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ब्रिटेनद्वारा जी-२० की बैठकके लिए आए नेताओंकी जासूसी !

ज्येष्ठ शुक्ल १३ , कलियुग वर्ष ५११५ 

क्या विश्वासघाती ब्रिटेनको भारत फटकारेगा अथवा सदैवके समान दुम दबाएंगे ?

लंदन – `गार्डियन’ दैनिकद्वारा ऐसा रहस्योद्घाटन किया गया है कि ब्रिटेनपर लंदनमें २००९ में संपन्न जी-२० बैठकमें सम्मिलित विविध नेता एवं अधिकारियोंकी संपूर्ण गतिविधियोंपर सूक्ष्मतासे ध्यान रखनेका आरोप लगाया गया है ।

लंदनमें अप्रैल एवं सितंबर २००९ की कालावधिमें दो बार जी-२० की बैठक आयोजित की गई थी । अतिथियोंकी गतिविधियोंपर ध्यान रखने हेतु ’गवर्नमेंट कम्यूनिकेशन्स हेडक्वार्टर्स’ (जीसीएचक्यू) द्वारा अतिथियोंकी जासूसी की गई थी । ब्रिटिश सरकारकी सूचनाके अनुसार ब्रिटेनके गुप्तचर विभागद्वारा यह कार्य अच्छी तरह किया गया था । २००८में वैश्विक आर्थिक संकटका सामना करने हेतु अप्रैल माहमें जी-२० बैठक आयोजित की गई थी । अमेरिकाकी राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थाद्वारा रूसके नेता दिमित्री मेदवेदेवद्वारा मास्कोको किए गए दूरध्वनिकी गुप्त टिप्पणी किए जानेकी जानकारी मिली है । बैठकके लिए अर्जेंटिना, आस्ट्रेलिया, ब्राजिल, कैनडा, चीन, फ्रान्स, जर्मनी, भारत, इंडानेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका आदि देशोंके प्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे । इस परिषदमें सभी देशोंके नेताओंके संगणक तथा उनकी दूरध्वनिके संपर्ककी जानकारी गुप्त रखी गई थी । आनेवाली दूरध्वनि तथा इमेलके विवरणकी जानकारी ली गई । कुछ अतिथियोंने (इंटरनेट) ज्ञानजाल कैफेका भी उपयोग किया; परंतु ये कैफे भी ब्रिटिश सरकारने ही सिद्ध किए थे, जिससे उनके मेल अंकित करना सहज संभव हो ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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