अद्ययावत
- गोरक्षकपर प्राणघातक आक्रमण : ३०० से अधिक हिंदुओंद्वारा संतप्त प्रदर्शन ! (२ अगस्त २०१३)
- भोसरी पुलिसकी दायित्वशून्यताके कारण धर्मांध कसाईयों द्वारा गोरक्षकपर प्राणघातक हमला ! (२५ जून २०१३)
गोरक्षकपर प्राणघातक आक्रमण : ३०० से अधिक हिंदुओंद्वारा संतप्त प्रदर्शन !
२ अगस्त २०१३
गोरक्षक संतोष कबाडीपर प्राणघातक आक्रमण
पुणे – यहांके धर्माभिमानी गोरक्षक श्री. संतोष कबाडीने हत्याके लिए ले जाए जानेवाले गोवंशकी रक्षा करनेका प्रयास किया । इस अवसरपर धर्मांध पशुवधिकने उन्हें चलती गाडीसे फेंक दिया था । इस विषयमें पुलिसद्वारा परिवाद प्रविष्ट करने हेतु सीमाका कारण बताकर टालमटोल की थी । इस अवसरपर श्री. कबाडीपर जानलेवा आक्रमण हुए । तत्पश्चात पुलिसद्वारा धर्मांध अपराधियोंपर सौम्य अपराध प्रविष्ट किए गए । इस घटनाको हुए ४० दिन व्यतीत हो गए । परंतु अबतक उद्दंड धर्मांध पशुवधिकोंको बंदी नहीं बनाया गया है । (क्या हिंदुओंके संदर्भमें किसी एक घटनाके विषयमें पुलिसने ऐसी निष्क्रियता दिखाई होती ? हिंदू असंगठित हैं । इसीलिए पुलिस उनको अनदेखा करती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) श्री. कबाडीपर हुए इस अन्यायके निषेधार्थ गोरक्षकोंने आज पिंपरीके आंबेडकर पुतला चौकमें संतप्त प्रदर्शन करते हुए गोवंश वापस लाने तथा आक्रमणकारी धर्मांध पशुवधिकपर त्वरित कठोरसे कठोर कार्यवाही करनेकी विनती की, जिससे यह परिसर गूंज उठा ।
१. पुलिस उपायुक्त कार्यालयपर मोर्चा ले जाने हेतु पुलिसद्वारा अनुमति नहीं दी गई । इसलिए आंबेडकर चौकमें ही गोरक्षकोंने प्रदर्शन किए ।
२. इस अवसरपर सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी शेलारको अपराधियों एवं उनकी रक्षा करनेवाली पुलिसपर कार्यवाही करने हेतु निवेदन दिया गया । शेलारने आश्वासन दिया कि वे अपराधियोंको कठोर दंड देंगे । (सहायक पुलिस आयुक्तको प्रथम इस बातका उत्तर देना चाहिए कि अपराध हुए ४० दिन व्यतीत होनेपर भी अबतक अपराधियोंको बंदी क्यों नहीं बनाया । यदि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिसकी निष्क्रियताके कारण ही धर्मांध उद्दंड हो गए हैं, ता उसमें क्या चूक है ? अर्थात वैचारिक सूंथा हुए राजनेताओंकी पुलिस जहां भी होगी, वहां यदि धर्मांध उद्दंड नहीं हुए, तो आश्चर्य है ! यह स्थिति परिवर्तित करने हेतु ‘हिंदू राष्ट्र’ अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) भोसरी पुलिस थानेके पुलिस निरीक्षक चंद्रकांत भोसलेने बताया कि वे स्वयं इस अपराधका अन्वेषण करेंगे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
भोसरी पुलिसकी दायित्वशून्यताके कारण धर्मांध कसाईयों द्वारा गोरक्षकपर प्राणघातक हमला !
२५ जून २०१३
हिंदुओ, ऐसी हिंदूद्रोही पुलिसके नाम सनातन प्रभातको भेजें !
हिंदू राष्ट्रमें ऐसी पुलिसपर अधिनियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी !
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भोसरी (पुणे, महाराष्ट्र) – गोवंशकी हत्या हेतु अवैध यातायात करनेवाले वाहनचालक तथा कसाईयोंपर कार्यवाही करनेमें यहांकी पुलिसने टालमटोल की । पुलिस थानाका कार्यक्षेत्र अलग होनेका कारण दिया गया । तब अखिल भारतीय कृषि गोसेवा संघके गोरक्षक संतोष कबाडीद्वारा दूसरे पुलिस थानामें कसाईका टेम्पो ले जाते समय उद्दंड धर्मांधोंने उनपर तीक्ष्ण शस्त्रोंसे आक्रमण किया । बादमें उन्हें चलती गाडीसे फेककर वे भाग गए । ( जिन्हें गोवंशकी रक्षा करनी चाहिए, वह पुलिस यदि गोरक्षकोंकी जान खतरेमें डालने हेतु उत्तरदाई हो, तो ऐसी पुलिसका हिंदुओंके राजस्वसे क्यों भरण-पोषण करें ? यह स्थिति परिवर्तन करने हेतु हिंदू राष्ट्र ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. २२ जूनको भोसरी उड्डाणपुलपर ३० गोवंशोंका यातायात करनेवाला आयशर टेम्पो (एम.एच.१४ बी.जे. १८४७) गोरक्षक संतोष कबाडी एवं पांडुरंग मानेने रोका ।
२. यह टेम्पो लेकर वे भोसरी पुलिस थाना गए; किंतु वहांके वरिष्ठ बाबूने बताया कि यह विभाग हमारे कार्यक्षेत्रमें नहीं आता, आप भोसरी औद्योगिक उपनिवेशके पुलिस थाना जाएं !
३. उसके अनुसार गोरक्षक टेम्पो लेकर औद्योगिक उपनिवेशके पुलिस थाना गए; किंतु वहां भी कार्यक्षेत्रकी बात बताकर यह शिकायत गव्हाणे बस्तीके पुलिस थानामें करें, ऐसा कहा गया ।
४. गव्हाणे बस्तीकी पुलिसने गोरक्षकोंको पुन: भोसरी पुलिस थाना जानेको कहा । ( इससे यहबात स्पष्ट हो जाती है कि पुलिस तो कामचोर है ही, तथा वे हिंदुओंकी धर्मभावनाओंको बिलकुल महत्त्व नहीं देते । क्या अन्य धर्मियोंके संदर्भमें पुलिस ऐसा करनेका साहस करती ? हिंदूके असंगठित होनेसे ही पुलिस इस प्रकारके कृत्य करती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. तदुपरांत पुन: भोसरी पुलिस थानाकी ओर जाते हुए धावडे बस्तीके पास नैनोगाडीसे आए ३ धर्मांधोंने टेम्पो रोका ।
६. उन्होंने टेम्पोमें घुसकर कबाडीके साथ मारपीट की तथा गाडीसे फेक दिया ।
७. तत्पश्चात धर्मांधोंने गोरक्षकोंपर टेम्पो चलानेका प्रयास किया । ( हिंदुओंकी जानके दुश्मन धर्मांध ! ऐसे धर्मांधोंको पाठ पढाने हेतु हिंदूसंगठनको पर्याय नहीं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
८. इस समय कबाडी गंभीर रूपसे घायल हुए, तो मानें साधारण घायल हुए । यशवंतराव चव्हाण रुग्णालयमें कबाडीका उपचार किया जा रहा है । इस घटनाके पश्चात संतप्त हिंदुओंने भोसरी पुलिस थानामें शिकायत प्रविष्ट करनेके लिए पुलिसको बाध्य किया ।
१०. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक केकाणेने बताया कि भागे हुए धर्मांधोंको पकडने हेतु पुलिसका दल रवाना हुआ था । ( गोरक्षक कसाईयोंको लेकर पुलिस थाना पहुंचे तब उनपर कोई भी कार्यवाही न कर उलटा उन्हें भागनेमें सहायता कर तत्पश्चात उन्हें ढूंढने हेतु पुलिस भेजकर मनुष्यबल, समय तथा धन व्यर्थ करनेवाली पुलिस ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
पुलिसका झूठ !
भोसरी पुलिस थानामें संतप्त हिंदूद्वारा शिकायत प्रविष्ट करने हेतु पहुंचनेपर गोवंशसे भरा टेम्पो पुलिस थाना आया ही नहीं, ऐसा पुलिसने बताया । गोरक्षकोंद्वारा, पुलिस थाना ‘क्लोज सर्किट टी वी केमरा’ के चित्रीकरणकी जांच करो, ऐसा कहनेपर वह बंद है, ऐसा उत्तर दिया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात