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हिंदूबहुसंख्यक बस्तीमें ईसाई धर्मका प्रसार करनेवाली महिलाको हिंदू धर्माभिमानीने फटकारा !

आषाढ कृष्ण ९, कलियुग वर्ष ५११५

डोंबिवलीमें हिंदूबहुसंख्यक बस्तीमें ईसाई धर्मका प्रसार करनेवाली महिला प्रचारकोंको हिंदू धर्माभिमानीने फटकारा !

हिंदुओ, धर्मपरिवर्तनका धोखा जानकर कठोरतासे ईसाई धर्मप्रसारकोंको  विरोध करें !


डोंबिवली – यहांके पांडुरंगवाडी परिसरमें स्थित रेणुकामाता मंदिरके निकट शनिवारको ५ ईसाई महिलाएं ईसाई धर्मका प्रसार करनेवाली मराठी एवं हिंदी भाषामें लिखित हस्तपत्रकोंका वितरण कर रही थीं । हस्तपत्रकोमें ’कोई भी धर्म सांसारिक ज्ञान, व्यक्तिगत उद्धार कर सकता है; परंतु स्वर्गमें कैसे जा सकते, यह नहीं सिखा सकता । प्रभु येशुने लोगोंकी रुग्णावस्था ठीक की है, मृत लोगोंको जीवित किया है । सभी लोगोंकी प्रार्थनाओंका उत्तर देनेवाले जीवित ईश्वर शीघ्र ही आएंगे । तत्पश्चात वे न्याय, धर्म, करुणा एवं यथार्थ रूपसे राज्य स्थापित करेंगे । उसीप्रकार येशु आपको प्रत्येक बंधन, पाप, भय, संकट तथा दुष्ट आत्मा एवं शक्तिसे मुक्ति दिलाएगा’ इस प्रकारका लेखन किया गया था । इस अवसरपर हिंदू धर्माभिमानी श्री. अजय संभूसने इन महिलाओंको फटकारा । (मुंबईके रेल स्टेशन, रेलगाडियां, हिंदुओंकी बस्तियोंमें सर्वत्र ईसाई प्रसारक बडी धूमधामसे पत्रक वितरित कर रहे हैं । सभी हिंदू ये घटनाएं मौन रहकर देख रहे हैं । हिंदुओंमें धर्माभिमान नहीं है तथा उन्हें ईसाईयोंके आक्रमणका भान नहीं है । इसलिए वे इन धूर्त प्रसारकोंका किसी भी प्रकारसे विरोध नहीं करते । हिंदुओ, हिंदू धर्मका महत्त्व जानें एवं धर्मपर होनेवाले विदेशी आक्रमणको रोकने हेतु वैधानिक मार्गसे प्रयत्न करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
तत्पश्चात वे महिलाएं वहांसे निकलकर चली गई । वितरित हस्तपत्रकोंपर पास्टर थॉमस मथाई (९८६९७२३४८९), तथा तसेच [email protected] ऐसा संगणकीय पता लिखा था ।

इस अवसरपर श्री. संभूस एवं ईसाई प्रचारक महिलाओंमें हुआ संभाषण

श्री. संभूस : क्या आप यहां ईसाई धर्मका प्रसार कर रही हो ?

ईसाई महिला : नहीं हम कैथलिक हैं तथा उसका प्रचार कर रहे हैं ।

श्री. संभूस : आप कहती हो, कि येशु सब बीमारियोंको अच्छा करते हैं । ईसाई लोगोंको कर्करोग अथवा अन्य रोग होते ही नहीं, ऐसा नहीं है । वे भी बीमार होते हैं एवं उनकी भी मृत्यु होती है । यदि ऐसा है, तो आपका येशु आपको कैसे बचाता है ?

महिला : जो लोग मरते हैं, उनका येशुपर विश्वास नहीं रहता ।

श्री. संभूस : प्रथम आप आपके समाजके लोगोंकी आस्था बढाएं । हमारे, विशेषत: हिंदूबहुसंख्यक परिसरमें, मंदिरके समक्ष आकर हिंदुओंका बुद्धिभेद करनेका प्रयास न करें । आपके इस कृत्यमें आपकेद्वारा धर्मपरिवर्तन करनेका षडयंत्र है, यह ध्यानमें आता है । इन पत्रकोंका वितरण रोकें एवं यहांसे चली जाएं ।

ईसाई महिला : आपही यहांसे निकल जाइए ।

श्री. संभूस : आप यहां हिंदुओंको भ्रमित करनेवाले पत्रकोंका वितरण कर रही हो ।  हिंदू देवी-देवताओंपर हमारी श्रद्धा है । आपके धर्ममें केवल स्वर्ग जानेका मार्ग है; परंतु हमारे धर्ममें भक्ति तथा साधनाके माध्यमसे स्वर्गके आगे जाकर मोक्षप्राप्ति कर सकते हैं । अतः आप समान कनिष्ठ विचारोंका प्रचार करनेवाले लोगोंकी यहां कोई आवश्यकता नहीं है । आप चली जाएं, अन्यथा मैं यहां लोगोंको एकत्र करुंगा । तत्पश्चात जो होगा, उसके लिए आप उत्तरदायी रहोगी ।

तत्पश्चात वे ईसाई महिलाएं वहांसे निकलकर चली गई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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