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गुप्तचर विभागके अधिकारीद्वारा सनातन संस्थाके न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठेकी जांच

आषाढ कृष्ण १०, कलियुग वर्ष ५११५

आतंकवादियोंपर नहीं, अपितु राष्ट्र तथा धर्म हेतु कार्य करनेवाले सनातनके साधकोंपर ध्यान रखनेवाली गुप्तचर शाखा !

रामनाथी (गोवा) – गुप्तचर विभागके (विशेष ब्युरोके) अधिकारियोंद्वारा २९ जूनको सनातनके रामनाथी, गोवाके आश्रममें आकर सनातन संस्थाके व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठेकी पूछताछ की गई । इन अधिकारियोंने श्री. मराठेको पूछा कि क्या समाजमें घटनेवाली कुछ राष्ट्रविरोधी घटनाओंके विषयमें  आपको कुछ जानकारी हैं ? (समाजमें घटनेवाली राष्ट्रविरोधी घटनाओंके विषयमें पहले जानकारी किसे होनी चाहिए ? गुप्तचर विभागको कि सनातन संस्थाके न्यासियोंको ? इस बातसे यह आशंका उत्पन्न हो रही है कि गुप्तचर विभाग राष्ट्रविरोधी घटनाओंकी जानकारी प्राप्त करनेके बहाने सनातनके संदर्भमें क्या अधिक जानकारी प्राप्त हो सकती है, इस उद्देश्यसे पूछताछ कर रहे हैं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इन अधिकारियोंने श्री. मराठेको बताया, सनातन अच्छा कार्य कर रही है । हमें यह कार्य पंसद है । आपके कारण ही अन्य धर्मियोंद्वारा की जानेवाली राष्ट्रविरोधी घटनाके संदर्भमें हमें पता चलता है । हम भी हिंदूनिष्ठ ही हैं । वर्तमानमें यदि धर्मांधोंद्वारा कुछ राष्ट्रविरोधी घटना घटती है, तो हमें सूचित करें । साथ ही उस समय इन अधिकारियोंने अन्य राज्योंमें धर्मांधोंद्वारा हो रहे गोवंश हत्याके विषयमें बताकर हिंदुओंद्वारा उन्हें किस प्रकारसे शिक्षा दी गई, यह भी बताया । (इससे यह ध्यानमें आता है कि इस प्रकारकी बातें बताकर एवं मीठी मीठी बातें कर क्या सनातन भी इस प्रकारका कृत्य करती है, यह ज्ञात करनेका प्रयास था । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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