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एकनाथी तुमुल गायन करनेवाले वारकरियोंको अपराध तले बंदी बनाए जानेके कारण वारकरी क्रोधित !

अद्यतन


…तो कुरानपठन करनेवालोंपर भी बंदी लगाएं ! – ह.भ.प. निवृत्ति महाराज वक्ते, अध्यक्ष, राष्ट्रीय वारकरी सेना

ज्येष्ठ शुक्ल १४ , कलियुग वर्ष ५११५

वणी (नासिक)में ‘एकनाथी भारूड’ प्रस्तुत करनेसे वारकरियोंपर आरोप प्रविष्ट करनेकी घटना !

वणी खुर्द (जनपद नासिक)में ‘एकनाथी भारूड’ प्रस्तुत करनेवाले १२ वारकरियोंपर ‘ऐट्रॉसिटी’के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर उन्हें हथकडी लगाई गई । इस विषयमें प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वारकरी संप्रदायके भीष्माचार्य तथा राष्ट्रीय वारकरी सेनाके अध्यक्ष ह.भ.प. निवृत्ति महाराज वक्तेजीने गृहमंत्री रा.रा. पाटिल एवं वारकरीद्रोही पुलिसपर तोप दागी । उन्होंने कहा, संतवाङ्मयको अधिनियमका डर दिखानेवाले ये दुष्ट होते कौन हैं ? कुरान निर्देशित ‘काफीर’ शब्दका अर्थ ‘वध करो’  है । इस विषयमें पुलिस कुछ कार्यवाही करेगी या मुसलमानोंके सामने सदाकी तरह पूंछ हिलाकर शांत बैठेगी ? वारकरियोंसे अपमानजनक व्यवहार करनेवाले दिंडोरी पुलिस थानाके सहायक पुलिस निरीक्षक राहुल गायकवाडसे उनके कार्यकालमें कितने हिंदुओंपर अन्याय हुआ,  तुरंत इसकी विस्तारसे पूछताछ की जाए । ‘थरारली वीट’ इस वारकरीद्रोही नाटककी रचना करनेवालोंपर गृहमंत्री रा.रा. पाटिल क्या कार्यवाही करनेवाले हैं ? वारकरियोंपर आरोप प्रविष्ट करनेवाली पुलिस कुरानपठन करनेवालोंपर भी आरोप प्रविष्ट करें । पालकियोंमें सहभागी होनेवाले वारकरियोंके भोजनकी व्यवस्था हेतु, पुणे जिला प्रशासन द्वारा की गई अतिरिक्त  केरोसीनकी मांग राज्यशासनने अस्वीकार कर दी । इस विषयमें उन्होंने राज्यशासनका तीव्र निषेध किया है । अन्य धर्मियोंकी चापलूसी करने हेतु सिद्ध प्रशासनमें नास्तिकतावादी लोगोंका सहभाग बढनेसे वारकरियोंपर शासनसे निरंतर अन्याय हो रहा है । यदि विट्ठलभक्तोंकी उपेक्षा की, तो मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रीको सत्ता छोडनी पडेगी । प्रशासनको यह ‘विनाशकाले विपरितबुद्धि’ सूझी है, तथा `जनता जनार्दन’ इस संतवचनकी प्रचीति उन्हें शीघ्र ही आएगी ।

वारकरी, बंधुओ, आओ, आलंदी चलते हैं । ज्ञानदेवको जी भर देख लेते हैं, तथा चुनावमें इन शासनकर्ताओंको देख लेते हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


वणी (नासिक)में एकनाथी तुमुल गायन करनेवाले वारकरियोंको ऐट्रोसिटिके अपराध तले बंदी बनाए जानेके कारण वारकरी क्रोधित !

ज्येष्ठ शुक्ल ११ / १२ , कलियुग वर्ष ५११५ 

  • इस प्रकारके व्यवहार करनेवाले पुलिसकर्मियोंके नाम सनातन प्रभातको सूचित करें  !

  • विरोध दर्शाने हेतु वारकरियोंको संगठितरूपसे सहयोग करें !

  • हिंदुओ, कांग्रेसके राज्यमें मुगलाईवाला व्यवहार करनेवाले पुलिसकर्मियोंको हिंदू राष्ट्रमें आजन्म कडी साधना करनेका

  • दंड दिया जाएगा !

वणी (नासिक) – स्थित वणी (खुर्द)में डेढ माह पूर्व `जोहर मायबाप जोहार', `मी सकळ संतांचा महार' यह एकनाथी तुमुल गायन करनेके कारण दिंडोरी पुलिस थानेमें १२ वारकरियोंपर ऐट्रोसिटीका अपराध प्रविष्ट कर उन्हे बंदी बनाया गया था । (इस ओवीका अर्थ है, मैं संतोंके चरणोंमें हूं, तथा उसमें `महार' शब्द जातिवाचक रूपमें नहीं है, अपितु उसका प्रतीकात्मक रूपमें उपयोग किया गया है । अतः अपराध प्रविष्ट करनेसे पूर्व पुलिसद्वारा उसकी निश्चिति करनी अत्यावश्यक थी ! पुलिसद्वारा अपराध प्रविष्ट किया गया, इसका अर्थ यह होता है कि संत एकनाथकी अपेक्षा पुलिसको अधिक ज्ञान है ! कांग्रेस मोर्चा शासनकी कालावधिमें पुलिस भी घमंडी हो गई है; इसलिए इस बातका उत्तर देनेके लिए कांग्रेसका राज्य हटाकर हिंदू राष्ट्रकी स्थापना करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस कार्रवाईके कारण पूरे राज्यका वारकरी संप्रदाय प्रक्षुब्ध हो गया है । इस प्रश्नपर वारकरियोंकी चिंतन बैठकमें चर्चा हुईतथा वारकरी महामंडलद्वारा मुख्यमंत्रीसे भेंट करनेका निर्णय लिया गया ।

इस संदर्भमें अधिक जानकारी देते हुए ह.भ.प. पंडित महाराज कोल्हेद्वारा बताया गया, डेढ माह पूर्व प्रसाद(काले)के समय किए गए कीर्तनके पश्चात दिंडी प्रदक्षिणाके समय संत एकनाथ महाराजका ‘जोहार मायबाप जोहार, मी सकळ संतांचा महार’ यह तुमार गायन किया गया ।
उसके विरोधमें कुछ लोगोंद्वारा पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किए जानेके कारण १२ वारकरियोंको बंदी बनाया गया था, ये वारकरी ८ दिन कारागृहमें बंदी थे । यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है । संतोंके अभंगोंका अनुचित अन्वयार्थ निकाले जानेके कारण यह प्रकरण हुआ है । पिछले अनेक दिनोंसे इसका पीछा करनेपर भी वारकरियोंपर किए गए परिवाद वापस नहीं लिए गए हैं ।

शासनको ५ करोड वारकरियोंके क्रोधका सामना करना पडेगा ! – वारकरियोंद्वारा चेतावनी    

पंचवटीके श्रीराम वारकरी भवनमें वारकरियोंकी चिंतन बैठकमें अध्यक्षस्थानपर वारकरी महामंडलमें महासचिव प्रभाकर महाराज फुलसुंदर थे । उन्होंने बताया कि वारकरी वाङ्मयका अनादर सहना हमारे लिए असंभव है । शासनको पांच करोड वारकरियोंके क्रोधका सामना करना पडेगा । इस अवसरपर जनपद अध्यक्ष ह.भ.प. पंडित महाराज कोल्हे, संपर्कप्रमुख श्री. श्रावण महाराज अहिरे, सचिव श्री. पुंडलिक थेटेके साथ अन्य वारकरी भी उपस्थित थे । जनहित याचिका प्रविष्ट करनेका वारकरियोंका निर्णय !

इस मांगका निवेदन प्रस्तुत करनेका निर्णय बैठकमें किया गया कि वारकरियोंके साथ अनादरयुक्त व्यवहार करनेवाले दिंडोरी पुलिस थानेके सहायक पुलिस निरीक्षक राहुल गायकवाडको शासन त्वरित पदच्युत करे । साथ ही वारकरी महामंडल संचालित वारकरी कृति समितिद्वारा आषाढ एकादशीके पश्चात उच्च न्यायालयमें जनहित याचिका प्रविष्ट करनेका निर्णय भी इस बैठकमें लिया गया ।

इस प्रकारके विषयमें प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय वारकरी महामंडलके अध्यक्ष ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजालद्वारा बताया गया कि पुलिसने अनुचित पद्धतिसे अपराध प्रविष्ट किए हैं । वारकरियोंपर किया जानेवाला अन्याय सहना असंभव है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


वणी (खुर्द) (जनपद नासिक) स्थित एकनाथी तुमुल(भारूड) गायन करनेवाले वारकरियोंपर अपराध प्रविष्ट

ज्येष्ठ शुक्ल ११ / १२ , कलियुग वर्ष ५११५ 

हिंदुओ, आपने कांग्रेसको चुनकर दिया, उसके दुष्परिणाम देखिए !

नासिक (महाराष्ट्र) – वणी (खुर्द)स्थित एकनाथी तुमुल गायन करनेके कारण प्रविष्ट किए गए अपराधके कारण पूरे राज्यके वारकरी संप्रदायमें वातावरण संतप्त हो गया है । यदि एकनाथी तुमुल समाजको जोडता है, तो उसके गायनके कारण अपराध प्रविष्ट करनेका क्या कारण ? इस प्रश्नपर चिंतन बैठकमें वारकरियोंकी चर्चा हुई । आगामी सप्ताहमें वारकरी महामंडलद्वारा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाणसे भेंट करनेका निर्णय लिया गया । ( हिंदुओ, यदि कांग्रेसकी मुगल सत्तामें संतोंका तुमुल गानेके लिए आपको बंदी बनाया जाता है, तो कल संतोंका नाम लेनेके लिए भी आपपर बंदी की जाएगी । इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु आगामी चुनावमें कांग्रेसके राजनेताओंको सत्तासे हटाकर हिंदू राष्ट्रकी स्थापना हेतु कटिबद्ध रहें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

निवेदनमें यह मांग भी की जाएगी कि वारकरियोंके साथ अनादरयुक्त व्यवहार करनेवाले दिंडोरी पुलिस थानेके सहायक पुलिस निरीक्षक राहुल गायकवाडको शासन त्वरित पदच्युत करे । वारकरी महामंडल संचालित वारकरी कृति समितिद्वारा आषाढ एकादशीके पश्चात उच्च न्यायालयमें जनहित याचिका प्रविष्ट करनेका निर्णय भी इस बैठकमें लिया गया । पंचवटीके श्रीराम वारकरी भवनमें विद्यमान इस वारकरी चिंतन बैठकके अध्यक्षपदपर वारकरी महामंडलके महासचिव ह.भ.प. प्रभाकर महाराज फूलसुंदर थे । उन्होंने बताया, वारकरी वाङ्मयका अनादर सह नहीं सकते । शासनको पांच करोड वारकरियोंके क्रोधका सामना करना पडेगा । इस अवसरपर महामंडलके जनपद अध्यक्ष ह.भ.प. पंडित महाराज कोल्हे, संपर्कप्रमुख ह.भ.प. श्रावण महाराज अहिरे, सचिव श्री. पुंडलिक थेटेकी प्रमुख उपस्थिति थी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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