उत्तराखंडमें देवभूमि रक्षा अभियान कार्यान्वित !

अद्यतन


उत्तराखंडमें देवभूमि रक्षा अभियान कार्यान्वित !

१७ जुलाई २०१३

संपूर्ण भारतके हिंदू संगठनोंका संगठित उपक्रम !

श्री. विनय पानवळकर ( हिंदू जनजागृति समितिके उत्तर भारत समन्वयक ), ऋषिकेश

अभी हम ऋषिकेशके परमार्थ निकेतन आश्रममें हैं । यह आश्रम प.पू. चिदानंदमुनिजीकी प्रेरणासे आरंभ हुआ है । अक्षरधामके स्वामी नारायण आश्रम द्वारा उत्तराखंडके आपद्ग्रस्तों हेतु १६ ट्रक भरके अलग-अलग वस्तुएं, धान, दवाई इत्यादि साहित्य भेजा गया है । यह साहित्य परमार्थ निकेतन आश्रममें संग्रहित किया जा रहा है, तथा आश्रमके स्थानीय कार्यकर्ता यहांसे २० कि.मी.के अंतरपर दो गांवोंमें आपत्कालीन सहायता केंद्र चला रहे हैं । भारतभरके हिंदू संगठनोंके प्रतिनिधिके रूपमें हम पिछले दो दिनोंसे उनके साथ आपत्कालीन सहायता केंद्र कैसे चलाएं, यह सीख रहे हैं । अर्पणमें आई वस्तुओंकी आय-व्यय कैसे रखें, खाने-पीनेकी वस्तुएं खराब न हों, इस हेतु क्या सावधानी लें, गांवमें जाकर आपद्ग्रस्तोंकी  प्रत्यक्ष सहायता कैसे करें, आदि बातें अबतक हमने सीखी हैं ।

देवभूमि रक्षा अभियानके अंतर्गत हम हिंदू संगठनोंके प्रतिनिधियोंको अब संपूर्ण चमोली गांव, अर्थात वहांके आपद्ग्रस्तोंकी सहायता करनेका दायित्व दिया गया है । ऊंची चोटीपर स्थित इस गांवका निरीक्षण करने हेतु हमने १३ जुलाईकी दोपहरको प्रस्थान किया । यहां हम आपत्कालीन सहायता केंद्र स्थापित कर प्रत्यक्ष कार्यका आरंभ करनेवाले हैं । देवभूमि रक्षा अभियानके अंतर्गत १७ जुलाईतक भारतभरके हिंदू संगठनोंके प्रतिनिधियोंका १० सदस्योंका दूसरा गुट उत्तराखंड पहुंच रहा है । वह यहांके आगेकी मददका कार्य देखेगा ।

ऋषिकेशके परमार्थ निकेतन आश्रमद्वारा भारतभरके हिंदू संगठनोंके प्रतिनिधियोंके निवास तथा भोजनकी व्यवस्था तो है ही; साथ ही आश्रममें एक कार्यालय तथा एक संगणक भी उपलब्ध करा दिया गया है । इस विषयमें उनके प्रति जितनी कृतज्ञता व्यक्त करें, वह अल्प ही है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 


देवभूमि रक्षा अभियान हेतु हिंदूसंगठनके प्रतिनिधियोंद्वारा उत्तराखंड यात्रा !

१२ जुलाई २०१३

स्वामी डॉ. गंगादासजी महाराजसे भेंट करते समय विनय पानवलकर, मनीष मंजुल तथा व्योम पराशर श्री. विनय पानवलकर (हिंदू जनजागृति समितिके उत्तर भारत समन्वयक), हरिद्वार

उत्तराखंडमें प्राकृतिक आपदाके पश्चात वहांके आपद्पीडितोंकी सहायता हेतु सेवा प्रदान करनेकी दृष्टिसे हिंदू संगठनकी ओरसे मैं (श्री. विनय पानवलकर, देहली), श्री. मनीष मंजुल (समर्थ ट्रस्ट, देहली), श्री. व्योम पराशर, (अलाहाबाद) तथा श्री. मनीष अग्रवाल (अलाहाबाद) हम चारोंका दल ९ जुलाई २०१३ को हरिद्वार पहुंचा । पिछले दो दिनोंसे हम हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग आदि नगरोंतक देवभूमि रक्षा अभियानके नामपर अभ्यासयात्रा कर रहे हैं । इस क्षेत्रके विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक संगठनोंके प्रतिनिधियोंसे भेंट कर यहांकी परिस्थितिके संदर्भमें जानकारी प्राप्त कर रहे हैं । हरिद्वारमें विश्व सिंधु परिषदके स्वामी डॉ. गंगादासजी महाराजसे भेंट की । वे अपने अनुयायियोंके माध्यमसे अति दुर्गम क्षेत्रमें जाकर सहायताकार्य कर रहे हैं । सप्तमोक्षनगरीमेंसे एक, मायापुरी जाकर हमने सरस्वती शिशु मंदिरके व्यवस्थापक डॉ. विजय पालजीसे भेंट की तथा यह ज्ञात किया कि वे  अपने न्यासद्वारा आपत्कालीन सहायता किस प्रकार कर रहे हैं । ‘हरिश्चंद्र उवाच’ इस दैनिकके संपादक श्री. अनिरुद्ध भाटीद्वारा उत्तराखंडकी वर्तमान परिस्थितिके संदर्भमें हमें यथार्थ ज्ञान प्राप्त हुआ ।

दुर्गम क्षेत्रके गावोंमें अभीतक शासकीय सुविधाओंका अभाव !

आपदाके पश्चात यहांके मार्ग तथा सेतु उद्ध्वस्त हो गए हैं । अधिकांश स्थानोंपर भूस्खलन होनेके कारण दुर्गम क्षेत्रमें पहुंचना अत्यंत कठिन है । कुछ गांवोंमें केवल हेलिकॉप्टरकी सहायतासे जा सकते हैं । संपर्कतंत्र बिखर जानेसे  भूखके कारण लोगोंकी मृत्यु हो रही है । शासकीय तंत्र अभीतक वहां पहुंचा ही नहीं है । हरिद्वारके गायत्री परिवार तथा पतंजली योग समितिके कार्यकर्ता प्रतिदिनके भोजनकी आपूर्तिके शासकीय कार्यमें सेवाभावसे सहकार्य कर रहे हैं ।

संक्रमणसे छोटी छोटी ब्याधियां फैल गई; किंतु औषधियों तथा डॉक्टरोंका अभाव !

आपदाके पश्चात वहां भीषण संक्रमण फैल गया है । शासकीय तंत्र आपद्पीडितोंको भोजनकी आपूर्ति कर रहे हैं, किंतु वैद्यकीय सुविधाओंका अभाव है । आपत्कालीन सहायता करनेवाला प्रत्येक संगठन प्रश्न पूछ रहा है कि क्या हम औषधियोंकी आपूर्ति कर सकते हैं अथवा क्या अपने दलमें कोई डॉक्टर है ? कुछ गांवके लोग पीलिया रोगसे पीडीत हैं ; किंतु उन्हें पारासीटामॉलकी गोलियां  दी जारही हैं ।

कांग्रेसके राजनेताओंको सत्तामें लानेका जनता यही दंड भुगत  रही है !

मार्ग तथा वैद्यकीय असुविधाओंके कारण गर्भवती महिलाओंकी स्थिति दयनीय !

उत्तरकाशी – उत्तराखंडमें महाप्रलयके पश्चात सैकडों मार्ग तथा सेतु बह गए हैं; इसलिए राज्यके नागरिकोंको परिवहनकी  अडचनें आ रही हैं । परिणामस्वरूप वैद्यकीय सुविधाओंका अभाव है । कुछ दिन पूर्व उत्तरकाशी जनपदके नालगांवमें एक गर्भवती महिलाकी वैद्यकीय उपचारके अभावमें मृत्यु हो गई । उत्तरकाशी जनपदमें ३१८ महिलाएं गर्भवती हैं । इन महिलाओंको प्रसूति हेतु योग्य सुविधा प्राप्त होनेमें अडचनेंहैं । अतः प्रशासनने बताया है कि ये महिलाएं प्रसूतिके कुछ दिन पूर्व ही रुग्णालयमें भर्ती हो जाएं । (परिवहनकी समस्या होते हुए भी महिलाओंको इस प्रकार निरर्थक परामर्श देनेवाला कांग्रेस शासन जनताको वैचारिक क्रांतिके लिए उद्युक्त करता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

डॉक्टरोंको तथा औषधि उत्पादन करनेवाले संस्थानोंको आवाहन

उत्तराखंडमें वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध करने हेतु डॉक्टर तथा औषधियोंकी आवश्यकता है । सेवाके रूपमें १० से १५ दिनोंके लिए उत्तराखंड आनेकी इच्छा रखनेवाले डॉक्टर, साथ ही अधिक मात्रामें औषधि अर्पण करनेकी इच्छा रखनेवाली संस्थाएं निम्न निर्देशित पतेपर संपर्क करें ।

श्री. चेतन राजहंस, संपत्र (इ-मेल) : [email protected],

संपर्क क्रमांक : ८४५१००६०७३

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


उत्तराखंडके पुनर्वसन कार्य हेतु अर्पण देनेवाले इच्छुक व्यक्तियोंसे निवेदन !

उत्तराखंडमें पुनर्वसनकार्य हेतु अर्पणदाता  आगे दिए नामसे अर्थसहायता करें ।

अ. Bank Account Name : HINDU JANAJAGRUTI SAMITI
आ. Bank : IDBI Bank
इ. Branch : New Panvel (Dist. Raigad, Maharashtra)
ई. A/c Type : Saving Bank Account
उ. Bank Account Number: 023104000180320
ऊ. IFS Code : IBKL0000023
ए. Contact Person : Kum. Smita Jadhav
ऐ. Mobile No. : 9404956071/8451006025
ओ. Postal Address for Cheque / DD : HINDU JANAJAGRUTI SAMITI, Plot 107, Sanatan Ashram, Post : O.N.G.C., Devad, Taluka Panvel, Dist. Raigad, Maharashtra – 410221
Note : 1. All donations are exempted from Tax under section 80G of Income Tax Act.
2. After making deposit / transfer, kindly send your transaction details by email to [email protected]


उत्तराखंडके पुनर्वसन कार्यमें सहभागी होनेकी इच्छा रखनेवालोंके लिए आवाहन !

५ जुलाई २०१३

अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनमें सहभागी हुए हिंदूनिष्ठ संगठन तथा व्यक्तियोंद्वारा एकत्रितरूपसे यह निश्चित किया गया है कि उत्तराखंडमें आनेवाली प्राकृतिक आपदाके कारण विस्थापित हुए नागरिकोंके पुनर्वसन कार्यमें सहभाग लिया जाएगा । १५ जुलाईसे ३१ अगस्ततककी इस कालावधिमें केदारनाथ, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि स्थानोंका पुनर्वसन कार्य आरंभ होगा । इस संदर्भमें अधिकांश धर्मप्रेमी श्री. मनीष मंजुलको संपर्क कर रहे हैं । श्री. मंजुल उत्तराखंडके पुनर्वसनके नियोजनकार्यमें व्यस्त होनेके कारण महाराष्ट्र तथा गोवा राज्यके धर्मप्रेमी अपनी जानकारी श्री. रूपेश रेडकरके पास [email protected] इस संपत्रपर (इ-मेल पतेपर) अथवा ८४५१००६०७३ इस क्रमांकपर दूरभाषद्वारा सूचित करें ।

१. पुनर्वसनमें सहभागी होनेकी इच्छा रखनेवालोंके लिए आवश्यक सूचना

अ. नाम, वय, संपर्क क्रमांक तथा पूरा पता

आ. शिक्षण, नौकरी, व्यवसाय आदिके विषयमें जानकारीr

इ. यदि व्याधि (आजार)है, तो उसके विषयमें उल्लेख

ई. संगठनका नाम, पद अथवा यदि किसी भी संगठनसे संबंधित नहीं हैं, तो उस प्रकारका उल्लेख

उ. उत्तराखंडमें निवास करनेकी कालावधि

ऊ. यदि प्रथमोपचार तथा आपत्कालीन सहायताका प्रशिक्षण प्राप्त किया है, तो उसका उल्लेख

ए. यदि कुछ विशेष योग्यता, उदा. डॉक्टर, परिचारिका, वाहन चलानेकी क्षमता, स्वयंपाक आदिके विषयमें ज्ञान है, तो उसका उल्लेख

ऐ. आप्तस्वकीयोंके नाम, पता, संपर्क क्रमांक तथा उनसे  संबंध

ओ. यदि संगठनद्वारा आए हैं, तो संबंधित उत्तरदायी संगठन प्रमुखका नाम, पता तथा संपर्क क्रमांक

२. पुनर्वसनमें सहभागी होनेकी इच्छा रखनेवाले अपने साथ ये वस्तुएं रखें । उनकी सूची इस प्रकार ……

अ. कीचडमें पहनने योग्य जूते (बूट)

आ. बरसातसे बचाव करने हेतु रेनकोट

इ. अधिकतर  जीन्स, टी-शर्ट आदि बचावकार्यमें उपयुक्त वस्त्र (अंतर्वस्त्रोंके अतिरिक्त वस्त्र आवश्यक)

ई. स्वेटर, जैकेट, कानटोपी, मफलर, हाथमोजे, (पाय)मोजे आदि ठंडीसे बचाव करनेका साहित्य

उ. तीव्र ठंडीमें बचाव करने योग्य ओढना-बिछौना

ऊ. स्वयंके लिए आवश्यक औषधि (निरंतर उपयोगमें आनेवाली औषधियां वहां उपलब्ध होंगी ।)

ए. सभी साहित्य समाविष्ट हो सके  तथा पीठपर लटका सकते हैं, इस प्रकारकी थैली (सैक)

ऐ.   चाकू, टॉर्च, अपनी ऊंचाईकी बांसकी लाठी, वाटरबैग आदि उपयुक्त वस्तु

ओ. कुछ पहचानपत्रिका तथा वाहनअनुज्ञापत्र (drivinglicence)

औ. अधिकतम ३ सहस्र रुपए

अं. स्वयंके ४ छायाचित्र

३. विशेष सूचना

विशेषरूपसे मूल्यवान वस्तु, अलंकार (उदा. अंगूठी, गलेमें सोनेकी माला आदि) साथ लेकर न जाएं  ।
अर्पणदाताओंको निवेदन

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


हिंदू संगठनोंको आवाहन : उत्तराखंडमें पुनर्वसन कार्य हेतु कायकर्ताओंको भेजें !

२ जुलाई २०१३

अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनमें सम्मिलित समस्त हिंदू संगठनोंको आवाहन ! उत्तराखंडमें पुनर्वसन कार्य हेतु कायकर्ताओंको भेजें !

उत्तराखंडमें आई प्राकृतिक आपदाके कारण विस्थापित हुए नागरिकोंके पुनर्वा कार्यमें अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनमें सम्मिलित हिंदूनिष्ठ संगठन एवं व्यक्तियोंने एकत्रित रूपसे सम्मिलित होनेका निश्चय किया है । १० जुलाई से ३१ अगस्तकी कालावधिमें केदारनाथ, हरिद्वार, ऋषिकेश इत्यादि स्थानोंपर पुनर्वासन किया जाएगा । प्रत्येक हिंदू संगठनको अपने संगठनकी ओरसे न्यूनतम २ एवं अधिकाधिक २० कार्यकर्ता भेजनेका प्रबंध करना है ।

१. उत्तराखंडमें पुनर्वास कार्य करनेका उद्देश्य

अ. आगामी कालावधिमें प्राकृतिक अथवा मानव-रचित आपदाओंमें सभी संगठनोंको हिंदुओंकी रक्षाके लिए संगठित कार्य करना होगा, जिसका प्रायोगिक प्रशिक्षण यहां होगा ।

आ. उत्तराखंडकी प्राकृतिक आपत्तिका लाभ उठाकर ईसाई मिशनरी हिंदुओंके पुनर्वासकी आडमें हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । इस धर्मपरिवर्तनके कार्यको संगठित रूपसे प्रतिबंध करना है ।

२. पुनर्वास कार्यमें सम्मिलित होनेकी इच्छा करनेवाले कार्यकर्ताओंकी पात्रता

अ. शारिरीक दृष्टिसे सक्षम एवं स्वस्थ रहना आवश्यक है; इसलिए कि वहां दरार एवं घाटियोंसे जाना पडेगा तथा वहां रुग्ण होनेपर काम नहीं बनेगा ।

आ. मानसिकदृष्टिसे सक्षम होना आवश्यक है; इसलिए कि वहां अन्य जनोंका मनोधैर्य बढाना है ।

इ. वैचारिक दृष्टिसे परिपक्व  होना आवश्यक है; क्योंकि वहां ईसाई मिशनरियोंद्वारा होनेवाला हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन रोकना है ।

ई. कार्यकर्ता उत्साही एवं समर्पित मानसिकतासे कार्य करनेवाले हों ।

उ. कार्यकर्ताओंको मद्य, सिगारेट इत्यादि व्यसन न हो तथा उनमें संगठित कार्यमें अडचनें उत्पन्न करने जैसे स्वभावदोष न हों ।

ऊ. संगठनोंद्वारा भेजे जानेवाले कार्यकर्ता न्यूनतम ८-१० दिन रह सके, ऐसे हों ।

३. विशेष आवश्यकता

अ. आपत्कालमें सहायता कैसे करें, इस विषयमें प्रशिक्षित कार्यकर्ताओंको भेजने हेतु प्राधान्य दें, जिससे ये कार्यकर्ता विविध राज्योंसे आनेवाले अन्य संगठनोंके युवा कार्यकर्ताओंको प्रशिक्षित कर सके ।

आ. यदि प्रथमोपचार अथवा वैद्यकीय क्षेत्रके कार्यकर्ता उपलब्ध हों, तो उन्हें भी प्राधान्य रूपसे भेजनेका प्रबंध करें । वे वहां प्रथमोपचार अथवा वैद्यकीय कार्यमें सम्मिलित हो सकेगे ।

४. संपर्क : अपने संगठनके कार्यकर्ताओंकी एकत्रित सूचीकी जानकारी ५ जुलाईतक श्री. मनीष मंजुलको दें ।

इ-मेल : [email protected],

भ्रमणभाष क्रमांक : ०९३१३१०३०६०

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​