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उत्तराखंड की बर्बादी पर बेरुखी हमारे सितारों की

आषाढ कृष्ण १२, कलियुग वर्ष ५११५


कहां है अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरूख खान और आमिर खान से लेकर बिइंग ह्यूमन वाले सलमान खान ? कहां मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से लेकर महेन्द्र सिंह धोनी ? पूरा देश क्रिकेट से लेकर बॉलीवुड के सितारों को अपनी पलकों में बैठाकर रखता है । इन्हें अपना आदर्श मानता है । पर जब देश उत्तराखंड की त्रास के कारण शोकाकुल है, तब ये सितारे अज्ञातवास में चले गए हैं । इनमें से किसी का पता नहीं चल रहा ।

उत्तराखंड में तबाही की विभीषका से बर्बाद लाखों लोग अब अपनी जिंदगी को फिऱ से पटरी पर लाने की हरचंद कोशिश करेंगे । हालांकि जिन्होंने भी इस आपदा को साक्षात या फिर टीवी या अखबारों में देखा पढ़ा है, वे तो इसे कभी भूला नहीं पाएंगे । उनके जेहन में बाढ़ और बारिश के कारण पैदा हुए हालातों की दिल-दहलाने वाली यादें हमेशा रहेगी । अब सारा देश उत्तराखंड को खड़ा करने के लिए दिल खोलकर प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष वगैरह में सहयोग दे रहा है । पर हमारे सितारे गायब हैं । ट्वीट करने में माहिर अमिताभ बच्चन ने एक बार भी उत्तराखंड की त्रासदी पर ट्वीट नहीं किया । वे राहत कार्यों के लिए किसी तरह का सहयोग देंगे, यह वक्त ही बताएगा । कारगिल जंग के समय उन्होंने कहा था, अगर देश को जरूरत हुई तो वे रणभूमि पर जाने के लिए तैयार हैं । उनके इस प्रेरणादायी बयान की तब भूरि-भूरि प्रशंसा हुई थी । पर याद नहीं आता कि उन्होंने तब प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए कोई सहयोग दिया हो । वे अपनी पौत्री के लिए ५० करोड़ का बँगला ले या १०० करोड़ रुपया का, पर जिस देश के अवाम ने उन्हें आसमान पर बिठाया उनके लिए उनके पास एक फूटी कौढ़ी भी नहीं है । मालूम नहीं कि बिइंग ह्यूमन के जरिए समाज सेवा करने का दावा करने वाले सलमान ‘दबंग’ खान की आंखें कब खुलेंगी । वे कब सहयोग देंगे उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के लिए । हो सकता है कि ये सभी सितारे अपनी पीआर एजेंसी से बात कर रहे हों कि उन्हें कब प्रधानमंत्री राहत कोष में सहयोग देने पर मीडिया में बेहतर कवरेज मिलेगी ।

कुछ साल पहले सुनामी से कारण भी देश ने भयंकर तबाही को देखा था। तब शाहरूख खान,करण जौहर और रानी मुखर्जी ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए १.१५ करोड़ रुपये का सहयोग दिया था । ये तीनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को १.१५ करोड़ रुपये का चेक देने के लिए राजधानी आए थे । मीडिया ने इनके सहयोग को तगड़ी कवरेज दी थी । जानने वाले जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान के साथ हुई जंगों के दौरान सुनील दत्त अपनी पत्नी नरगिस के साथ भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए सरहद पर जाते थे । तो क्या बॉलीवुड में अब सुनील दत्त की विरासत को कोई नहीं संभाल रहा या संभालने के लिए तैयार ?

हर साल टेस्ट मैचों से लेकर वन डे, आईपीएल और दूसरे तमाम क्रिकेट चैंपियनशिपों में भाग लेने और विभिन्न कंपनियों के ब्रांड एबेंसेडर बनकर मोटा पैसा कमाने वाले क्रिकेटरों को भी अभी तक उत्तराखंड त्रासदी के कारण बर्बाद हुए लोगों का ख्याल नहीं आया है । विभीषका की चपेट में आए न जाने कितने लोग सचिन, धोनी, कोहली, द्रविड़ वगैरह-वगैरह के फैन होंगे । इन्होंने न जाने कितने घंटे टीवी या मैदान पर जाकर इनके खेल को देखा होगा । टिकट लेने के लिए लंबी लाइनों में खड़े रहे होंगे । स्टेडियम में घुसने के लिए तगड़ी मशक्कत की होगी । पर अफसोस कि हमारे सांसद सचिन तेंदूलकर या मूलत: उत्तराखंड से आने वाले धोनी ने एक बार भी दिल-दहलाने वाली त्रासदी पर शोक जताया हो। मुमकिन है, ये और इऩके दूसरे साथी सहयोग देने के बारे में सोच रहे हों । पर अभी तक इनका विभीषका को लेकर निर्विकार भाव रखना हैरान करता है और क्षोभ का भाव भी पैदा करता है । हरभजन सिंह ने अवश्य कुछ पैसा प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए दिया । उन्होंने उस विनाश के मंजर को खुद देखा था । उनका मौत से साक्षात्कार हुआ । वे इस बात को बार-बार बता रहे हैं । वे जोशीमठ में फंस गए थे ।

दुनिया के १६वें सबसे अमीर खिलाडी महेन्द्र सिंह धोनी प्राकृतिक आपदा का कहर झेल रहे अपने गृह राज्य उत्तराखंड को ही भूल गए हैं । उत्तराखंड में भारी वर्षा के बाद जलप्रलय में हजारों लोग मारे गए । सैकड़ों लापता है । लेकिन, इस घोर विपत्ति की घड़ी में धोनी ने ऐसे समय में अपने गृह राज्य को भुला दिया है । उनके युवा साथी खिलाड़ी और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने उत्तराखंड के पीड़ितों के लिए अपनी तरफ से एक लाख रुपए देने की घोषणा की है । आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में सवाधिक रनों के लिए गोल्डन बैट हासिल करने वाले दिल्ली के बल्लेबाज शिखर धवन ने अपना यह पुरस्कार उत्तराखंड त्रासदी के पीड़ितों को समर्पित किया था । लेकिन उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के ल्वाली गांव के मूल निवासी धोनी अपने गृह राज्य की सुध तक नहीं ले पाए । धोनी के पिता पान सिंह धोनी रोजगार की तलाश में झारखंड चले गए थे और अब रांची में बस गए हैं । और तो और, भारतीय कप्तान ने उत्तराखंड की त्रासदी को लेकर कोई संवेदना तक व्यक्त नहीं की । उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने धोनी और सचिन तेंदुलकर को मसूरी में भव्य प्लाट देने की घोषणा की थी । तेंदूलकर हर साल मसूरी में परिवार के साथ छुट्टियां मनाने भी जाते हैं परिवार के साथ । लेकिन जब धोनी और तेंदूलकर के सामने उत्तराखंड के लिए कुछ करने की बारी आई तो वह इसे भूल ही गए । बहरहाल, दुनिया उम्मीदों पर टिकी हुई है । इसलिए उम्मीद करनी चाहिए कि हमारे क्रिकेट और फिल्मी सितारे कम से कम संवेदना तो जाहिर करेंगे उत्तराखंड की बर्बादी पर ।

स्त्रोत : NITI CENTRAL

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