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कश्मीर, मेघालय तथा नागालैंड इन राज्योंके हिंदुओंको विशेष अल्पसंख्यककी श्रेणी प्रदान की जाए !

ज्येष्ठ शुक्ल ९ , कलियुग वर्ष ५११५

कश्मीर, मेघालय तथा नागालैंड इन राज्योंके हिंदुओंको विशेष अल्पसंख्यककी श्रेणी प्रदान की जाए ! – पू. रत्नदीपक विजयजी महाराज, विश्व हिंदू संत महासभा        


मुंबई – जबसे देश स्वतंत्र हुआ है, अल्पसंख्यकोंको विशेष श्रेणी प्रदान कर विविध सुविधा तथा योजना उपलब्ध कराई जाती है । आज उस अल्पसंख्यक श्रेणीकी मर्यादा लांघी जा चुकी है, किंतु वह श्रेणी चालू है । कश्मीर, मेघालय तथा नागालैंड, इन राज्योंमें हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं ; किंतु  उन्हें अल्पसंख्यकोंकी विशेष श्रेणी देकर सुविधाएं क्यों प्रदान नहीं की जातीं ? भाजपा तथा रा.स्व. संघने भी केवल हिंदुत्वका राजकारण किया । रामजन्मभूमि सूत्रका केवल आर्थिक लाभ हेतु उपयोग किया । भाजपा शासनने भी हिंदुओंको अल्पसंख्यककी श्रेणी नहीं दी । विशेष अल्पसंख्यक श्रेणी तुरंत दे दी जाए, तथा बहुसंख्य हिंदुओंको उनके मूल अधिकार वापस मिले, इस हेतु हिंदू राष्ट्रकी पुनस्र्थापना हो ये मांगें विश्व हिंदू संत महासभाके राष्ट्रीय अध्यक्ष पू. रत्नदीपक विजयजी महाराज द्वारा हाल ही में की गई ।

मुंबईके प्रेस क्लबमें आयोजित की गई पत्रकार परिषदमें महाराज बोल रहे थे । इस अवसरपर हिंदू महासभाके दो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता गोविंद गांधी, प्रवक्ता श्री. दिनेश भोगले, कोषाध्यक्ष श्री. महेश सावंत-पटेल, श्री. प्रमोद जोशी आदि मान्यवर उपस्थित थे । १ जून २०१३ को पुणेकी विशाल जनसभामें विश्व हिंदू संत महासभाकी पुनस्र्थापनाकी घोषणा की गई । महासभाके माध्यमसे संपूर्ण विश्वके साधु-संतोंको संगठित करना, उन्हें सुविधा तथा सुरक्षा प्राप्त कराना, धर्माचार्य द्वारा धर्मप्रचार करना, विविध राज्योंमें साधु-संतोंका सम्मेलन आयोजित करना, मंदिरोंका सरकारीकरण रोकना, श्रीरामजन्मभूमि, श्रीकृष्णजन्मभूमि, श्री काशी विश्वनाथ मंदिरके साथ असंख्य मंदिर मुक्त करना, गोवंश हत्या रोकना, हिंदुओंका धर्मांतर रोकना आदि उपक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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