आषाढ कृष्ण ९, कलियुग वर्ष ५११५
मराठी भाषा इ.स. पूर्व २०० वर्ष पूर्वकी होनेका प्रमाण !
मुंबई – मुंबईके समीप घारापुरी बेटपर मिली मराठी कनकराय राजाकी मुद्राओंसे मराठी भाषा न्यूनतम खिस्ताब्द पूर्व २०० वर्षोंसे अस्तित्वमें थी इस बातका भारी प्रमाण प्राप्त हुआ है । अतएव मराठी भाषाको अभिजात स्तर मिलनेमें सहायता होगी ।
प्राचीन मुद्राओंके विशेष अभ्यासी रवींद्र लाडने ब्राह्मी लिपिके पठनसे आधुनिक विश्वको अनेक राजघरानोंके प्रचलनोंसे परिचित करवाया है । इसके लिए वे घारापुरी बेटपर अनेक वर्षोंसे संशोधन कर रहे हैं । इन मुद्राओंका सूक्ष्मतासे पठन करनेपर उन्हें उन मुद्राओंमें पांच मुद्राओंपर स्पष्ट रूपसे ’बोधि महावीर कनक’ ऐसे मराठी अक्षर खोदे हुए दिखाई दिए । अतः रवींद्र लाडने दावा किया है कि खिस्ताब्द पूर्व २०० वर्षकी कालावधिमें सातवाहनके समयमें कोकण किनारपट्टीके सोपारा, कल्याण, घारापुरी, चेऊल बंदरोंसे व्यापारउदीम चल रहा था,यह स्पष्ट है । शीशेकी इस मुद्रापर एक ओर रक्षापात्र अर्थात मंगलकलश, नाग एवं स्वस्तिकके निशान तथा दूसरी ओर चैत्य एवं उज्जेनके निशान हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात