोंका योगदान है, ऐसा कितने हिंदू नेता कहते हैं ?

देशद्रोही मुनाफ हकीम

देशद्रोही मुनाफ हकीम

मुंबई देशकी स्थापनामें ईसाई समाजका महत्वपूर्ण योगदान रहा है । ( व्यापारी बनकर आए भारतपर डेढसौ वर्ष राज कर यहांकी संपत्ति लूट ले जाना, भारतीयोंपर अत्याचार करना, भारतके हिंदुओंको विविध लालच दिखाकर उनका धर्मांतर करना, पाश्चात्त्योंके विकृत आचार-विचार सुसंस्कृत भारतमें विषसमान फैलाकर यहांकी समाजव्यवस्था उद्ध्वस्त करना आदि बातें भारत हेतु महत्वपूर्ण योगदान हैं, क्या मुनाफ हकीम ऐसा कहना चाहते हैं ? इस देशकी स्थापना अन्य किसीने नहीं अपितु, सहस्रों वर्षोंसे ऋषि-मुनि, संत, राजा एवं राष्ट्रपुरुषोंने की है । अत: मुनाफ उसका श्रेय ईसाईयोंको देकर हिंदुओंका अपमान कर रहे है । इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहने इस देशकी संपत्तिपर पहला अधिकार मुसलमानोंका है, ऐसा कहा था । हिंदू सहिष्णु होनेके कारण कोई भी उनका उपहास उडानेका प्रयास करता है । यह स्थिति पलटने हेतु हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके अतिरिक्त पर्याय नहीं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

ईसाई समाजने विशेषत: शिक्षाके क्षेत्रमें ज्ञानदानका अत्यंत पवित्र कार्य निरपेक्ष भावनासे किया है । ( ईसाई मेकॉलेने भारतकी गुरुकुल शिक्षापद्धति नष्ट कर भारतीयोंको लिपिक बनानेवाली शिक्षापद्धति थोप दी । ऐसा होते हुए ईसाई समाजने शिक्षाक्षेत्रमें ज्ञानदानका पवित्र कार्य किया, मुनाफ किस आधारपर ऐसा कह रहे हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) धर्मांतरके नामपर ईसाई समाजपर होनेवाले आक्रमण, ईसाई शैक्षणिक संस्थाओंमें प्रवेश लेते समय आनेवाला दबाव, दफनभूमिके प्रश्न, ईसाई समाजकी विविध समस्या आदि प्रश्न सुलझाने हेतु मैं स्वयं शासनके पास पूछताछ करता रहूंगा, अल्पसंख्यक आयोगके अध्यक्ष मुनाफ हकीमने ऐसा आश्वासन दिया ।

अल्पसंख्यक आयोगकी ओरसे सह्याद्री अतिथिगृहमें ईसाई समाजकी समस्याओंपर चर्चा करने हेतु आयोजित परिषदमें हकीम बोल रहे थे । परिषदमें ‘ऑक्सिलरी बिशप ऑफ बौंबे’ के अध्यक्ष बिशप ऐग्नेलिओ ग्रेसीस, सेंट जेवियर्स ग्रुप ऑफ स्कूलके अध्यक्ष डॉ. ऑगस्टीन पिंटोके साथ विविध सामाजिक, शैक्षणिक तथा धार्मिक संस्थाओंके पदाधिकारी उपस्थित थे । ( देशके अल्पसंख्यकोंके प्रश्न सुलझाने हेतु आयोग है; किंतु देशकी स्थापनामें जिनका बडा हिस्सा है, उन हिंदुओंके प्रश्न सुलझाने हेतु प्रशासन, तथा हिंदुत्ववादी पक्ष आगे नहीं आते । यह स्थिति पलटने हेतु हिंदू राष्ट्र ही आवश्यक ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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