आषाढ कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
अमेरिकाके जनप्रतिनिधियोंके ध्यानमें जो बात आती है, वह भारतके हिंदूद्वेषी राजनेताओंके ध्यानमें आएगी, वह सुदिन !
वाशिंग्टन – अमेरिका स्थित कैलिफोर्नियामें अक्तूबर मास हिंदू जागृति तथा गौरव मासके रूपमें मनाया जाएगा । वहांके संसद (सिनेट) द्वारा इस संदर्भमें प्रस्ताव सम्मत किया गया है । सिनेटर एलन कौर्बेटद्वारा बताया गया कि अमेरिकाकी उत्पत्तिमें हिंदुओंद्वारा किए गए भारी योगदानका सम्मान करने हेतु यह प्रस्ताव रखा गया है । विशेष समारोह तथा विभिन्न कार्यक्रमोंद्वारा यह मास मनाया जाएगा ।
१. कौर्बेटको हिंदू-अमेरिकन समुदायके हितचिंतकके रूपमें पहचाना जाता है । वाशिंग्टन स्थित हिंदू अमेरिकन फाऊंडेशन (एच.ए.एफ.) नामक संगठनसे वे संबंधित हैं । सम्मत किए गए प्रस्तावका प्रारूप एच.ए.एफ.द्वारा ही बनाया गया है ।
२. कौर्बेटने इस प्रकारके गौरवोद्गार व्यक्त किए कि शैक्षणिक, विज्ञान, उद्योग, तंत्रज्ञान, कला एवं साहित्य इस प्रकार वैविध्यपूर्ण क्षेत्रोंमें हिंदू-अमेरिकन नागरिकोंद्वारा दिया गया योगदान अत्यंत मूल्यवान है । कैलिफोर्नियामें पौने चार लक्ष हिंदू हैं । उनका गौरव करते हुए मुझे अत्यंत अभिमान हो रहा है ।
३. सम्मत होनेसे पूर्व अवलोकनार्थ यह प्रस्ताव अनेक जनोंके पास भेजा गया । इस प्रारूपमें यह बात भी अंकित की गई है कि इस संदर्भमें संपूर्ण अमेरिकासे ५५ वैयक्तिक संस्था, धार्मिक नेता, नागरी अधिकार कार्यकर्ताओंद्वारा सहयोग प्राप्त हुआ है । धार्मिक स्वतंत्रता, संयम इन अमेरिकी आदर्शोंका प्रसार करनेमें भी हिंदू समूहद्वारा भारी सहायता प्राप्त हुई ।
स्वामी विवेकानंदका स्मरण
शिकागो स्थित १८९३ में संपन्न हुए जागतिक धर्म संसदमें स्वामी विवेकानंदद्वारा पहली बार ही अमेरिकाके नागरिकोंको हिंदू धर्मका परिचय दिया गया । प्रस्तावमें यह विशेष उल्लेख भी किया गया है, साथ ही यह भी प्रस्तुत किया गया कि कैलिफोर्नियामें हिंदू मंदिरोंकी संख्या ५० से भी अधिक हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात