आषाढ कृष्ण ७, कलियुग वर्ष ५११५
मुंबई – सर्वत्रके हिंदू पाश्चात्त्यों जैसा १ जनवरीको नया वर्ष न मनाकर हिंदू पंचांगानुसार गुढीपाडवाके दिन मनाएं, थानाके ह.भ.प. एकनाथ महाराज सदगीरजीने ऐसा आवाहन किया है ।
वे श्री संत तुकाराम महाराज भजन मंडलकी ओरसे श्री संत तुकाराम महाराज बीज महोत्सवके अवसरपर आयोजित अखंड हरिनाम सप्ताहमें बोल रहे थे । श्री संत तुकाराम महाराज भजन मंडलके अध्यक्ष ह.भ.प. चंद्रकांत महाराज सकपाळ, ह.भ.प. कृष्णाभाऊ उतेकर, श्री. तुकाराम मोरे तथा अन्य पदाधिकारियोंने उत्तरदायित्व लेकर गणेश चौक, गोळीबार रोड, घाटकोपर (प.) आदि स्थानोंपर अखंड हरिनाम सप्ताहका आयोजन किया है ।
नया वर्ष गुढीपाडवाको मनानेका शास्त्रीय कारण है । हिंदुओंके त्यौहारोंपर प्रसन्नताबिखेरी (बांटी) जाती है, मिठाइयां बांटी जाती हैं; किंतु ईदके अवसरपर मुसलमान बकरेकी बलि देकर रक्तपात करते हैं । इन मुसलमानोंको अपने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री शुभेच्छा देते हैं; किंतु हिंदुओंके त्यौहारोंपर शुभेच्छा नहीं देते, ह.भ.प. एकनाथ महाराज सदगीर द्वारा इस अवसरपर ऐसी खंत व्यक्त की गई ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात